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मौत के मुंह से घरेलू मैदान पर नीदरलैंड्स के बल्लेबाज़ी सलाहकार कैंपबेल का प्रेरणादायक सफ़र

"पर्थ में लौटना बहुत अच्छा लग रहा है और कुछ-कुछ एक सपने सरीख़ा भी"

सिडनी से पर्थ के बीच के लंबी फ़्लाइट के दौरान रायन कैंपबेल फ़्लिम देख कर ख़ुद को व्यस्त रखने में संघर्ष कर रहे थे। ऐसे में उन्होंने हवाई जहाज़ के बाहर का नज़ारा देखना मुनासिब समझा। वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के सोने की खान के लिए मशहूर कालगूर्ली शहर के ऊपर उड़ते हुए कैंपबेल थोड़े भावुक ज़रूर हुए। नीदरलैंड्स के बल्लेबाज़ी सलाहकार ने इसी शहर में अपने बचपन के अधिकतर साल गुज़ारे थे।
ऑस्ट्रेलिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके कैंपबेल ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, "मुझे एक सुकून का एहसास हुआ। जैसे मैं घर लौट रहा हूं।"
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टी20 विश्व कप में नीदरलैंड्स के अगले मुक़ाबले से दो दिन पहले कैंपबेल अप्रैल के बाद पहली बार पर्थ में अपने घर लौटे। उस दौरान उन्हें लौटने के लिए दो साल लगे थे। कोरोना महामारी के चलते वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने अपनी सीमाओं पर कठोर प्रतिबंध लगा रखे थे और कोचिंग के साथ आना-जाना कठिन था। कैंपबेल याद करते हैं, "मैंने उस बार कोविड-19 के बाद पहली बार अपने माता-पिता को देखा। मैं अपने दोस्तों से मिला और हम [एएफ़एल टीम] डॉकर्स को लाइव खेलते हुए देखने गए। मैं फ़िट था और मेरा स्वास्थ्य अच्छा था।"
पर्थ से वापस लंदन जाने के कुछ दिन बाद कैंपबेल अपने बच्चों के साथ एक सार्वजानिक मैदान में खेल रहे थे जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उन्हें वहीं सीपीआर देना पड़ा और सात दिन उन्होंने कोमा में बिताए। चिकित्सकों ने उनके बचने की केवल सात प्रतिशत संभावना दी लेकिन कैंपबेल ने संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ कर दिखाया है।
उन्होंने कहा, "इसी वजह से जितने लोग पर्थ में मिले हैं उन्हें विश्वास नहीं होता कि पिछली बार यहां से जाते ही क्या घट गया था। सब स्तब्ध थे।" इतने कठिन परिस्थितियों से गुजरने के बाद सात और चार साल के बच्चों के पिता कैंपबेल ने शुक्रवार को पर्थ पहुंचते ही अपने क़रीबी दोस्तों के साथ मिलकर समय बिताया। कैंपबेल ने कहा, "यहां लौटना बहुत अच्छा लग रहा है और कुछ-कुछ एक सपने सरीख़ा भी। जब हम [पहले दौर के लिए] जिलॉन्ग में थे तब भी कुछ दोस्त मिलने आए थे। कुछ लोग लास वेगस, हॉन्ग कॉन्ग, पर्थ, सिडनी और मेलबर्न से आए थे। यह बहुत भावुक पल था। उम्रदराज़ लोग मुझसे गले मिलकर रो रहे थे। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि ऐसे दोस्त मेरे जीवन में हैं।"
कैंपबेल अपनी आकर्षक विकेटकीपिंग और आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए अपने दोस्तों में 'प्रिंस ऑफ़ पर्थ' बुलाए जाते थे। उन्होंने वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के लिए 1990 के दशक में माइकल हसी के साथ एक असरदार सलामी जोड़ी का गठन भी किया था। उन्होंने भले ही ऑस्ट्रेलिया के लिए 2002 में दो वनडे ही खेले हों लेकिन 2006 में संन्यास लेकर विदेश जाने से पहले वह स्थानीय मीडिया के लिए एक लोकप्रिय खिलाड़ी थे। उन्होंने कहा, "मुझे कभी-कभी यह भी लगता था कि मैं शायद कभी पर्थ लौट नहीं पाऊंगा। मैंने नीदरलैंड्स में पांच साल गुज़ारे हैं और उससे पहले हॉन्ग कॉन्ग में भी पांच साल लेकिन मेरे लिए घर हमेशा पर्थ ही कहलाएगा।"
हवाई अड्डे से होटल जाते हुए कैंपबेल उत्साह के साथ नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों को पर्थ शहर से परिचित करवा रहे थे। उनके अधिकतम खिलाड़ियों के लिए इस शहर में आने का यह पहला मौक़ा है। कैंपबेल ने कहा, "मैं ऐसा महसूस कर रहा था जैसे कोई पिता अपने बच्चों को किसी मेहमान से मिलवा रहा हो। मैंने उन्हें स्टेडियम और स्वॉन नदी दिखाई। सब को पर्थ से प्यार हो चुका है।"
मुख्य कोच की ज़िम्मेदारी अब कैंपबेल, रायन कुक को सौंप चुके हैं और इस विश्व कप के साथ नीदरलैंड्स के साथ उनके छह साल का संबंध भी ख़त्म होगा। हालांकि उनके बच्चे नीदरलैंड्स में रहना पसंद करते हैं, डच भाषा लिखने और बोलने में सहज हैं और आने वाले फ़ुटबॉल विश्व कप में नीदरलैंड्स का समर्थन करेंगे। कैंपबेल ने कहा, "मेरा परिवार यूरोप में काफ़ी ख़ुश है। हम वहां से तब ही हटेंगे अगर कुछ पुख़्ता कहीं और मिले। मैं ऑस्ट्रेलिया में कोच करना चाहूंगा लेकिन वहां मौक़े कम ही हैं। ऐसे में अगर ब्रिटेन या कहीं और कोई अवसर मिले तो वही सही।"
नीदरलैंड्स सुपर 12 में बांग्लादेश और भारत से हार चुका है लेकिन पहले पड़ाव में उन्होंने अपने लिए कुछ बेहतरीन यादें बना ली हैं। सेमीफ़ाइनल में स्थान बनाने के लिए संघर्ष कर रही पाकिस्तान टीम के विरुद्ध कैंपबेल का स्थानीय ज्ञान उनकी टीम के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा, "मेरे लिए स्थानीय फ़ैन का स्कॉर्चर्स की नारंगी पोशाक में आना और डच टीम का समर्थन करना किसी सपने से कम नहीं होगा। मैं बेताब हूं कि हमारे लड़के पर्थ के समर्थकों के सामने खेलें। यह एक यादगार अनुभव होगा।"

ट्रिस्टन लैवलेट पर्थ में स्थित पत्रकार हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।