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अश्विन : 'इस पिच पर आपको बल्लेबाज़ों को ड्राइव लगाने पर मजबूर करना था'

नागपुर टेस्ट में मिली बड़ी हार में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को पिच से कोई आश्चर्य नहीं हुआ

R Ashwin got rid of David Warner, trapping him in front, India vs Australia, 1st Test, Nagpur, 3rd day, February 11, 2023

ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 91 पर समेटने में अश्विन की बड़ी भूमिका रही  •  Getty Images

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के नए अध्याय की शुरुआत पिच से संबंधित चर्चा के साथ हुई थी। सोशल मीडिया और हर जगह यह अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि मेहमान टीम ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ से भरे बल्लेबाज़ी क्रम को देखते हुए पिच के विशेष हिस्सों पर कम पानी दिया जाएगा ताकि उन्हें और परेशानी हो।
इन सभी गतिविधियों और चर्चाओं पर पार पाते हुए भारत के निचले मध्य क्रम के दो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों ने मैच-जिताऊ नहीं तो कम से कम महत्वपूर्ण पारियां खेली। नंबर सात पर आए रवींद्र जाडेजा और नंबर नौ पर उतरे अक्षर पटेल ने क्रमशः 70 और 84 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को मैच से बाहर कर दिया। इसके बाद दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम ढाई घंटे भी टिक नहीं पाई और 91 रनों पर ऑलआउट हो गई
अब इसका क्या अर्थ निकाला जाए? क्या यह पिच बल्लेबाज़ी करने के लिए लगभग नामुमकिन थी? क्या पिच के व्यवहार में बड़ा बदलाव आया था? ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस की माने तो पिच बिल्कुल उनकी उम्मीदों के अनुसार थी।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कमिंस ने कहा, "मुझे लगता है कि पिच वैसी थी, जैसा हमने सोचा था। इस पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अधिक उछाल नहीं था और तीनों दिन स्पिनर सबसे घातक नज़र आ रहे थे। कभी-कभी तो स्पिनरों को खेलना बहुत कठिन था। इसलिए कोई आश्चर्य की बात नहीं थी।"
वहीं अपने टेस्ट करियर में 31वीं बार एक पारी में पांच विकेट लेने तथा 450 टेस्ट विकेट पूरे करने वाले रविचंद्रन अश्विन को लगा कि यह विकेट बहुत धीमी थी।
ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए अश्विन ने कहा, "जैसा कि मैं इस पूरे टेस्ट मैच के दौरान कहता आया हूं, यह पिच बहुत धीमी थी और आपको बल्लेबाज़ों को ड्राइव लगाने पर मजबूर करना था। यह वैसी पिच नहीं थी जहां गेंद (बल्लेबाज़ के) ग्लव्स पर लगकर शॉर्ट लेग या सिली प्वाइंट के पास जाती।"
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, "इसलिए मैंने सोचा कि मैं उन्हें ड्राइव लगाने के लिए एक-दो गेंदें दूंगा और फिर शॉट खेलने के लिए ललचाऊंगा। मुझे लगा कि यह वैसी पिच है क्योंकि उछाल थोड़ा कम नज़र आ रहा था।"
पहले दिन से स्पिन और कम उछाल तो इस पूरी सीरीज़ के दौरान ऑस्ट्रेलिया का पीछा करता रहेगा। अगर मेहमान टीम को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी पर भारत के दबदबे को कम करना है तो उसे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान खोजना होगा।

अफ़्ज़ल जिवानी (@jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।