गिल : पंत का रन आउट होना मैच का निर्णायक पल था
भारत और इंग्लैंड के बीच हुए तीसरे टेस्ट में भारत को मिली हार के बार गिल ने मैच के अहम पलों के बारे में चर्चा की
ESPNcricinfo स्टाफ़
14-Jul-2025
भारत के कप्तान शुभमन गिल ने लॉर्ड्स टेस्ट के रोमांचक आख़िरी दिन में अपनी टीम की जुझारू कोशिशों पर गर्व जताया।
लंच से ठीक पहले जब भारत का स्कोर 82 पर 7 हो गया था, तब लगा कि मैच जल्दी ख़त्म हो जाएगा। लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाज़ों ने डटकर मुक़ाबला किया और मैच को आखिरी सत्र तक ले गए। अंततः भारत 170 रन पर ऑल आउट हो गया और 22 रन से हार गया। इस जीत के साथ इंग्लैंड ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में 2-1 की बढ़त बना ली।
गिल ने पोस्ट-मैच प्रेज़ेंटेशन में कहा, "मैं बेहद गर्व महसूस कर रहा हूं। कोई भी टेस्ट मैच इससे ज़्यादा क़रीबी नहीं हो सकता। पांच दिन तक कड़ा मुकाबला चला, जिसका फै़सला आख़िरी सत्र और आख़िरी विकेट गिरने के बाद आया। हमारी टीम ने इस मैच में जिस तरह का जुझारूपन दिखाया, उससे मैं बहुत ख़ुश हूं।
जब शोएब बशीर ने मोहम्मद सिराज को आउट कर इंग्लैंड को जीत दिलाई, तब रवींद्र जाडेजा 61 रन पर नाबाद रहे। यह एक अदभुत भरी पारी थी। उन्होंने 181 गेंदें खेलीं और निचले क्रम को बखू़बी संभाला। उन्होंने नीतीश रेड्डी के साथ 30, जसप्रीत बुमराह के साथ 35 और सिराज के साथ 23 रन जोड़े।
गिल ने जाडेजा के बारे में कहा, "वह बहुत अनुभवी खिलाड़ी हैं। हमने उन्हें कोई संदेश नहीं भेजा। वह निचले क्रम के साथ शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे थे। हम बस यही चाहते थे कि वह और निचले क्रम के बल्लेबाज़ जितना लंबा खेल सकें, खेलें।"
जब इस दिल तोड़ने वाली हार की वजह बात की गई, तो गिल ने माना कि भारत ने खु़द को चौथे दिन की आख़िरी घड़ी में मुश्किल में डाल दिया। चौथे दिन शाम को करुण नायर, खु़द गिल और नाइटवॉचमैन आकाशदीप का विकेट काफ़ी कम अंतराल में गिर गया था। उस समय भारत का स्कोर 41/1 से 58/4 हो गया था। गिल को लगा कि अगर शीर्ष क्रम से एक अर्धशतकीय साझेदारी मिल जाती, तो नतीजा कुछ और हो सकता था।
उन्होंने कहा, "आख़िरी एक घंटे में हम थोड़ी बेहतर बल्लेबाज़ी कर सकते थे। ख़ासतौर पर जो दो आखिरी विकेट गिरे। वहां हमसे ग़लती हुई। आज सुबह भी, जिस तरह इंग्लैंड ने योजनाबद्ध गेंदबाज़ी की, हम बस एक 50 रन की साझेदारी की उम्मीद कर रहे थे। अगर टॉप ऑर्डर से एक भी साझेदारी मिल जाती, तो चीज़ें आसान हो जातीं।"
क्या पंत, राहुल और वाशिंगटन सुंदर के एक ही सत्र में आउट हो जाने के बाद भी कोई उम्मीद बची थी। इस सवाल के जवाब में गिल ने कहा, "जब तक बल्लेबाज़ी बची थी, उम्मीद भी थी। हमें बस एक 50-60 रन की साझेदारी चाहिए थी। टारगेट बहुत बड़ा नहीं था। बस एक अर्धशतकीय साझेदारी और हम मैच में वापस आ सकते थे।"
गिल ने चौथे दिन लंच से ठीक पहले हुए पंत के रनआउट को भी मैच का टर्निंग प्वाइंट माना। पंत और राहुल ने शतकीय साझेदारी कर पहली पारी में भारत को अच्छी स्थिति में पहुंचा दिया था। लेकिन राहुल को लंच से पहले शतक दिलाने की जल्दबाज़ी में तेज़ सिंगल लेने की कोशिश की गई और पंत रन आउट हो गए। इस विकेट ने मैच का रुख पलट दिया।
गिल ने कहा, "निश्चित रूप से वह मैच का टर्निंग प्वाइंट था। एक समय पर हमें लगा था कि अगर हम 80-100 रन की बढ़त ले लें, तो वो निर्णायक साबित हो सकती है। हमें पता था कि पांचवें दिन इस विकेट पर 150-200 रन चेज़ करना आसान नहीं होगा। अगर हमें वो बढ़त मिल जाती, तो हम बहुत अच्छी स्थिति में होते।"