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रेटिंग्स : रोहित, स्पिन तिकड़ी अकेले ऑस्ट्रेलिया पर भारी

भारत के लिए चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली और के एल राहुल को सबसे कम अंक मिले

Rohit Sharma leads the Indian team onto the field, India vs Australia, Border-Gavaskar Trophy, 1st Test, Nagpur, 1st day, February 9, 2023

भारत के लगभग सभी खिलाड़ियों ने अपना योगदान दिया  •  BCCI

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले टेस्ट से पूर्व पूरी चर्चा संभावित पिच के व्यवहार को लेकर चल रही थी। पिच ने स्पिन गेंदबाज़ों को ज़रूर काफ़ी मदद दी, लेकिन भारत ने गेंद और बल्ले दोनों के साथ दिखाया कि अगर आप कौशल और आत्म-विश्वास के साथ खेल सकते हैं तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। बल्ले के साथ कप्तान रोहित शर्मा (120) और भारतीय स्पिन तिकड़ी रवींद्र जाडेजा (मैच में सात विकेट और 70 रन), रविचंद्रन अश्विन (दूसरी पारी में पांच विकेट) और अक्षर पटेल (बल्ले के साथ नौवें नंबर पर 84) इस मैच के सबसे बड़े नायक रहे।



क्या सही, क्या ग़लत?

जब आप विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में शीर्ष की टीम को पारी और 132 रनों से रौंदते हैं, तब आपकी कमज़ोरी पर कोई ख़ास टिप्पणी नहीं की जा सकती। एक-आध कैच ज़रूर ड्रॉप हुए लेकिन ऐसा सर्वश्रेष्ठ टीमों के साथ भी होना असामान्य नहीं।

अगर सही की बात करें, तो सबने अपनी भूमिका समझकर अच्छे से निभाया। रोहित ने बल्ले और कप्तानी दोनों में कमाल किया और पूरी गेंदबाज़ी क्रम ने प्रभावित किया। डेब्यू पर कीपर श्रीकर भरत का प्रदर्शन भी अच्छा था। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली के बल्लों से बिना किसी बड़े योगदान के 400 बनाना भी अपने आप में एक उत्साहवर्धक बात है।

प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)


रोहित शर्मा, 10: नागपुर की पिच शुरुआत से ही बल्लेबाज़ी के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण थी। इस पर रोहित की बल्लेबाज़ी आश्वस्त करने वाली और सकारात्मक थी। उन्होंने दूसरे छोर पर कई सीनियर साथियों को खोया लेकिन अपनी एकाग्रता में कोई कमी नहीं आने दी। इसके अलावा उनकी कप्तानी भी बड़े सीरीज़ के पहले मैच में एक बड़ी मिसाल बनी रही।

के एल राहुल, 5: राहुल दरअसल अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे थे और स्पिन व तेज़ गेंदबाज़ी दोनों को काफ़ी आराम से संभाल रहे थे। ऐसे में एक फ़ुल गेंद पर टर्न के विपरीत खेलने की कोशिश ने उन्हें अपनी पहली ही ग़लती पर पवेलियन वापस भेजा। हालांकि ऑस्ट्रेलिया को 177 पर आउट करने के बाद उनकी और रोहित की सलामी साझेदारी काफ़ी अहम थी।

आर अश्विन, 9: अश्विन को इस मैच में हावी होने में थोड़ा समय लगा, लेकिन उनकी गेंदबाज़ी काफ़ी ज़बरदस्त रही, ख़ास कर आख़िरी दिन भारत को जीत की राह पर दौड़ाने के मामले में। इसके अलावा उन्होंने पहले दिन के आख़िरी दो ओवरों में बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरने के बाद दूसरे दिन रोहित के साथ बेशक़ीमती रन भी जोड़े।



चेतेश्वर पुजारा, 4: पुजारा जब बल्लेबाज़ी करने उतरे, तो भारत मैच में हावी होने के काफ़ी क़रीब था। उन्होंने आक्रामक बल्लेबाज़ी करते हुए शुरुआत की, लेकिन इसी रणनीति के चलते डेब्यू कर रहे टॉड मर्फ़ी की एक ख़राब गेंद को स्वीप करने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे। अपने आप में यह बहुत बड़ी ग़लती नहीं थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को वापसी की उम्मीद देने के लिए उनके अंक थोड़े कम होते हैं।

विराट कोहली, 4.5 : आप कह सकते हैं कि कोहली ने इस मैच में स्लिप पर खड़े होकर दो अच्छे कैच पकड़े, लेकिन यह भी सत्य है कि उन्होंने वहीं दो कैच टपकाए भी। बल्ले के साथ भी उनकी शुरुआत अच्छी लगी और दो ज़बरदस्त स्ट्रेट ड्राइव चौकों के साथ उनके फ़ॉर्म में होने के चिन्ह भी दिखे। ऐसे में उन्होंने पुजारा की तरह एक ख़राब गेंद पर अपना विकेट गंवाया।

सूर्यकुमार यादव, 5: टेस्ट डेब्यू पर सूर्या जब बल्लेबाज़ी करने उतरे तब भारत 26 रन से पीछे था और दूसरे छोर पर रोहित ग़ज़ब की बल्लेबाज़ी कर रहे थे। उन्होंने स्कोरिंग की शुरुआत एक ख़ूबसूरत स्वीप से चार रन से किए, लेकिन नेथन लायन के ख़िलाफ़ टर्न के विरुद्ध ड्राइव लगाने के चक्कर में जल्दी आउट हो गए। उन्हें शायद अपना स्थान वैसे भी फ़िट होने पर श्रेयस अय्यर को देना पड़ेगा, लेकिन उनकी सकारात्मकता को देखते हुए उनसे आगे सीरीज़ में टीम प्रबंधन रनों की उम्मीद रखेगा।

रवींद्र जाडेजा, 10: चोट से लौटते हुए जाडेजा ने पहले ही दिन गेंद से प्रभाव डाला और मार्नस लाबुशेन व स्टीवन स्मिथ के बहुमूल्य विकेट समेत पंजा खोला। अगले दिन उन्होंने बल्ले से रोहित के साथ अच्छे रन जोड़े और तीसरे दिन भी दो विकेट लेकर मैच पर अपने प्रभाव को बरक़रार रखा।

श्रीकर भरत, 7.5: भरत की कीपिंग सुरक्षित थी और उन्होंने मैच के पहले पांच मिनट के भीतर मोहम्मद सिराज को रिव्यू के ज़रिए पगबाधा विकेट दिलवाने में अपनी भूमिका निभाई। बल्ले के साथ उन्होंने आक्रामक रवैय्या अपनाने की कोशिश में अपनी विकेट गंवाई।

अक्षर पटेल, 9: अक्षर इस मैच में तीसरे स्पिनर के रूप में खेले लेकिन उनका बड़ा योगदान बल्ले के साथ रहा। जाडेजा के साथ और फिर आख़िरी दो बल्लेबाज़ी की संगति में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों को पूरे भरोसे के साथ खेला। एक शतक लगाना उनकी एकाग्रता और अनुशासन के लिए सही इनाम रहता, लेकिन निःस्वार्थ तरीक़े से आक्रमण करते हुए ही वह भारत के लिए आख़िरी आउट होने वाले बल्लेबाज़ रहे।

मोहम्मद शमी, 9: इस टेस्ट की पहली और आख़िरी झलक रही शमी गति और मूवमेंट के साथ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को परेशान करते हुए। उन्होंने पहले दिन डेविड वॉर्नर को आउट करने के लिए एक कमाल की गेंद डाली और तीसरे दिन रिवर्स स्विंग के साथ मैच को जल्दी ख़त्म करने में अपनी महारथ दिखाई। दोनों प्रयासों के बीच थी केवल 47 गेंदों में बनाए गए 37 रन, जहां भाग्य उनके साथ था लेकिन उनके कुछ शॉट भी यादगार थे।

मोहम्मद सिराज, 8: तीन दिनों में इतना कुछ घटा कि मैच के पहले नाटकीय मोड़ को भूलना आसान है। सिराज 2020-21 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के काफ़ी हद तक बड़े नायक थे और यहां उन्होंने अपनी पहली गेंद पर ऑस्ट्रेलिया को बैकफ़ुट पर डालने का काम किया। अच्छी लंबाई और गति से गेंद को आउटस्विंग करवाते हुए उन्होंने उस्मान ख़्वाजा को विकेट के सामने फांसा और वहां से मैच में एक ही टीम हावी थी।

देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर असिंस्टेंट एडिटर और क्षेत्रीय भाषा प्रमुख हैं