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दूसरा सबसे तेज़ दोहरा शतक लगाकर राहुल सिंह ने खींचा ध्यान

हैदराबाद के प्‍लेट ग्रुप में जाने के बाद राहुल जानते थे कि चयनकर्ताओं की नज़रों में आने के लिए कुछ अलग करना होगा

Rahul Singh looks on

राहुल ने 115 गेंद में 215 रन की पारी खेली  •  Courtesy Rahul Singh

राहुल सिंह शुक्रवार की सुबह यह सोचते हुए उठे कि उन्‍हें कुछ अलग करना है। उनकी टीम हैदराबाद प्‍लेट ग्रुप में चली गई जहां पर 2023-24 रणजी ट्रॉफ़ी के अपने पहले मैच में उन्‍हें नागालैंड से भिड़ना था। खिलाड़ियों को ख़ुद को उस स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए "अतिरिक्त प्रेरणा" की आवश्यकता थी।
नगालैंड के कप्‍तान रोंगसेन जॉनाथन के क्षेत्ररक्षण चुनने के बाद राहुल तीन ओवर बाद ही लय में आ गए। राहुल 143 गेंद पर दोहरा शतक लगाकर सबसे तेज़ प्रथम श्रेणी दोहरा शतक लगाने के मामले में भारतीयों में दूसरे नंबर पर आ गए। इससे पहले 1984-85 में बड़ौदा के ख़‍िलाफ़ रवि शास्‍त्री ने 123 गेंद में दो शतक लगाया था।
राहुल ने 214 रन बनाए जो उनका सर्वश्रेष्‍ठ प्रथम श्रेणी स्‍कोर है। इसके अलावा तन्‍मय अग्रवाल (80) और कप्‍तान तिलक वर्मा (100*) के योगदान से हैदराबाद ने 76.4 ओवर में पांच विकेट पर 474 रन बनाए वह भी 6.18 के रन रेट से और आख़‍िरी सत्र में पारी घोषित कर दी।
ESPNcricinfo से बात करते हुए राहुल ने कहा, "माइंडसेट हावी होने का था। इस तरह से हम ध्‍यान खींच सकते थे, इस स्‍तर पर यह कुछ अलग करने से ही हो सकता है। जिससे मेरा मतलब है कि तेज़ शतक या दोहरा शतक लगा, इसके अलावा आप कभी ध्‍यान नहीं खींच सकते। जब मैं बल्‍लेबाज़ी के लिए गया तो यही मेरी प्रेरणा थी और मैं ख़ुश हूं कि यह काम कर गया।"
यह और भी ख़ास इसीलिए है क्‍योंकि राहुल पहली बार हैदराबाद के लिए प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे थे। एक दशक से भी पहले उन्‍होंने हैदराबाद के लिए लिस्‍ट ए और टी20 डेब्‍यू किया था लेकिन इसके बाद उन्‍हें भारतीय सेना में जाने का मौक़ा मिला और वह सर्विसेज से खेलने लगे, जहां आर्म फ़ोर्स के ख‍िलाड़ी खेलते हैं।
राहुल पांच साल की उम्र में हैदराबाद चले गए थे। उनको स्थानीय कोच बीजू नायर ने सेना में नौकरी के लिए सिफ़ारिश की थी, जिन्होंने हैदराबाद में सेना की क्रिकेट भर्ती प्रक्रिया का नेतृत्व किया था। और जब क्रिकेट खेलने के अवसर के साथ नौकरी की सुरक्षा का लालच आया, तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।
सर्विसेज के साथ अपने पहले प्रथम श्रेणी सीज़न में 2016-17 में राहुल पांचवें सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्‍लेबाज़ थे। उनसे आगे प्रियांक पांचाल (1310), नितिन सेनी (989), प्रशांत चोपड़ा (978) और ऋषभ पंत (972) थे। राहुल ने तब 15 पारियों में दो शतक और सात अर्धशतक समेत 945 रन बनाए थे।
अगले सात सीज़न वह सर्विसेज के लिए खेले। 2023-24 से पहले जब उन्‍हें लगा कि चीज़ें काम नहीं कर रही हैं तो उन्‍होंने किसी दूसरी टीम से खेलने का फ़ैसला किया। उनकी पहली कॉल हैदराबाद से आई। टीम अपने सबसे निचले स्तर पर थी और उसे पटरी पर वापस लाने के लिए अनुभव की सख्‍़त ज़रूरत थी।
राहुल ने कहा, "यह मुश्किल फ़ैसला नहीं था, क्‍योंकि मैं हैदराबाद में ही खेलकर बड़ा हुआ हूं। मैं यहां विजय पॉल के निर्देशन में ऐज ग्रुप क्रिकेट खेला। हैदराबाद में सेना के क्‍लब एओसी के लिए खेला। सौभाग्य से इस साल, क्लब क्रिकेट कैलेंडर पर वापस आ गया और वहां रन बनाने से मुझे चयन मैचों में मौक़ा मिला जहां मैंने इस अवसर को पाने के लिए अच्छा प्रदर्शन किया।"
साथ ही, राहुल को भारत के पूर्व विकेटकीपर एमएसके प्रसाद से भी काफ़ी समर्थन मिला है। प्रसाद ने युवा राहुल को ज़‍िमख़ाना मैदान में खेलते हुए देखा था और उसे अपने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के लिए खेलने के लिए आमंत्रित किया जो रक्षा मंत्रालय के तहत एक सरकारी संगठन है।
राहुल ने कहा, "एमएसके स‍र ने मेरी पहली क्रिकेट किट दिलाई थी। उन्‍होंने हमेशा से मेरा समर्थन किया है। मेरे परिवार के साथ ही उनका मेरे खेल में काफ़ी योगदान है।"
28 वर्ष की उम्र में राहुल जानते हैं कि उन्‍हें काफ़ी काम करना है। राहुल जानते हैं कि अभी बहुत काम करना है। वह यह कहने में व्यावहारिक हैं कि अगली पीढ़ी के बल्लेबाज़ों की मदद करना इंडिया कैप जैसी दूर की कौड़ी की तुलना में अधिक यथार्थवादी है।
राहुल ने कहा, "अगले कुछ वर्षों में लक्ष्य हैदराबाद को तीन घरेलू टूर्नामेंटों में से कम से कम एक जिताने में मदद करना है। और बल्लेबाज़ों के अगले समूह को मार्गदर्शन देना भी लक्ष्‍य है। अगर हम ऐसा कर सकते हैं, तो हम कुछ खोए हुए गौरव को वापस पाने और घरेलू सर्किट में फिर से अधिक प्रतिस्पर्धी टीम बनने की दिशा में कुछ कदम उठाएंगे।"