गुरुवार को राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच हुए
मुक़ाबले में मेज़बान टीम राजस्थान ने चेन्नई को 32 रनों से हरा दिया। यह राजस्थान का 200वां आईपीएल मैच था और उन्हें एक बड़ी जीत हासिल हुई।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी राजस्थान की टीम ने
यशस्वी जायसवाल के आतिशी 77 रन और ध्रुव जुरेल व देवदत्त पड़िक्कल की उपयोगी पारियों की बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में 202 रन का एक विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में राजस्थान के स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन और ऐडम ज़ैम्पा के सामने चेन्नई के बल्लेबाज़ घुटने टेकते हुए दिखे। आइए जानते हैं खेल के सभी विभागों में किस टीम ने कौन सा ग्रेड हासिल किया, हमारे रिपोर्ट कार्ड में।
राजस्थान (A) : राजस्थान की शुरुआत बहुत तेज़ हुई थी और उन्होंने पहले आठ ओवरों में 80 से अधिक रन बना लिए थे। ऐसे में लग रहा था कि राजस्थान की टीम 220 के ऊपर का स्कोर खड़ा करेगी। हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि जहां एक तरफ़ यशस्वी मैदान के चारों तरफ़ शॉट लगा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ़ जॉस बटलर, कप्तान संजू सैमसन और शिमरॉन हेटमायर जैसे बल्लेबाज़ संघर्ष करते हुए नज़र आ रहे थे। गेंद उनके बल्ले पर सही से नहीं आ रही थी और वे टाइमिंग प्राप्त करने के लिए संघर्षरत थे। पारी के बाद में देवदत्त पड़िक्कल के साथ भी यही हुआ, उन्होंने रन तो बनाए लेकिन उनके अधिकतर रन अंदरूनी किनारे और भाग्य से आए। हां, ध्रुव जुरेल ने अंत में कुछ दर्शनीय शॉट खेले और राजस्थान के स्कोर को 200 के पार पहुंचाया।
चेन्नई (B-) : चेन्नई के बल्लेबाज़ों ने पावरप्ले के अंत तक विकेट तो नहीं गंवाया, लेकिन एक धीमी शुरुआत दी। इस वजह से जब स्पिनर्स आए तो रन रेट के दबाव में उन्होंने हाथ खोलना शुरु किया और जिसका ख़ामियाज़ा उन्हें विकेट के रूप में भुगतना पड़ा। उनके शुरुआती चार बल्लेबाज़ों ने जल्दबाज़ी में हवा में शॉट खेल अपने विकेट गंवाए, ऐसा लग रहा था कि सभी जल्दी में है। हालांकि बाद में एक छोर पर शिवम दुबे ने अपने फ़ॉर्म को बरक़रार रखा और एक और अर्धशतक लगाया, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें कभी भी पर्याप्त और तेज़ सहयोग नहीं मिल सका।
राजस्थान (A+) : ऐसी पिच पर जहां महीश थीक्षणा को छोड़कर चेन्नई के सभी गेंदबाज़ बहुत महंगे साबित हुए और जमकर रन दिए, राजस्थान के गेंदबाज़ों ने चेन्नई के बल्लेबाज़ों को बांधे रखा। अनुभवी संदीप शर्मा और इंपैक्ट प्लेयर के रूप में आए युवा तेज़ गेंदबाज़ कुलदीप यादव ने पावरप्ले में कसी हुई गेंदबाज़ी की, जिसका फ़ायदा मध्य ओवरों में राजस्थान की स्पिन तिकड़ी को हुआ। हालांकि अभी तक राजस्थान के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले युज़वेंद्र चहल इस मैच में दुर्भाग्यशाली रहे कि उन्हें सिर्फ़ दो ही ओवर गेंदबाज़ी मिली और उन्हें कोई विकेट नहीं मिल सका। लेकिन उनकी कमी को ऐडम ज़ैम्पा और आर अश्विन ने क्रमशः तीन और दो विकेट लेकर पूरा किया। उनकी टर्न लेती गेंदबाज़ी का चेन्नई के बल्लेबाज़ों के पास कोई जवाब नहीं था।
चेन्नई (A-) : मध्य ओवरों की थोड़ी कसी हुई गेंदबाज़ी को छोड़ दिया जाए तो चेन्नई के तेज़ गेंदबाज़ और स्पिनर साधारण साबित हुए। पावरप्ले में उनके युवा तेज़ गेंदबाज़ों ने आसान रन दिए, वहीं मध्य ओवरों में उनके स्पिनर्स विकेट नहीं चटका पाए। हालांकि बीच में वे ज़रूर बटलर, सैमसन और हेटमायर जैसे पावर हिटिंग बल्लेबाज़ों को बांधने में क़ामयाब रहे, लेकिन यशस्वी के करारे प्रहारों का उनके पास कोई जवाव नहीं था। डेथ ओवरों में श्रीलंकाई तेज़ गेंदबाज़ मथीशा पथिराना ने ज़रूर कुछ बेहतरीन यॉर्कर डाले, लेकिन वह भी दुर्भाग्यशाली रहे कि कई गेंदें अंदरूनी किनारा लेकर बाउंड्री पार गईं।
राजस्थान (A), चेन्नई (B+) : जब दोनों टीमें टॉस के लिए आई तो दोनों की रणनीति अलग थी। जहां राजस्थान टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करना चाहता था, वहीं अगर चेन्नई टॉस जीतता तो वे गेंदबाज़ी के लिए जाते। राजस्थान के लिए पड़िक्कल को नंबर छह पर लाना समझ से परे था, क्योंकि हमने देखा है कि वह अगर नंबर तीन तक आते हैं तो अच्छा करते हैं। आज भी गेंद उनके बल्ले पर सही से नहीं आ रहे थे और उन्होंने भाग्य से रन बंटोरा। जहां एक तरफ़ राजस्थान की ओर से आज उनके इंपैक्ट खिलाड़ी कुलदीप ने बेहद ही कसी हुई गेंदबाज़ी की और तीन ओवरों में सिर्फ़ 18 रन देकर एक विकेट लिए, वहीं चेन्नई के इंपैक्ट प्लेयर अंबाती रायुडू एक बार फिर असफल हुए और शून्य पर पवेलियन लौटे। रायुडू का अगर यही फ़ॉर्म बरक़रार रहा तो धोनी को अपनी इंपैक्ट प्लेयर की नीति जल्द से जल्द बदलनी चाहिए। क्षेत्ररक्षण में दोनों टीमों ने कुछ ख़ास ग़लतियां नहीं की, लेकिन कई बार चेन्नई के डीप फ़ील्डरों ने राजस्थान के बल्लेबाज़ों को आसान रन दिए, जिसके कारण मैदान में धोनी कई बार निराश और अपने क्षेत्ररक्षकों से नाराज़ भी दिखें।