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रोहित: यह वैसी पिच नहीं थी, जहां आप क्रीज़ पर आते ही बड़े शॉट खेलना शुरू कर दें

भारतीय कप्तान ने रवींद्र जाडेजा की जमकर तारीफ़ की

दिल्ली में जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए टेस्ट मैच का दूसरा दिन ख़त्म हुआ तो एक बार के लिए ऐसा लगा कि मैच में कहीं न कहीं ऑस्ट्रेलिया आगे है। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ों ने भारत को ज़्यादा स्कोर नहीं बनाने दिया था और उसके बाद अपनी दूसरी पारी में वह एक विकेट के नुक़सान पर 61 रन बना चुके थे। ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन ने आर अश्विन और रवींद्र जाडेजा के ख़िलाफ़ कुछ अच्छे चौके भी लगाए थे। कुल मिलाकर तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने के बाद ऑस्ट्रेलिया एक अच्छी स्थिति में था।

ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भारत को अपनी दूसरी पारी में एक अच्छे-ख़ासे लक्ष्य का सामना करना पड़ेगा, जो कहीं से भी आसान नहीं होने वाला था, क्योंकि पिच पर स्पिनरों के लिए काफ़ी मदद थी।

हालांकि तीसरे दिन का खेल जैसे ही शुरू हुआ, सबकुछ अचानक से बदल गया। ऑस्ट्रेलिया ने जाडेजा और अश्विन के 19 ओवरों में 48 रनों के भीतर अपने नौ विकेट गंवा दिए। दूसरे दिन जाडेजा ने कुल तीन ओवर फेंके थे और 23 रन देकर एक विकेट हासिल किया था। तीसरे दिन उन्होंने और छह विकेट हासिल किए और इसके लिए सिर्फ़ 19 रन ख़र्च किए।

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बोलते हुए भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि जाडेजा को ख़ुद पर काफ़ी भरोसा है। वह अपने खेलने के तरीक़े पर काफ़ी भरोसा जताते हैं। श्रृंखला की शुरुआत में घुटने की सर्जरी के बाद जब वह एक्शन में लौटे तो उनके आत्मविश्वास ने ही ने उन्हें बढ़िया प्रदर्शन करने में मदद की।"

रोहित ने कहा, "वह शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। किसी भी खिलाड़ी के लिए वापसी (चोट के बाद) करना आसान नहीं है। हालांकि उन्हें अपनी क्षमता पर काफ़ी विश्वास है और यह मैदान पर साफ़ दिखता है। मैच में कई बार उन पर दबाव बनाया गया लेकिन वह बिल्कुल नहीं घबाराए। उन्होंने ख़ुद पर भरोसा करते हुए, उस काम को किया, जिसमें वह सबसे अच्छे हैं।"

"कल उन पर दबाव बनाया गया था और उन्होंने शायद पांच रन प्रति ओवर के दर से रन ख़र्च किए थे। हालांकि वह जानते थे कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ क्या करने की कोशिश कर रहे थे और उन्हें अपनी क्षमता पर भरोसा था कि वह उन लोगों को आउट कर सकते हैं।"

रोहित को अपने स्पिनरों पर पूरा भरोसा है लेकिन उन्हें यह भी लगता है कि दूसरे दिन के अंतिम सेशन में उनके गेंदबाज़ एक साथ काफ़ी चीज़ें करने का प्रयास कर रहे थे।

रोहित ने कहा, "कभी-कभी आपको अपने प्लान को काफ़ी सरल रखना होता है। कल हमने लगभग 12 या 13 ओवर फेंके (12) और 62 (61) दिए। मैं देख सकता था कि हम थोड़ा घबरा रहे थे। हम कई बार फ़ील्ड को बदलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तीसरे दिन हम सिर्फ़ चाहते थे कि आराम से गेंदबाज़ी की जाए और हमें बार-बार फ़ील्ड बदलने के ज़रूरत नहीं है।

"हम कसी हुई गेंदबाज़ी करते हुए बल्लेबाज़ों से ग़लती कराना चाह रहे थे। मैं समझ सकता था कि वे (ऑस्ट्रेलिया) उस तरह (आक्रामक) से खेलना चाहते थे। हालांकि यह वैसा विकेट बिल्कुल नहीं था, जहां आप मैदान पर आते ही बड़े शॉट लगाना शुरू कर दें।"

कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।

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