सेंट किट्स में आर अश्विन दौरे का अपना पहला मैच खेल रहे थे, लेकिन उन्हें हवा का अंदाज़ा था। दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए वह राउंड द विकेट से आए ताकि उन्हें एंगल से विकेट के पीछे आउट करने का मौक़ा मिले। अगर वह गेंद को टर्न के साथ भी खेलने की कोशिश करते तो भी कोण के कारण उनको हवा के दिशा के विपरीत खेलना पड़ता।
यह छोटी-छोटी चीज़ें हैं जो अश्विन को आधुनिक ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी का कलाकार बनाती हैं। इसके अलावा उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी को भी एक अलग आयाम दिया है। एक समय यह मान लिया गया था कि अश्विन आसानी से छक्के नहीं लगा सकते हैं। जून 2017 से टी20 विश्व कप, 2021 की शुरुआत तक अश्विन ने सीमित ओवर क्रिकेट में भारत के लिए सिर्फ़ एक मैच खेला था। इस समय तक सफ़ेद गेंद क्रिकेट में ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी को एक गौण कला मान लिया गया था।
अश्विन को इन चुनौतियों के बीच वापसी करना था। स्टार स्पोर्ट्स तमिल को मई में दिए गए एक इंटरव्यू में अश्विन कहते हैं, "मैं पिछले कुछ समय से स्लॉग स्वीप करने की लगातार प्रैक्टिस कर रहा हूं। चेन्नई टेस्ट के बाद से ही मेरा भरोसा स्वीप शॉट पर बढ़ गया है। मुझे लगता है कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण शॉट है। मैं गेंद को अच्छे से टाइम करता हूं इसलिए मैं अगर स्लॉग स्वीप लगाता हूं तो गेंदबाज़ मुझे मेरे लेंथ पर गेंदबाज़ी करने को मज़बूर हो जाएंगे। मैंने अपनी बल्लेबाज़ी पर बहुत मेहनत की है। मैं गेम को अच्छे से पढ़ता हूं और बल्लेबाज़ी में भी मुझे ख़ुद पर बहुत भरोसा है। हां, मेरे पास उतनी ताक़त नहीं है। मैं उसी हिसाब से अपनी बल्लेबाज़ी तकनीक पर मेहनत करता हूं।"
टी20 की गति में पिछले कुछ समय से बहुत तेज़ी से वृद्धि हुई है। यह अब लोगों और उनकी भावनाओं को पीछे छोड़ रहा है। अश्विन को भी यह बात पता है और वह अपने आपको उसी हिसाब से परिवर्तित भी कर रहे हैं। 2009 में उन्होंने आईपीएल डेब्यू किया था लेकिन एक बल्लेबाज़ के तौर पर 2022 उनका सर्वश्रेष्ठ वर्ष रहा। उन्होंने पहली बार 100 से अधिक गेंद खेलें, एक अर्धशतक लगाया और कुल नौ छक्के लगाए। छोटी बाउंड्री का फ़ायदा उठाने के लिए वह झुककर स्टांस ले रहे थे और लेट कट लगा रहे थे।
अश्विन को यह बात 2016 में ही पता चल चुकी थी कि टी20 मैचों में उन्हें अब पूरी टीम को रौंदने की बजाय कुछ महत्वपूर्ण विकेट ही झटकने है, जिसमें विपक्षी टीम का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ शामिल हो सकता है। उन्हें पता चल गया था कि यह एक विकेट ही पूरे मैच का रूख़ बदलने की क़ाबिलियत रखता है।
अब इस साल 18 अप्रैल को हुए राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच हुए मैच को ही देख लिया जाए। 218 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी कोलकाता की टीम 14 ओवर में 148 रन बनाकर अच्छी स्थिति में थी। उनके प्रमुख आक्रामक बल्लेबाज़ आंद्रे रसल जब बल्लेबाज़ी के लिए आए तो उन्हें 42 गेंदों में 70 रन की ज़रूरत थी। तब अश्विन के हाथों में गेंद आई। उन्होंने कुछ अलग किया। अंपायर के पीछे से क्रॉस आते हुए वह ओवर द विकेट से क्रीज़ के दूर कोने में गए और एंगल से अंदर आती एक लेंथ गेंद की। रसल इसको फ़ॉरवर्ड डिफ़ेंड करने गए। इस दौरान गेंद उल्टा टर्न लेकर बाहर की ओर निकली और बल्लेबाज़ का ऑफ़ स्टंप उड़ा ले गई। रसल डक पर आउट थे। अश्विन एकदम जश्न मूड में थे। राजस्थान ने यह मैच सात रन से जीता।
अश्विन ने इस मैच के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए कहा था, "मैंने कल ही कैरम बॉल पर काम करना शुरू किया था। उल्टा टर्न को और प्रभावशाली बनाने के लिए मुझे ऐसे एंगल की ज़रूरत थी। मुझे ख़ुशी है कि मैं इसे मैच में भी लागू कर पाया। मैं हमेशा बेहतर होते रहना चाहता हूं और यह गेंद इसका उदाहरण है।"
इसके बाद दूसरे क्वालीफ़ायर के दौरान अश्विन ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के मुख्य बल्लेबाज़ रजत पाटीदार को आउट किया था और अपनी टीम को जीत दिलाई थी। इस मैच में पाटीदार 42 गेंद में 58 रन बनाकर अपनी टीम को बड़े स्कोर की ओर लेकर जा रहे थे। यह दिखाता है कि अश्विन ने अब बड़ी मछली का शिकार करने की कला सीख ली है।
अश्विन ने 2022 आईपीएल के दौरान बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों (5 विकेट) से अधिक दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों (7 विकेट) को आउट किया। नवंबर में भारतीय टी20 टीम में वापसी करने के बाद उन्होंने 8 टी20 मैच खेले हैं, जिसमें 97 गेंदों पर दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों से सिर्फ़ पांच बाउंड्री खाई है। मतलब वह लगभग हर 20 गेंद पर एक चौका देते हैं।
इस खिलाड़ी ने हमेशा ही बनी-बनाई धारणाओं को ग़लत साबित किया है। वह हमेशा अपने आपको और बेहतर करने के प्रयास में रहते हैं। वह हमेशा अच्छा, और अच्छा करने की कोशिश में रहते हैं। यही कारण है कि वह अभी भी टी20 विश्व कप में जगह बनाने के एक प्रबल दावेदार हैं।