ऑस्ट्रेलिया 173 पर 2 (मार्श 77*, वॉर्नर 53) ने न्यूज़ीलैंड 172 पर 4 (विलियमसन 85, हेज़लवुड 3-16) को 8 विकेट से हराया
यह टूर्नामेंट अजीब सा रहा है, दो गति वाली पिच, जहां पर टी20 विश्व कप के इतिहास में सबसे कम स्कोरिंग रेट रहा है। फ़ाइनल में हालांकि, वह मुक़ाबला देखने को मिला, जिसके लिए यूएई को जाना जाता था। हमने यहां पर टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में लगाए गए सबसे तेज़ अर्धशतक को देखा। केन विलियमसन ने पहली पारी में उसको बनाया और दूसरी पारी में मिचेल मार्श ने उसको तोड़ दिया। यही इस मैच में एक अंतर साबित हुआ।
विलियमसन ने अकेले ही 48 गेंद में 85 रन बनाए और न्यूज़ीलैंड के अन्य बल्लेबाज़ों ने 73 गेंद में केवल 78 रन।
मार्श ने 50 गेंद में नाबाद 77 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया के बाक़ी बल्लेबाज़ों ने मिलकर 63 गेंद में 86 रन। इसमें डेविड वॉर्नर की नियंत्रण के साथ बनाई गई अर्धशतकीय पारी भी शामिल थी, जो इस टूर्नामेंट के बेहतरीन ओपनरों में से एक बनकर उतरे, क्योंकि उनका आईपीएल सत्र मुश्किलों से भरा रहा था। दूसरी ओर, ग्लेन मैक्सवेल जिनका बल्ला इस टूर्नामेंट में अहम जगह जाकर दोबारा चला और उन्होंने विजयी शॉट लगाकर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई।
ऑस्ट्रेलिया सात गेंद रहते यह अहम मुक़ाबला आठ विकेट से जीता और सबसे लंबे समय बाद टी20 चैंपियन बन गई।
ऑस्ट्रेलिया को तो इस टूर्नामेंट को जीतने का पसंदीदा दावेदार तक नहीं माना गया था, लेकिन उनके बल्लेबाज़ी क्रम को एक बार दोबारा निहारने की ज़रूरत थी। उनके पास वॉर्नर, ऐरन फ़िच, मार्श, मैक्सवेल और मार्कस स्टॉयनिस जैसे हिटर थे, जो लंबे समय से टी20 टीम का हिस्सा रहे हैं। आप इस टीम में जॉश हेज़लवुड को भी नहीं भूल सकते हैं, जिन्होंने लगातार टेस्ट क्रिकेट लेंथ पर गेंदबाज़ी की और फ़ाइनल जैसे अहम मैच में चार ओवर में 16 रन देकर तीन विकेट लिए। ऑस्ट्रेलियाई टीम कहीं ना कहीं कौशल के तौर पर न्यूज़ीलैंड से आगे थी, लेकिन टॉस जीतने के बाद इसमें कोई भी शक नहीं रह गया कि ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड पर हावी नहीं हो पाएगी।
एक धीमी शुरुआत
अपने-अपने सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड और पाकिस्तान की तरह, न्यूज़ीलैंड अपनी पारी के पहले 10 ओवरों में धीमी गति से चले। वह एक विकेट खोने के बावजूद 10 ओवर में 57 रन ही जोड़ पाए थे।
चौथे ओवर के बीच, जब गप्टिल ने हेज़लवुड पर प्रहार किया और नौवें ओवर में विलियमसन ने जब क़दम बढ़ाए और मार्श को कवर के माध्यम से करारा ड्राइव लगाया तो उस समय न्यूजीलैंड 32 गेंदों में बिना बाउंड्री के आगे बढ़ रही थी। इस समय में ऑस्ट्रेलिया ने भी अच्छी गेंदबाज़ी की, विशेष रूप से हेज़लवुड ने, जिनको ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने न्यूज़ीलैंड पर दबाव बनाने के लिए लगातार तीसरा ओवर दिया था। हालांकि, हक़ीकत यह भी थी कि न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ कुछ धीमी बल्लेबाज़ी कर रहे थे।
मैक्सवेल जब सातवें ओवर में आए तो उन्होंने भी पांच ही सिंगल दिए और न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ों ने उन्हें भी आराम से खेल लिया।
हालांकि, 35 गेंद में 28 रन बनाने वाले गप्टिल पर दबाव बढ़ता ही जा रहा था। ऐसा नहीं कि उन्होंने कोशिश नहीं की। ईएसपीएनक्रिकइंफो के आंकड़ों के अनुसार, 35 गेंदों में से 22 के लिए उनका इरादा या तो बचाव करने या गेंद को मारने का था।
विलियमसन बनाम स्टार्क
यह मैच के निर्णायक समय में से एक था और यह एक गेंद में ख़त्म हो सकता था। 11वें ओवर में हेज़लवुड ने फ़ाइन लेग पर विलियमसन का कैच छोड़ दिया और स्टार्क अब विलियमसन के शिकार बन चुके थे।
बायें हाथ के तेज़ गेंदबाज़ स्टार्क की गेंदबाज़ी पर सर्कल में बैकवर्ड प्वाइंट और थर्डमैन दोनों के साथ, विलियमसन को शायद पता था कि अगर गेंद स्टंप के बाहर होती है तो वह चार रन निकाल सकेंगे, लेकिन उन्होंने पहले मिडविकेट को निशानाबनाया और बाद में चतुराई के साथ थर्ड मैन पर बाउंड्री निकाली। नतीजा यह रहा कि स्टार्क ने 4-0-60-0 के आंकड़े के साथ समाप्त किया। यह टी20 विश्व कप फ़ाइनल में गेंदबाज़ी का सबसे ख़राब रिकॉर्ड है।
ऑस्ट्रेलिया का आक्रामक रूख़
जैसा कि पहले बताया है, न्यूज़ीलैंड ने अपने पहले 10 ओवरों में एक विकेट पर 57 रन बनाए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने एक विकेट पर 82 रनों का जवाब दिया।
क्रीज़ पर केवल सात गेंदें बिताने के बावजूद फ़िंच ने इसका भरपूर प्रदर्शन किया। ट्रेंट बोल्ट पर चार्ज करने और तीसरे ओवर में उसे चार रन के लिए मैदान के बाहर भेजने के बाद उन्होंने अगली ही गेंद पर फिर से प्रहार का प्रयास किया, वह इस बार कामयाब नहीं हो सके। वह जानते थे कि इसका ख़ामियाज़ा टीम को भुगतना पड़ सकता था लेकिन वह डरे नहीं। इसके बाद मार्श ने आते ही अपनी पहली तीन गेंदों पर 6, 4, 4 रन बनाए। उनमें से पहला शॉट, एक पिक-अप शॉट जो स्क्वेयर लेग बाउंड्री के ऊपर आसानी से चला गया, यह भी एक चेतावनी थी कि वह कितने अचछे से गेंद देख रहे हैं।
यही वजह थी कि आधी पारी में ही ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड पर दबाव बना लिया था। अर्धशतक बनाने के बाद वॉर्नर जरूर आउट हुए लेकिन मार्श को रोकना न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ों के लिए मुश्किल काम था।
कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।