तीन संस्करणों में यह तीसरा मौक़ा है जब भारत और ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 विश्व कप के नॉकआउट मैच में आमने-सामने होंगे।
2018 में पृथ्वी शॉ की टोली ने फ़ाइनल में जीत दर्ज की थी।
दो वर्ष बाद कार्तिक त्यागी और साथी तेज़ गेंदबाज़ों ने क्वार्टर-फ़ाइनल में उन्हें धूल चटाई थी। इस बार यह टीमें भिड़ेंगी सेमीफ़ाइनल में।
भारत के लिए यहां तक की यात्रा मैदान पर तो आसान रही है। लेकिन मैदान के बाहर उन्हें कोरोना मामलों के कारण संघर्ष करना पड़ा है। हालांकि इस पूरी प्रतियोगिता में जो भी एकादश मैदान पर उतरी है, वह एक संभली हुई और मज़बूत टीम नज़र आई है। बल्ले के साथ
अंगकृष रघुवंशी और
राज बावा ने बड़ी पारियां खेली हैं। साथ ही टीम के पास एक गहरा बल्लेबाज़ी क्रम है और तेज़ गेंदबाज़
राजवर्धन हंगारगेकर भी बड़े शॉट लगाने में सक्षम हैं। उन्होंने
आयरलैंड के ख़िलाफ़ केवल 17 गेंदों में पांच छक्कों की मदद से नाबाद 39 रन बनाए थे। कम से कम चार बार बल्लेबाज़ी करने वाली टीमों में
भारत के बल्लेबाज़ों ने सर्वाधिक रन बनाए हैं।
गेंदबाज़ी की बात करें तो हंगारगेकर अपनी तेज़ गति से विपक्षी बल्लेबाज़ों को परेशान करते हैं और
रवि कुमार अपनी स्विंग से। इसके बाद
विकी ओस्तवाल के नेतृत्व वाली स्पिन तिकड़ी रन गति पर अंकुश लगाती है और यश धुल, हरनूर सिंह और अंगकृष जैसे पार्ट टाइम गेंदबाज़ भी अपना काम कर जाते हैं। इसलिए तो इस पूरी प्रतियोगिता में भारत की
गेंदबाज़ी औसत सबसे बेहतर है।
ऑस्ट्रेलिया का सफ़र भी भारत की तरह ही रहा है। उनके शीर्ष क्रम ने बहुत रन बनाए हैं और विविधता वाले तेज़ गेंदबाज़ी क्रम ने टीम को टॉप चार तक पहुंचाया। हालांकि ग्रुप स्टेज में ऑस्ट्रेलिया को मज़बूत स्पिन गेंदबाज़ी वाली
श्रीलंका के विरुद्ध हार का सामना करना पड़ा था। भारत अवश्य इस बात से सचेत होगा।
इस विश्व कप में अब तक दो अर्धशतक और एक शतक लगाने वाले
टीग वायली भारत के घातक गेंदबाज़ों को तगड़ी चुनौती पेश करेंगे। उनके सलामी जोड़ीदार
कैंपबेल केलावे भी 54, 47 और 47 का स्कोर बनाकर अच्छी लय में दिखे हैं और ऑस्ट्रेलिया के मध्य क्रम में कोरी मिलर, एडन केहिल और कूपर कॉनोली बड़े शॉट लगाने का दमखम रखते हैं। अगर बुधवार को एंटीगा की पिच बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल होती है तो भारत की तेज़ गेंदबाज़ी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है जिन्हें गति और उछाल पसंद आता है। इसी वजह से अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान यश किस तरह अपने गेंदबाज़ों का उपयोग करते हैं।
गेंद के साथ ऑस्ट्रेलिया के पास शुरुआती झटके देने वाले गेंदबाज़ मौजूद हैं।
टॉम व्हिटनी की गेंदबाज़ी औसत पूरे विश्व कप में 13 की रही है,
विलियम सॉल्ज़मैन ने सात विकेट झटके हैं, जैक निस्बेट ने रन गति को रोक कर रखा है वहीं कप्तान कॉनोली भी बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज़ी कर लेते हैं। पहले 10 ओवरों में विकेट चटकाने की ज़िम्मेदारी व्हिटनी और सॉल्ज़मैन पर होगी।
भारत : जीत, जीत, जीत, जीत, जीत
ऑस्ट्रेलिया : जीत, जीत, हार, जीत, जीत
हरनूर सिंह से सभी को उम्मीदें थी कि वह इस विश्व कप में अद्भुत प्रदर्शन करेंगे। साल की शुरुआत में एशिया कप में 131 रन और उससे पहले एक त्रिकोणीय सीरीज़ में 191 रनों के साथ वह भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाने वालों में से एक थे लेकिन वह अपनी प्रतिभा पर खरे नहीं उतर सके हैं। एक पारी में अर्धशतक लगाने के अलावा उनके बल्ले से केवल शून्य, एक और 15 के स्कोर निकले हैं। भारत की लगातार चार जीत और कोरोना महामारी के कारण खिलाड़ियों की अनुपलब्धता ने एकादश में हरनूर का स्थान सुरक्षित रखा है लेकिन यह एक बड़े स्कोर के साथ टीम के भरोसे पर खरे उतरने का सही मौक़ा हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान
कूपर कॉनोली ने बल्ले से वैसा प्रदर्शन नहीं किया है जैसा उनकी टीम को उम्मीद थी। लेकिन वह बल्लेबाज़ी क्रम में देर से आते हैं जहां या तो तेज़ी से रन बनाने की आवश्यकता होता है या फिर घूमती हुई पुरानी गेंद का सामना करना पड़ता है। यह भी देखा गया है कि जब टीम को उनसे एक लंबी पारी की ज़रूरत होती है, वह आउट हो जाते हैं। हालांकि विश्व कप से पहले
अभ्यास मैच में कॉनोली ने भारत के ख़िलाफ़ 117 रन बनाए थे और भारत भली-भांति जानता है कि वह क्या कर सकते हैं।
दोनों पक्षों के लिए कोई चोट की चिंता नहीं है, हालांकि भारत के ऑलराउंडर निशांत सिंधु कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अब भी आइसोलेशन में हैं।
भारत : (संभावित) 1 हरनूर सिंह, 2 अंगकृष रघुवंशी, 3 शेख़ रशीद, 4 यश धुल (कप्तान), 5 सिद्धार्थ यादव, 6 राज बावा, 7 दिनेश बाना (विकेटकीपर), 8 कौशल तांबे, 9 राजवर्धन हंगारगेकर, 10 विकी ओस्तवाल, 11 रवि कुमार
ऑस्ट्रेलिया : (संभावित) 1 टीग वायली, 2 कैंपबेल केलावे, 3 कोरी मिलर, 4 कूपर कॉनोली (कप्तान), 5 लैक्लन शॉ, 6 एडन केहिल, 7 विलियम सॉल्ज़मैन, 8 टोबायस स्नेल (विकेटकीपर), 9 टॉम व्हिटनी, 10 जैक सिनफ़ील्ड, 11 जैक निस्बेट
स्पिन गेंदबाज़ों को यह पिच पसंद आएगी। लेकिन तेज़ गेंदबाज़ों को भी असमतल उछाल और हवा के कारण मदद मिल सकती है। शनिवार को क्वार्टर-फ़ाइनल में इसी मैदान पर
बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 112 रनों का पीछा करते हुए भारत ने पांच विकेट गंवा दिए थे।
भारत ने अंडर-19 विश्व कप में अपने पिछले तीन सेमीफ़ाइनल मैचों -
2016,
2018 और
2020 - में जीत हासिल की है।