दिल्ली कैपिटल्स ने पिछले चार दिन अपने होटल के कमरों में बिताए। यह सुनिश्चित नहीं था कि उन्हें यह मैच खेलने को मिलेगा या नहीं? यहां तक कि मैच को सुविधाजनक बनाने के लिए वेन्यू को भी बदला गया, लेकिन मैच से लगभग एक घंटे पहले तक उन्हें मैदान पर जाने की अनुमति नहीं थी। टीम के छठे सदस्य टिम साइफ़र्ट
कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। लेकिन जब वह मैदान पर पहुंचे, उनके साथ लगभग सब कुछ सही हो गया। उन्होंने टॉस जीता, पंजाब किंग्स को 115 रन पर आउट कर दिया और 10.3 ओवरों में ही लक्ष्य को हासिल भी कर लिया।
टॉस हारने के बाद पंजाब किंग्स की टीम एक बार फिर अपने आक्रामक रुख के साथ गई, लेकिन उन्होंने लगातार अंतराल पर विकेट गवाएं।
ललित यादव,
कुलदीप यादव,
अक्षर पटेल और
खलील अहमद ने दो-दो विकेट लिए। अक्षर ने इस पिच को 'चिपचिपा सतह' कहा क्योंकि गेंद पिच से फंसकर आ रहा था। हालांकि जब दिल्ली के बल्लेबाज़ों ने ताबड़तोड़ अंदाज़ में लक्ष्य का पीछा करना शुरु किया, तब पिच उतनी चिपचिपी प्रतीत नहीं हुई।
मयंक की वापसी से नहीं बदली पंजाब की क़िस्मत
चोट के कारण पिछले मैच से बाहर रहने वाले
मयंक अग्रवाल ने वापसी की, लेकिन इससे टॉस और पंजाब की क़िस्मत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। जब पहले बल्लेबाज़ी करने को कहा गया तो अग्रवाल ने आक्रामक इरादे से शुरुआत की। गेंद की लाइन के पास रहते हुए उन्होंने तीन ओवर में तीन चौके लगाए और तीसरे ओवर् की आख़िरी गेंद पर लेग साइड में एक चौका लगाया। पंजाब किंग्स तीन ओवरों में बिना कोई विकेट खोए 27 रन बना चुकी थी।
पावरप्ले में गंवा दिए पंजाब ने चार विकेट
ऋषभ पंत ने शिखर धवन के ख़िलाफ़ ललित यादव को आक्रमण पर लगाया और ललित ने तुरंत ही उनका विकेट हासिल कर लिया। हालांकि यह योजनाबद्ध तरीके से नहीं हुआ था। गेंद लेग स्टंप के बाहर थी। धवन फ़ाइन लेग की तरफ खेलना चाहते थे, लेकिन वह समय पर वहां नहीं पहुंच पाए और पंत ने बल्ले के चेहरे पर एक उम्दा कैच लपक लिया। अगले ओवर में मुस्तफिज़ुर की गेंद अग्रवाल के बल्ले का भीतरी किनारा लेते हुए स्टंप्स से टकरा गयी।
लेकिन इसके बावजूद पंजाब किंग्स ने अपने आक्रामक अंदाज़ को नहीं छोड़ा। लियम लिविंगस्टन ने अक्षर पटेल की गेंद पर प्रहार करने का प्रयास किया, लेकिन वह चूक गए और गेंद ने विकेटों को चूम लिया। अगले ओवर में जॉनी बेयरस्टो ने ख़लील को एक फ़्लैट पुल किया, लेकिन वह भी लॉन्ग लेग पर लपक लिए गए। पंजाब किंग्स ने महज़ 21 रनों के स्कोर पर अपने चार विकेट गंवा दिए।
जितेश और शाहरुख़ ने किया पारी को संभालने का प्रयास
जितेश शर्मा और शाहरुख़ ख़ान ने विकेटों के गिरने के सिलसिले को रोका। जितेश ने लगभग 140 की स्ट्राइक रेट भी हासिल की। लेकिन उनकी साझेदारी 31 पर समाप्त हो गई। जितेश ने स्वीप करने के लिए सबसे कठिन गेंदबाज़ों में से एक अक्षर को स्वीप करने की कोशिश की और एलबीडब्ल्यू हो गए।
इसके बाद कुलदीप ने 14वें ओवर में कगिसो रबाडा और नेथन एलिस का विकेट झटक लिया। रबाडा को गुगली और एलिस को पारंपरिक रिस्ट स्पिन की मदद से कुलदीप ने पवेलियन चलता किया। जब अगले ओवर में ख़लील ने ऑफ़ कटर गेंद पर पंत के सहारे शाहरुख़ को आउट किया, तो पंजाब किंग्स के लिए फ़ाइटिंग टोटल की आख़िरी उम्मीद भी समाप्त हो गई। उनके आख़िरी दो विकेट ने 23 जोड़े, लेकिन उस गति से नहीं जो दिल्ली को परेशान कर सके।
वॉर्नर और शॉ ने लगाया दिल्ली का बेड़ा पार
यह लक्ष्य कभी भी दिल्ली कैपिटल्स का इम्तिहान लेने वाला वाला नहीं था। टीमें जानती हैं कि नेट रन रेट कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। ऐसा नहीं है कि
पृथ्वी शॉ को पहली गेंद से जाने के लिए किसी अतिरिक्त प्रेरणा की ज़रूरत है, वहीं
डेविड वॉर्नर भी टीम में अनुभवी बल्लेबाज़ की तुलना में अधिक स्वतंत्र रूप से खेल सकते हैं।
वॉर्नर ने वैभव अरोड़ा की गेंद पर दो चौके लगाए, तो शॉ ने आख़िरी गेंद पर छक्का लगाया। चौथे ओवर में रबाडा की गेंद पर वॉर्नर ने तीन चौके लगाए। इसने उन्हें 3.3 ओवर में पचास तक पहुंचा दिया, जो इस सीजन में सबसे तेज़ और आईपीएल के इतिहास में 3.3 ओवर का पांचवां सबसे बड़ा स्कोर है। दिल्ली ने पावरप्ले में 81 रन बनाए।
शॉ, सातवें ओवर में राहुल चाहर को छक्का लगाने के प्रयास में 20 गेंदों पर 41 के निजी स्कोर पर आउट हो गए। लेकिन तब तक काफ़ी देर हो गई थी। वॉर्नर ने पचासे के साथ अपनी टीम को जीत के मुहाने तक पहुंचा दिया।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा(@imnot_nav) ने किया है।