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ट्रॉट: एक मेज़बान के रूप में हमें अभी बहुत कुछ सीखना होगा

अफ़ग़ानिस्तान के कोच ने कहा कि क्रिकेट आयोजित करने के लिए कुछ आधारभूत आवश्यकताएं होती हैं, जिन्हें हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए

The ground staff work around the pitch and the outfield, Afghanistan vs New Zealand, Only Test, 2nd day, Greater Noida, September 10, 2024

टेस्ट मैच के पहले दो दिन बारिश नहीं हुई, लेकिन क्रिकेट भी नहीं हुआ  •  AFP/Getty Images

अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट टीम के कोच जोनाथन ट्रॉट का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान की टीम टेस्ट क्रिकेट में भले ही नई है, लेकिन एक मेज़बान के रूप में उन्हें बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट आयोजन की कुछ आधारभूत ज़रूरते होती हैं, जिन्हें हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
अफ़ग़ानिस्तान-न्यूज़ीलैंड के बीच ग्रेटर नोएडा में खेले जाने वाले टेस्ट मैच के बिना टॉस हुए ही रद्द हो जाने पर ट्रॉट बहुत निराश दिखे। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह ऐसे आयोजनों के लिए अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) को कुछ सलाह देना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा कि अगर ACB का शीर्ष प्रबंधन उनसे कोई सलाह मांगता है, तो वह ज़रूर सलाह देना पसंद करेंगे।
मैच रद्द हो जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं कोई ग्राउंड इंस्पेक्टर तो नहीं हूं, लेकिन अगर मुझसे सलाह मांगी जाती है तो मैं कुछ चीज़ों पर ज़रूर सलाह दूंगा। किसी मैच के आयोजन से पहले हमें कई चीज़ों को चेक करना चाहिए होता है कि क्या कोई मैदान या स्टेडियम टेस्ट मैच के लिए तैयार है। क्रिकेट मैच के आयोजन के लिए कई आधारभूत चीज़ें होती हैं, जिन्हें हम कई बार हल्के में ले लेते हैं। ड्रेनेज सिस्टम और मैदान की प्रकृति भी कुछ ऐसी ही चीज़ है।"
ग़ौरतलब है कि यह टेस्ट मैच ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम का पहला टेस्ट मैच था, लेकिन लगातार हो रही बारिश, ख़राब मैदान और अव्यवस्था के कारण पहले दिन से ही खेल संभव नहीं दिख रहा था। वही हुआ भी और अंत में पांचों दिन एक भी गेंद फेंके बिना ही यह मैच रद्द हो गया। यह इस सदी का पहला और खेल के 147 साल के इतिहास में सिर्फ़ आठवां मौक़ा था, जब पांच दिन तक चलने वाला टेस्ट मैच बिना कोई गेंद फेंके ही रद्द हो गया।
ट्रॉट ने कहा, "यह मॉनसून का समय है और इस समय इस हिस्से में मैच रखना हमेशा जोखिम भरा फ़ैसला हो सकता है। हालांकि यहां की सुविधाएं और संसाधन निराशाजनक थे, लेकिन पिछले तीन दिन से बारिश भी बहुत अधिक हुई थी। यह सब बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।"
अपने कप्तान हशमतउल्लाह शहीदी की तरह ट्रॉट ने भी दोहराया कि उनकी टीम के पास मेज़बान के रूप में एक निश्चित मैदान होना चाहिए। ग़ौरतलब है कि मैच से पहले अफ़ग़ानिस्तान के कप्तान शहीदी ने कहा था कि उनकी टीम के पास एक निश्चित और अच्छा मैदान होना चाहिए, ताकि एक घरेलू टीम के रूप में वे परिस्थितियों से परिचित हों और उनका फ़ायदा उठा सकें।
ट्रॉट ने कहा, "अगर हमारे पास सिर्फ़ एक ही मैदान होता तो हम वहां के मुद्दों को हल करने को देखते। लेकिन हमने पिछले कुछ समय में अधिक टेस्ट मैच भी नहीं खेला है और हम एक निश्चित मैदान पाने के लिए अभी भी प्रयास कर रहे हैं। हमने यहां पर एक तीन दिन का अभ्यास मैच खेला था और यह एक अच्छा पिच हो सकता था। यहां पर अच्छा क्रिकेट होता, इसलिए यह हम सबके लिए और भी दिल तोड़ देने वाला है।"
अगर यह मैच होता, तो यह टेस्ट क्रिकेट में अफ़ग़ानिस्तान का 10वां टेस्ट होता। 2017 में टेस्ट दर्जा मिलने के बाद यह पहली बार था, जब किसी एक कैलेंडर साल में वे तीसरा टेस्ट खेल रहे होते। यह अफ़ग़ानिस्तान-न्यूज़ीलैंड के बीच होने वाला पहला टेस्ट मैच था और 2027 तक अब उनका न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ कोई टेस्ट मैच नहीं है। वास्तव में अफ़ग़ानिस्तान के अगले पांच टेस्ट मैच ज़िम्बाब्वे और आयरलैंड जैसे देशों के ख़िलाफ़ हैं, वहीं 2026 से पहले शीर्ष-10 देशों के ख़िलाफ़ उनका कोई टेस्ट मैच नहीं है।
ट्रॉट ने कहा, "व्यक्तिगत रूप से मैच रद्द होने से मैं बहुत निराश हूं। हम न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ खेलने की चुनौती लिए उत्साहित थे, खिलाड़ियों ने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी। हमने अभ्यास मैच खेला था और यहां की परिस्थितियों के अनुकूल भी हो रहे थे, जो कि थोड़ी सी अलग भी थी। खिलाड़ियों के अंदर खेलने की भूख थी, लेकिन इस तरह से बिना कोई खेल हुए मैच का रद्द हो जाना खिलाड़ियों के लिए दिल तोड़ देने वाला है।"
ग़ौरतलब है कि अफ़ग़ानिस्तान ने पिछले दो सालों में सीमित ओवर क्रिकेट में शानदार प्रगति की है और वनडे व T20 दोनों विश्व कप के फ़ाइनल में पहुंचने के क़रीब पहुंचे हैं। लेकिन ट्रॉट ने कहा कि लाल-गेंद की क्रिकेट में उनकी टीम का सफ़र अभी बहुत लंबा है।
उन्होंने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान सफ़ेद गेंद की क्रिकेट की तरह पूरी शिद्दत से टेस्ट मैच भी खेलना चाहता है। लेकिन इस फ़ॉर्मैट में आगे बढ़ने के लिए हमें अभी समय लग सकता है क्योंकि इसके लिए ज़मीनी स्तर से बहुत प्रयास करना होगा। हम घरेलू स्तर पर लाल गेंद की क्रिकेट बहुत कम खेलते हैं। यह वहां पर एक नया फ़ॉर्मैट है, लेकिन मैं निश्चित रूप से यह कह सकता हूं कि वहां पर खिलाड़ियों की कमी नहीं है और लोग यह फ़ॉर्मैट भी खेलना चाहते हैं। वहां क्रिकेट के प्रति जुनून है और अब बस ज़रूरत है कि जुनून को योग्यता में बदला जाए।"

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95