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रोहित : हम सोशल मीडिया पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते

भारतीय कप्तान ने युवा तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप का समर्थन किया

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भारत-पाकिस्तान मुक़ाबले के बाद हाल ही में सोशल मीडिया पर निशाना बनने के बावजूद अर्शदीप सिंह के आत्मविश्वास और संयम की सराहना की है। अर्शदीप को भारत के दोनों सुपर 4 मुक़ाबलों में अपने कोटे के चार ओवरों में से दो ओवर डेथ में करने का काम सौंपा गया था। हालांकि भारत दोनों मुक़ाबले हार गया, लेकिन उनके यॉर्कर और कठिन परिस्थितियों में ख़ुद को संभालने की क्षमता जगज़ाहिर हुई।

पाकिस्तान को जब 16 गेंदों में 31 रनों की ज़रूरत थी तब अर्शदीप ने आसिफ़ अली को पहली ही गेंद पर शॉर्ट थर्ड पर जीवनदान दे दिया। इसके बाद अर्शदीप को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया। आख़िरी ओवर में इफ़्तिख़ार अहमद के नाटकीय जीत दिलाने से पहले आसिफ़ ने आठ गेंदों में 16 रन बनाकर भारत को बड़ा नुक़सान पहुंचाया।

रोहित ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो हम सोशल मीडिया पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते, वहां बहुत ज़्यादा बक़वास होती है। हार, जीत और कैच ड्रॉप, मुझे नहीं लगता कि हम इसमें बहुत अधिक दुखी हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "हां, वह ख़ुद निराश थे क्योंकि वह एक ऐसा कैच था जिसे लिया जा सकता था लेकिन अगर आपने उस अंतिम ओवर में उनका आत्मविश्वास देखा हो तो उन्होंने आसिफ़ अली को आउट करने के लिए बेहतरीन यॉर्कर डाला। इससे पता चलता है कि अगर वह हतोत्साहित और सही मानसिकता में नहीं होते, तो चीज़ों को अमल में नहीं ला पाते। लेकिन वह चीज़ों को अमल में लाने के लिए आश्वस्त थे।"

पाकिस्तान वाले मैच की तरह श्रीलंका के विरुद्ध भी अर्शदीप को डेथ में दो ओवर डालने की ज़िम्मेदारी दी गई। जब अंतिम ओवर में जीत के लिए सात रनों का बचाव करना था, उन्होंने पहली चार गेंदों पर चार सटीक यॉर्कर डाले और केवल पांच रन दिए। इसके बाद पहले ऋषभ पंत और फिर अर्शदीप के ग़लत थ्रो के कारण श्रीलंका को बाई के दो रन मिले और भारत मैच हार गया

टी20 अंतर्राष्ट्रीय करियर में अर्शदीप ने अब तक 10 मुक़ाबले खेलते हुए 7.60 की इकॉनमी से 13 विकेट अपने नाम किए हैं। नई गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग करवाने और सटीक यॉर्कर डालने की क्षमता से उन्होंने टीम प्रबंधन को प्रभावित किया हैं।

रोहित ने श्रीलंका के विरुद्ध मिली हार के बाद कहा, "आज भी उन्होंने अंतिम दो ओवरों में बढ़िया गेंदबाज़ी की। वह आत्मविश्वास से भरे हुए रहते हैं और इसलिए यहां पर हैं। अपने आत्मविश्वास और स्पष्ट विचारों के कारण वह घर पर बैठे बाक़ी लोगों से आगे हैं। भारत के लिए खेलते समय अपने शुरुआती दिनों में मैंने किसी को ऐसे नहीं देखा है। वह अच्छा करना चाहते हैं। वह टीम की सफलता के भूखे हैं, जो कप्तान के रूप में मेरे लिए एक अच्छा संकेत है। यहां तक ​​​​कि राहुल [द्रविड़] भाई भी आपको बताएंगे कि हम इस बात से बहुत ख़ुश हैं कि वह अपने खेल को कैसे आगे लेकर जा रहे हैं।"

इसके अलावा भारतीय कप्तान ने पिछले दो मैचों में अंतिम ओवरों में महंगे साबित हुए भुवनेश्वर कुमार का समर्थन किया। दोनों मैचों में 19वां ओवर डालते हुए भुवनेश्वर ने 19 (पाकिस्तान) और 14 (श्रीलंका) रन ख़र्च किए। सुपर 4 चरण के इन दोनों मुक़ाबलों में कुल आठ ओवर डालते हुए उन्होंने 70 रन देकर एक विकेट झटका। रोहित अपनी प्रतिक्रिया में दृढ़ थे कि इन बातों से टीम प्रबंधन को चिंता नहीं होगी और कैसे दो बुरे दिन टीम प्रबंधन की नज़र में वर्षों के अच्छे काम को बेकार नहीं करेंगे।

कप्तान ने कहा, "नहीं यार, चिंता की कोई बात नहीं है। दो मैच हारने पर आप चिंता करने नहीं लग जाते हैं। हम अपने ड्रेसिंग रूम में इस तरह की बात नहीं करते। हमने (टी20) विश्व कप (2021) के बाद कई मैच जीते हैं। अनुभवी खिलाड़ी आउट होते हैं, अनुभवी खिलाड़ी रन देते हैं, ये सामान्य बातें हैं। मुझे नहीं लगता कि हमें इन चीज़ों के बारे में चिंता करनी चाहिए। भुवी इतने सालों से खेल रहे हैं, डेथ ओवरों में हमारे लिए मैच जीत रहे हैं, इसलिए एक या दो मैचों से हमें निर्णय नहीं लेना चाहिए।"

रोहित ने समय लेकर यह भी समझाया कि कैसे इस तरह की हार के बावजूद, 'मानसिक रूप से परेशान' होने की बजाय गेंदबाज़ों की मानसिकता अच्छी थी। उन्होंने कहा, "190-200 का लक्ष्य नहीं होने पर अगर आपको शुरुआत में विकेट नहीं मिलते हैं तो आप पर दबाव होता है। हमने देखा है कि लक्ष्य का पीछा करते हुए पिच बेहतर हो जाती है। हमें पता था कि अगर हमें पावरप्ले में विकेट नहीं मिलते हैं तो यह कठिन होगा। हालांकि ऐसा नहीं लगता कि कोई गेंदबाज़ हताश या मानसिक रूप से परेशान है, सभी लड़कों को अपनी क्षमता पर भरोसा है।"

रोहित ने आगे कहा, "यदि आप लगातार इतने सारे मैच खेलते हैं, तो निष्पादन में कई बार ग़लती हो जाती है। लेकिन हम यह नहीं कहते कि हमारा मनोबल गिर गया है। यह सभी के साथ होता है। सभी लड़के आश्वस्त हैं और उन्होंने पिछले छह महीनों में हमारे लिए अच्छा प्रदर्शन किया है।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांस कुणाल किशोर ने किया है।

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