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कैसे पंजाब से BBL पहुंचे निखिल चौधरी?

निखिल की कहानी किसी बॉलीवुड मूवी से कम नहीं है

Nikhil Chaudhary looks on, Hobart Hurricanes vs Melbourne Renegades, Hobart, December 23, 2023

निखिल अब होबार्ट हरिकेंस टीम के प्रमुख सदस्य है  •  Getty Images

सितंबर, 2023 की एक सुबह। भारत में पंजाब के लिए घरेलू क्रिकेट खेल चुके निखिल चौधरी को उनके एजेंट केंडल फ़्लेमिंग का फ़ोन आता है और वह चहक उठते हैं।
"हमने कर दिखाया!" फ़्लेमिंग ने कहा।
"तुम्हारा मतलब क्या है?" भौचक्के निखिल ने सवाल पूछा।
"हरिकेंस ने कॉन्ट्रैक्ट भेजा है। हमने कर दिखाया, निखिल!", फ़्लेमिंग का जवाब था।
निखिल अपने घुटनों के बल ज़मीन पर शांत बैठ जाते हैं और 30 सेकंड तक कुछ नहीं बोल पाते हैं। इसके बाद उनका जवाब होता है, "क्या तुम सही कह रहे हो?" उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं होता।
ख़ैर, इस घटना के बाद निखिल के क्रिकेटिंग करियर का परिदृश्य 360 डिग्री बदल गया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ब्रेट ली को देखते हुए क्रिकेट खेलना शुरू किया था और अब वह ली के ही देश ऑस्ट्रेलिया में फ़्रैंचाइज़ी क्रिकेट खेलने जा रहे थे।
27 वर्षीय निखिल का जन्म दिल्ली में हुआ था, लेकिन बचपन में ही उनका परिवार पंजाब चला गया, जहां निखिल ने क्रिकेट का ककहरा सीखा। वह स्कूल में ली की गेंदबाज़ी ऐक्शन की नक़ल करते थे, लेकिन जब उन्हें लगा कि वह ली जितना अक्रामक और तेज़ नहीं हो सकते, तो उन्होंने ऑफ़ स्पिन की ओर रूख़ कर लिया। हालांकि इस गेंदबाज़ के पीछे एक आक्रामक बल्लेबाज़ भी था, जो समय-समय पर बाहर आता रहता था।
स्कूल और एज़-ग्रुप क्रिकेट होते हुए निखिल का सफ़र पंजाब टीम तक पहुंचा। 2017 में उन्हें पंजाब की सीमित ओवर टीम में एक बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में चुना गया। उस समय हरभजन सिंह पंजाब के कप्तान थे और युवराज सिंह भी उस सीज़न में खेल रहे थे।
उस समय को याद करते हुए निखिल कहते हैं, "उन बड़े नामों के साथ खेलने का अपना एक अलग ही दबाव था। भारत में क्रिकेटरों का स्टार कल्चर एकदम अलग ही स्तर पर होता है और लोग किसी कारण से ही उन्हें भगवान बुलाते हैं। हरभजन जैसे खिलाड़ी के साथ खेलने के कारण मैं अपने पहले मैच में बहुत ही नर्वस था, लेकिन मेरी उम्मीद के विपरीत वह बहुत ही विनम्र इंसान निकले।"
"तब मुझे युवराज सिंह से बहुत कुछ सीखने को मिला, जैसे- पारी को कैसे खड़ा किया जाए, बड़े लक्ष्य का पीछा कैसे किया जाए और मैच को अंत तक ले जाकर कैसे जीता जाए। उनके साथ खेलकर मुझे पता चला कि मैं मैच के किसी भी मोड़ पर रन बना सकता हूं। तब मैं आईपीएल खेलना चाहता था, भारत के लिए खेलना चाहता था।" 2019 के आख़िर में मुंबई इंडियंस ने दो बार निखिल का ट्रायल किया, लेकिन वह असफल रहे। इसके बाद निखिल छुट्टियों के लिए ऑस्ट्रेलिया गए, जहां कोरोना के कारण उनकी ज़िंदगी एकदम ही पलट गई।
जब कोरोना के कारण ऑस्ट्रेलिया में लॉकडाउन लगा, तब निखिल ब्रिस्बेन में थे। लॉकडाउन खुलने में एक लंबा वक़्त लगा और जब लॉकडाउन खुला तब तक निखिल को ऑस्ट्रेलिया पसंद आ गया था। अब ब्रिस्बेन उन्हें अपना नया घर लगने लगा था।
निखिल बताते हैं, "यह भारत से बिल्कुल अलग था और मुझे यहां का कल्चर अधिक पसंद आया। अब मैं अपना क्रिकेट करियर ऑस्ट्रेलिया में ही बनाना चाहता था। मैं अब एक बदलाव चाहता था और एक व्यक्ति के रूप में बेहतर होना चाहता था।"
हालांकि निखिल के लिए अब चुनौतियां शुरू हो रही थीं। उन्हें ऑस्ट्रेलिया में अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए रेस्तरां में काम करना पड़ा। हालांकि वह चाकू चलाने में उतने अच्छे नहीं थे, जितना बल्ला चलाने में। वहां उनकी तर्जनी उंगली कट गई और एक गहरा घाव हुआ। इसके बाद वह रेस्तरां का काम छोड़कर ऑस्ट्रेलिया डाक विभाग के लिए कूरियर का काम करने लगे। यह काम उन्होंने दो साल तक किया और वह ब्रिस्बेन की गली-गली से परिचित हो गए।
लेकिन अब पूरा ब्रिस्बेन निखिल को जानने वाला था।
2020 के अंत में निखिल ने फिर से क्रिकेट के मैदान में क़दम रखा और लोकल क्लब क्रिकेट खेलने लगे। अपनी आक्रामक और अनोखी बल्लेबाज़ी शैली के कारण निखिल जल्द ही वहां के लोकल क्रिकेट में एक बड़े नाम बन गए और उन्हें पूरा ब्रिस्बेन जानने लगा।
निखिल बताते हैं, "अब मेरा एकमात्र लक्ष्य BBL खेलना था। मैं चाहता था कि मेरी क्षमता से और अधिक लोग परिचित हों कि मैं बल्ले के साथ क्या-क्या कर सकता हूं।"
निखिल ने आगे बताया, "मैंने अपनी बल्लेबाज़ी की तकनीक को अधिक नहीं बदला था। भारत में भी घरेलू टी20 मैचों के दौरान उछाल भरे विकेट मिलते थे, वे टेस्ट मैचों की तरह धीमे नहीं होते थे। यहां पर भी मुझे उछाल भरे विकेट मिले। ब्रिस्बेन में हर खिलाड़ी बहुत ही प्रतिभाशाली है, जिसके कारण मुझे यहां कड़ी प्रतिस्पर्धा मिली। लेकिन मुझे अपने ऊपर बहुत विश्वास था और वहां लोकल क्रिकेट में प्रदर्शन कर मेरा यह आत्मविश्वास और भी बढ़ा।"
निखिल जिस क्लब नॉर्दर्न सबअर्ब्स के लिए खेलते थे, उनके कोच पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर जेम्स होप्स थे, जो फ़िलहाल BBL में होबार्ट हरिकेंस टीम के कोचिंग स्टाफ़ में हैं। होप्स ने ही अपनी टीम को निखिल के खेल के बारे में बताया और उन्हें टीम में शामिल करने के लिए राजी किया।
निखिल के पास अब BBL का कॉन्ट्रैक्ट तो था, लेकिन हरिकेंस की मज़बूत बल्लेबाज़ी क्रम को देखते हुए अंतिम एकादश में जगह बनाना आसान नहीं था। लेकिन बल्ले और गेंद दोनों से प्रदर्शन करने की क्षमता से उन्हें जल्द ही एकादश में जगह मिल गई, जिसका उन्होंने भरपूर फ़ायदा उठाया।
हरिकेंस के कोच जेफ़ वॉन ने सीज़न से पहले निखिल को कहा था, "तुम कहीं भी बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी कर सकते हो, तो तैयार रहना।"
हरिकेंस के दूसरे मैच से पहले निखिल के पास वॉन का फ़ोन आया कि मैथ्यू वेड के पीठ में थोड़ी जकड़न है और हो सकता है कि निखिल को एकादश में मौक़ा मिल जाए। तब निखिल टीम होटल में नाश्ता कर रहे थे। इस ख़बर को सुनने के बाद निखिल अपना नाश्ता भी नहीं कर सके। हालांकि जब उन्होंने नेट्स पर वेड को अभ्यास करते हुए देखा तो उन्हें ऐसा लगा कि उस दिन भी उनके बीबीएल डेब्यू का सपना अधूरा ही रह जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं था। मैच से एक घंटा पहले निखिल को बताया गया कि वह नंबर छह पर खेलेंगे। इस मैच में हरिकेंस का शीर्ष क्रम जेसन बेहरनड्रॉफ़ और लांस मॉरिस के आगे बिखर सा गया। जब निखिल बल्लेबाज़ी के लिए आए तो हरिकेंस का स्कोर 28 रन पर चार विकेट था, जो जल्द ही कोरे एंडरसन के आउट होने के बाद 47 रन पर पांच विकेट हो गया।
निखिल उस दिन को याद करते हुए बताते हैं, "मैं बहुत नर्वस था क्योंकि मैंने कभी भी इतनी बड़ी भीड़ के सामने बल्लेबाज़ी नहीं की थी। एक-दो गेंदों तक मुझे वह दबाव महसूस हुआ। लेकिन इसके बाद मुझे होप्स के शब्द याद आने लगे। उन्होंने मुझसे कहा था कि कोई भी परिस्थिति हो, मैच में कुछ भी हो रहा है, मुझे अपना स्वाभाविक खेल खेलना चाहिए। मैंने भी तब अपने आपसे कहा- यह मैटर नहीं करता कि मुझे कौन गेंदबाज़ी कर रहा है, अगर गेंद मेरे पाले में आती है तो मैं उसे मारने जा रहा हूं।"
इसके बाद निखिल ने ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान समय के सबसे तेज़ गेंदबाज़ मॉरिस पर लगातार दो चौके मारे और फिर ऐंड्रयू टाई पर भी एक सीधा पंच मारा। फिर वह मॉरिस की तेज़ गेंद पर आगे निकले और उसे एक्स्ट्रा कवर के ऊपर लहरा दिया।
अपने पहले ही मैच में निखिल अर्धशतक की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन बेहरनड्रॉफ़ की एक स्लोअर गेंद ने उनका स्टंप उड़ा दिया। हालांकि अब निखिल की गाड़ी निकल पड़ी थी। मेलबर्न स्टार्स के ख़िलाफ़ अगले मैच में जब निखिल को बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा मिला तो उन्होंने पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ हारिस रउफ़ पर बैकवर्ड प्वाइंट पर छक्का जड़ा। उस छक्के की क्लिप अब सोशल मीडिया पर वायरल है। इस मैच में निखिल ने 16 गेंदों पर 32 रन बनाए और फिर अगले मैच में दो विकेट भी लिया। निखिल कहते हैं, "मुझे इससे फ़र्क नहीं पड़ता कि कौन गेंदबाज़ है या बाउंड्री कितनी बड़ी है, मैं हमेशा ही गेंद पर प्रहार करने के लिए जाऊंगा।"
निखिल का यह कॉन्ट्रैक्ट फ़िलहाल एक साल का है, लेकिन उन्मुक्त चंद के बाद BBL खेलने वाले सिर्फ़ दूसरे भारतीय बने निखिल इस मौक़े को और बड़ा बनाना चाहते हैं।

त्रिस्‍टन लैवालेट पर्थ में जर्नलिस्‍ट हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर दया सागर ने किया है