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टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट : मांधना, वुलफ़ार्ट, गार्डनर, एकलस्टन और?

ESPNcricinfo ने अपनी टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट पांच देशों से खिलाड़ियों को शामिल किया है

ESPNcricinfo स्टाफ़
03-Nov-2025 • 10 hrs ago
महिला विश्व कप 2025 भारत की साउथ अफ़्रीका पर जीत के साथ ही समाप्त हो गया। ESPNcricinfo ने इस विश्व कप की टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट चुनी है। देखिए कि आपकी टीम ऑफ़ द टूर्नामेंट से यह टीम कितना मेल खा रही है।
434 रन | औसत 54.25 | स्ट्राइक रेट 99.08
विश्व की शुरुआत मांधना के लिए उम्मीदों के अनुरूप नहीं रही और वह पहली तीन पारियों में मात्र 54 रन ही बना पाईं। हालांकि जैसे ही बड़े मुक़ाबले आए मांधना ने अपनी लय पकड़ ली। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 80, इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 88 और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने 109 रन बनाए। फ़ाइनल में मांधना ने 45 रनों की पारी खेलकर उन्होंने महिला विश्व कप के एक संस्करण में भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाने वालीं बल्लेबाज़ के तौर पर विश्व कप को समाप्त किया।
571 रन | औसत 71.37 | स्ट्राइक रेट 98.78
वुलफ़ार्ट ने भी टूर्नामेंट की धीमी शुरुआत की थी लेकिन जल्द ही उन्होंने रफ़्तार पकड़ ली। सात लगातार मैचों में उन्होंने 30 या उससे ज़्यादा का स्कोर बनाया जिसमें भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अर्धशतक शामिल थे। इसके बाद उन्होंने दोनों नॉकआउट मुक़ाबलों में शतक लगाए। फ़ाइनल में भारत के ख़िलाफ़ 101 रनों की उनकी पारी भले ही व्यर्थ चली गई लेकिन सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 169 रनों की उनकी पारी जिसकी बदौलत साउथ अफ़्रीका पहली बार महिला वनडे विश्व कप फ़ाइनल में पहुंची, वह पारी वनडे की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक पारी के तौर पर याद की जाएगी। वह अब महिला वनडे विश्व कप के एक संस्करण में सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज़ भी हैं।
292 रन | औसत 58.40 | स्ट्राइक रेट 101.03
अपना पहला विश्व कप खेल रहीं रॉड्रिग्स के लिए शुरुआत अच्छी नहीं हुई। दो बार डक और दो बार 30 से अधिक का स्कोर बनाने के बाद रॉड्रिग्स को बेंच पर समय बिताना पड़ा। लेकिन जल्द ही उनकी वापसी हुई और उन्हें नंबर तीन पर प्रमोट किया गया। रॉड्रिग्स ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 55 गेंदों पर 76 रनों की नाबाद पारी खेली। फिर इसके बाद उन्होंने सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 127 रनों की नाबाद और ऐतिहासिक पारी खेली।
208 रन | स्ट्राइक रेट 102.97 | विकेट 12 | इकॉनमी 4.18
बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अर्धशतकीय पारी के इतर काप की ओर से इस विश्व कप में पहला सबसे बड़ा योगदान पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जब उन्होंने 43 गेंदों पर 68 रनों की पारी खेलने के साथ ही नई गेंद से तीन विकेट भी झटके। इसके बाद उन्होंने सेमीफ़ाइनल में पहले ओवर में दोहरे झटके देकर इंग्लैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
117 रन | स्ट्राइक रेट 85.40 | विकेट 17 | इकॉनमी 4.45
डेथ में गेंदबाज़ी करने की सदरलैंड की महारत ने उन्हें विश्व कप फ़ाइनल से पहले इस संस्करण में संयुक्त तौर पर सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज़ बना दिया था। उन्होंने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तिहरे झटकों से शुरुआत की। इसके बाद सदरलैंड ने भारत के ख़िलाफ़ 40 रन देकर पंजा निकाला। वहीं इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने एक बार फिर तीन विकेट चटकाए, इस मुक़ाबले में उन्होंने बल्ले से भी योगदान दिया था।
328 रन | स्ट्राइक रेट 130.15 | विकेट 7 | इकॉनमी 5.30
2025 विश्व कप से पहले टूर्नामेंट में पांच या उससे नीचे बल्लेबाज़ी करते हुए सिर्फ़ तीन शतक ही लगे थे लेकिन गार्डनर ने इस संस्करण में अकेले दो शतक जड़ दिए। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 128 पर 5 के स्कोर को उन्होंने अपने शतक की बदौलत 326 के स्कोर तक पहुंचाया, जिसमें उन्होंने 83 गेंदों पर 115 रनों की पारी खेली। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ट्रिकी चेज़ में 68 के स्कोर पर चार विकेट गंवा चुकी ऑस्ट्रेलिया को 73 गेंदों पर 104 रनों की नाबाद पारी खेलकर 245 के लक्ष्य तक पहुंचाया। इसके अलावा उन्होंे सेमीफ़ाइनल में अर्धशतक भी लगाया और टूर्नामेंट में गेंद के साथ भी अपनी टीम के लिए उपयोगी साबित हुईं।

ऋचा घोष (विकेटकीपर)

235 रन | औसत 39.16 | स्ट्राइक रेट 133.52 | शिकार 4
अपनी फ़िनिशिंग क्षमता के चलते घोष ने बतौर विकेटकीपर हमारी टीम में जगह बनाई है। वह टूर्नामेंट में सबसे तेज़ रन बनाने वाली बल्लेबाज़ होने के साथ ही सर्वाधिक छक्के जड़ने वाली बल्लेबाज़ भी रहीं। उनकी 20 गेंदों पर 35 रनों की नाबाद पारी की बदौलत भारत पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कोलंबो में 250 के क़रीब पहुंचा। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ लीग मैच और सेमीफ़ाइनल दोनों में ही घोष ने उपयोगी पारियां खेली। जबकि साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ ख़िताबी भिड़ंत में 24 गेंदों पर 34 रनों की पारी खेलने के साथ ही उन्होंने लीग स्टेज में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 77 गेंदों में 94 रनों की पारी खेली।
208 रन | स्ट्राइक रेट 133.64 | विकेट 9 | इकॉनमी 5.30
विशाखापट्टनम में भारत के ख़िलाफ़ 54 गेंदों में 84 रनों की नाबाद पारी खेलने के साथ ही डी क्लर्क बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 29 गेंदों पर नाबाद 37 रनों की पारी खेलकर एक बड़ा उलटफेर होने से बचाया। डी क्लर्क ने इस संस्करण को दूसरी सबसे तेज़ रन बनाने वाली बल्लेबाज़ और दूसरे सर्वाधिक छक्के जड़ने वाले बल्लेबाज़ के तौर पर समाप्त किया है। गेंद के साथ भी उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया और उन्हें जब भी गेंदबाज़ी के लिए बुलाया गया, उन्होंने कम से कम एक विकेट निकाला।
विकेट 22 | इकॉनमी 5.52 | 215 रन | स्ट्राइक रेट 90.33
दीप्ति ने टूर्नामेंट की शुरुआत अर्धशतक और तीन सफलता हासिल कर की और उन्होंने इस टूर्नामेंट का समापन पंजे और अर्धशतक के साथ किया। इस संस्करण में सर्वाधिक विकेट लेने वालीं गेंदबाज़ दीप्ति किसी भी महिला वनडे विश्व कप में 200 से ज़्यादा रन बनाने वालीं और 15 से अधिक विकेट लेने वालीं पहली खिलाड़ी बनीं। दीप्ति को प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ चुना गया जिसमें एक मैच में चार विकेट और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अर्धशतक के साथ ही सेमीफ़ाइनल में 17 गेंदों पर 24 रनों की अहम पारी भी शामिल है।
विकेट 13 | औसत 17.38 | इकॉनमी 4.03
इंदौर में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ किंग ने सात विकेट निकाले और पूरी विपक्षी टीम को तहस नहस कर के रख दिया। किंग ने अन्य मुक़ाबलों में भी अच्छा प्रदर्शन किया। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पहले मुक़ाबले में उन्होंने दो विकेट हासिल किए, बांग्लादेश के ख़िलाफ़ भी उन्हें दो विकेट मिले। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उन्होंने अर्धशतक जड़ते हुए न सिर्फ़ अपनी टीम को बचाया बल्कि महिला अंतर्राष्ट्रीय में 10वें नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए अर्धशतक लगाने वालीं पहली खिलाड़ी भी बनीं।
विकेट 16 | औसत 14.25 | इकॉनमी 4.05
एकलस्टन ने टूर्नामेंट की शुरुआत लिंसी स्मिथ के सहयोगी स्पिनर के रूप में की थी लेकिन टूर्नामेंट में आगे चलकर वह इंग्लैंड के लिए एक अहम खिलाड़ी बन गईं। बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 24 रन देकर तीन विकेट और श्रीलंका के ख़िलाफ़ 17 रन देकर चार विकेट हासिल कर उन्होंने इंग्लैंड के विश्व कप अभियान को मज़बूती प्रदान की। हालांकि इंदौर में खेले मुक़ाबलों में वह अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाईं और सेमीफ़ाइनल से पहले उनकी चोट पर संशय की स्थिति पनपी। लेकिन साउथ अफ़्रीका से मिली इंग्लैंड को हार में भी उन्होंने अपनी टीम की ओर से सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 44 रन देकर चार विकेट निकाले।

12वीं खिलाड़ी : सोफ़ी डिवाइन

रन 289 | औसत 57.80 | स्ट्राइक रेट 85.25 | विकेट 4
अपने वनडे करियर के अंतिम अध्याय में डिवाइन न्यूज़ीलैंड की ओर से इकलौती प्रभावशाली प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ी रहीं। ऑस्ट्रेलिया (112) और साउथ अफ़्रीका (85) के ख़िलाफ़ मिली हार में वह अपनी टीम की ओर से शीर्ष स्कोरर रहीं और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ मिली जीत में भी उन्होंने 63 रन बनाए। डिवाइन ने तीन पारियों में ही 260 रन बना लिए थे लेकिन इसके बाद दो सप्ताह तक न्यूज़ीलैंड को बल्लेबाज़ी का मौक़ा नहीं मिला और भारत और इंग्लैंड के ख़िालफ़ डिवाइन बल्ले के साथ कमाल नहीं दिखा पाईं जिसके चलते वह अपने वनडे करियर का अंत एक बड़ी पारी के साथ नहीं कर पाईं।