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कैसे रजत पाटीदार ने बनाई भारत की टेस्‍ट टीम में जगह

मध्‍य प्रदेश के बल्‍लेबाज़ को मुश्किल रन बनाने के लिए जाना जाता है और उन्‍होंने हाल ही में इंग्‍लैंड लायंस के लिए शतक लगाया था

Rajat Patidar plays the swivel pull during his century, Mumbai vs Madhya Pradesh, Ranji Trophy 2021-22 final, Bengaluru, June 25, 2022

घरेलू क्रिकेट में खूब रन बनाकर आए हैं रजत पाटीदार  •  PTI

सन 2000 से केवल छह भारतीय खिलाड़‍ियों ने 30 साल की उम्र के बाद टेस्‍ट में पदार्पण किया है। अगर रजत पाटीदार गुरुवार को हैदराबाद में इंग्‍लैंड के ख़‍िलाफ़ टेस्‍ट कैप पाते हैं तो वह सातवें हो सकते हैं और सूर्यकुमार यादव के बाद केवल दूसरे विशेषज्ञ बल्‍लेबाज़ हो सकते हैं।
विराट कोहली के रिप्लेसमेंट के तौर पर चुने गए पाटीदार ने मध्‍य प्रदेश के लिए अपने प्रथम श्रेणी करियर में अधिकतर नंबर तीन और चार पर ही बल्‍लेबाज़ी की है। उनके लाल गेंद क्रिकेट के आंकड़े प्रभावी हैं जहां उन्‍होंने 93 पारियों में 45.97 की औसत से 4000 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 22 अर्धशतक शामिल हैं। अपने नौ साल के घरेलू क्रिकेट करियर में उन्‍होंने मुश्किल पिच पर रन बनाने वाले बल्‍लेबाज़ के तौर पर पहचान बनाई है।
पाटीदार के मानसिक संतुलन ने मध्‍य प्रदेश के कोच चंद्रकांत पंडित को प्रभावित किया है। कोचिंग के पुराने तरीक़े पर पंडित की अलग राय है, यहां तक कि परिणाम देने के बाद भी, लेकिन पंडित जैसे कठोर व्यक्ति के लिए यह कहना कि उन्होंने पाटीदार को उन पर छोड़ दिया, यह खिलाड़ी की परिपक्वता के बारे में बहुत कुछ बताता है।
पंडित ने एक बार कहा था, "हर मैच से पहले मेरे पास एक व्‍हाइटबोर्ड होता है और मैं उसमें प्रत्‍येक खिलाड़ी की ताक़त और कमज़ोरी बताता हूं और यह भी बताता हूं कि नेट्स में उन्‍हें क्‍या करने की ज़रूरत है। जब मैं मीटिंग में ऐसा कर रहा होता था तो एक बार एक खिलाड़ी ने कहा सर आप रजत का नाम भूल गए। मैंने उससे कहा रहने दो वो संभाल लेगा। उसकी चिंता नहीं है।"
चोट के कारण लंदन में सर्जरी की आवश्यकता के कारण पाटीदार को 2023 के अधिकांश समय के लिए दरकिनार कर दिया गया था और उन्हें अचंभा हुआ कि क्या उन्होंने अपना बड़ा मौक़ा खो दिया है। दिसंबर में साउथ अफ़्रीका में अपना वनडे डेब्यू करने के बाद अब उनका करियर ग्राफ़ बहुत ऊंचाई पर पहुंच गया है।
पिछले सप्‍ताह अहमदाबाद में इंग्‍लैंड लायंस के ख़िलाफ़ पहले अनाधिकारिक टेस्‍ट में उन्‍होंने इंडिया ए की 227 रन की पारी में अकेले 158 गेंद में 151 रन बनाए। इससे पहले इसी टीम के ख़‍िलाफ़ उन्‍होंने दो दिन के मैच में 111 रन बनाए। वह बैज़बॉल की कोशिश नहीं कर रहे थे।
जून 2022 में मध्‍य प्रदेश को पहला रणजी ट्रॉफ़ी ख़‍िताब जिताने के बाद पाटीदार ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा था, "मैं प्रदर्शन के हिसाब से ख़ुद को नहीं आंकता हूं। मुझे बल्लेबाज़ी का वह अहसास प्राप्त करने की आवश्यकता है, जहां शॉट अच्छे हैं, संतुलन है, सिर सही स्थिति में है, जब तक मुझे वह अहसास नहीं मिलता है तब तक मुझे नहीं लगता कि मैं अच्छी फ़ॉर्म में हूं। ज़ाहिर तौर पर रन बनाना हर बल्लेबाज़ का काम है, लेकिन मेरे लिए अगर मैं अपनी बल्लेबाज़ी के बारे में अच्छा महसूस करता हूं तो रन अपने आप आते हैं।"
पाटीदार की एक और ताक़त असफलताओं से निपटने की उनकी क्षमता है। आईपीएल 2022 की नीलामी में कोई ख़रीददार नहीं मिलने के चार दिन बाद, उन्होंने 2021-22 रणजी सीज़न की शुरुआत गुजरात के ख़‍िलाफ़ रैंक टर्नर पर दो अर्धशतकों के साथ की, जिससे मध्य प्रदेश को जीत मिली। ग्रुप चरण की कठिन स्थिति, कोविड-19 के प्रभाव का मतलब था कि प्रत्येक टीम के पास केवल तीन मैच थे और हर एक महत्वपूर्ण था। पाटीदार ने चार पारियों में 83.75 की औसत से 335 रन बनाए।
पाटीदार मई में अपनी शादी की योजना बना रहे थे, जब उन्हें रिप्लेसमेंट के रूप में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु में शामिल होने के लिए माइक हेसन का फोन आया। कॉल के 24 घंटों के भीतर, उन्होंने अपनी शादी स्थगित कर दी थी और आईपीएल 2022 के लिए विमान में थे, जहां वह प्लेऑफ़ गेम में शतक लगाने वाले पहले अनकैप्ड भारतीय बने।
लखनऊ सुपर जाइंट्स के ख़िलाफ़ ईडन गार्डन्स में उस पारी के बाद राजस्थान रॉयल्स के ख़‍िलाफ़ क्वालीफ़ायर 2 में अर्धशतक लगाया। उन्होंने उस आईपीएल सीज़न को आठ पारियों में 152.50 के स्ट्राइक रेट से 333 रन के साथ समाप्त किया। उस शानदार आईपीएल शतक के एक सप्‍ताह बाद पाटीदार रणजी ट्रॉफ़ी नॉकआउट में मध्य प्रदेश के लिए खेल रहे थे, उन्होंने 80.75 की औसत से 323 रन बनाए, जिसमें मुंबई के खिलाफ फ़ाइनल में मैच जिताने वाला शतक भी शामिल था।
उन्होंने तीन महीनों में सभी प्रारूपों में लगभग 1000 रन बनाए और अपने द्वारा खेले गए प्रत्येक नॉकआउट गेम में 50 रन बनाए। यही वह समय था जब एक बड़े मैच के खिलाड़ी के रूप में उनकी प्रतिष्ठा ने गति पकड़ी।
उस रणजी फ़ाइनल में मुंबई के कोच अमोल मजूमदार ने कहा था, "वह क्‍लासिक प्‍लेयर हैं, उनके बल्‍ले का गेंद पर संपर्क शानदार है। उनके बल्‍ले का फ़्लो शानदार है। मुझे काफ़ी मज़ा आया, उनकी बल्‍लेबाज़ी अप्रोच बेहतरीन है। वह एक अच्छे खिलाड़ी हैं और मैं रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल में शतक के लिए उन्‍हें बधाई देता हूं। कई लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं।"
उसी साल के अंत में उन्‍होंने न्‍यूज़ीलैंड ए के ख़‍िलाफ़ घर में इंडिया ए के लिए डेब्‍यू किया, जहां तीन मैचों में उन्‍होंने दो शतक लगाए। यही प्रदर्शन सबूत हैं जहां वह आज खड़े हैं।
यह उस व्यक्ति के जीवन में एक ऐतिहासिक क्षण है जो तेज़ गेंदबाज़ बनना चाहता था, लेकिन अवसरों की कमी की वजह से उन्‍होंने 18 साल की उम्र तक मध्य प्रदेश के लिए आयु-समूह क्रिकेट नहीं खेला। इसका मतलब था कि उन्‍हें कुछ अलग करने की कोशिश करनी थी। उन्होंने ऑफ़़ स्पिन की ओर रुख किया, मूल रूप से जूनियर क्रिकेट में जगह पाने के लिए कुछ भी करने के लिए। लेकिन जब चोट लगी तो उन्होंने बल्‍लेबाज़ी पर काम करने के लिए भारत के पूर्व बल्लेबाज़ और एमपी कप्तान अमय खु़रसिया का रुख़ किया।
पाटीदार ने बड़ौदा के ख़‍िलाफ़ शतक के साथ प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया। इसके बाद उन्होंने ग्वालियर में रैंक-टर्नर पर एक और शतक लगाया, जहां ऑफ़़ स्पिनर जलज सक्सेना ने रणजी ट्रॉफ़ी के इतिहास में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए मध्य प्रदेश को तीन दिनों के भीतर मैच जिता लिया।
पाटीदार ने उस मैच में सिर्फ़ 131 गेंदों पर 113 रन बनाए, इस पारी को वह अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी में से एक मानते हैं। उन्होंने कहा था, "यहां गेंद टर्न हो रही थी, इसलिए आप या तो बच सकते थे या तेज़ी से रन करने का प्रयास कर सकते थे। मैंने सोचा कि जब तक मैं पिच पर हूं, मुझे खेल को आगे ले जाना चाहिए और रन बनाने चाहिए। ऐसा नहीं है कि मुझे अपनी डिफ़ेंस पर भरोसा नहीं है, लेकिन स्थिति की मांग थी कि मैं सकारात्मक दिखूं। सब कुछ ठीक रहा।"
हैदराबाद में इंग्लैंड के ख़ि‍लाफ़ पहले टेस्ट में भारत के मध्य क्रम में शुभमन गिल, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर और एक विकेटकीपर के शामिल होने की संभावना है, ऐसे में पाटीदार को अपने मौके़ का इंतज़ार करना पड़ सकता है। लेकिन ज़रूरत पड़ने पर भारत 30 साल के एक अनुभवी खिलाड़ी को बुला सकता है जिसने कठिन स्पिन-अनुकूल परिस्थितियों में उच्च दबाव वाली पारियां खेली हैं।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।