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पीसीबी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पर टी20 लीग के प्रभाव पर चिंता जताई

आईसीसी को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर जुलाई में होने वाली वार्षिक आम बैठक में चर्चा करने को कहा

The IPL 2022 trophy, on display at the Wankhede before the first game, Chennai Super Kings vs Kolkata Knight Riders, IPL 2022, Mumbai, March 26, 2022

आईपीएल की विंडो मार्च के अंत से जून की शुरुआत तक ढाई महीने की कर दी गई है  •  BCCI

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने टी20 लीगों की बढ़ती संख्या, जो एफ़टीपी कैलेंडर में जगह के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, उनके बारे में चिंता व्यक्त की है और आईसीसी को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पर फ़्रैंचाइज़ी क्रिकेट के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक कार्यदल का गठन किया जाए।
पीसीबी ने इस महीने की शुरुआत में आईसीसी को लिखे एक पत्र में अपने मुद्दों को रेखांकित किया; उन्होंने प्रस्तावित किया कि आईसीसी के सीईओ कार्यकारी समूह का नेतृत्व करें और तीन महीने में एक रिपोर्ट तैयार करें। पीसीबी की मुख्य चिंताओं में से एक यह है कि आईपीएल के लिए निर्धारित एक लंबी अवधि के दौरान पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का अवसर खो देगा।
कैलेंडर में कई सालों से आईपीएल की अनौपचारिक दो महीने की विंडो रही है, लेकिन मई 2023 से अप्रैल 2027 तक आईसीसी के अगले फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम (एफ़टीपी) में, जिसका एक ड्राफ़्ट ईएसपीएनक्रिकइन्फ़ो ने प्राप्त किया है, आईपीएल की विंडो मार्च के अंत से जून की शुरुआत तक ढाई महीने की कर दी गई है। इसके अलावा, इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपने-अपने शेड्यूल में द हंड्रेड और बीबीएल के लिए विंडो तैयार की है, जिसके दौरान इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलेंगे।
पीसीबी सहित कई अन्य बोर्ड, अपनी लीग के लिए जगह बनाने के प्रयास में, एफ़टीपी के ड्राफ़्ट में मोटे तौर पर अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर में फ़्रैंचाइज़ी टी20 क्रिकेट की बढ़ती प्रधानता की पुष्टि की।
पीसीबी के सीईओ फ़ैसल हसनैन ने कहा, "आईसीसी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान पाकिस्तान का एक विशेष मुद्दा घरेलू टी20 लीग होगा। हम थोड़ा चिंतित हैं कि दुनिया भर में घरेलू लीगों का प्रसार अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर से समय ले रहा है। नई लीग हैं जो दो से तीन महीनों में विकसित हो रही हैं ... हम चाहते हैं कि इस पर चर्चा की जाए, और एक उचित रणनीति बनाई जाए।"
हसनैन ने पुष्टि की कि पीसीबी ने अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए आईसीसी को लिखा था, और यह समझा जाता है कि आईसीसी ने जुलाई में एजीएम के एजेंडे में इस मुद्दे को जोड़ा है। पीसीबी ने यह भी दावा किया कि दो अन्य बोर्डों को भी इसी तरह की चिंता थी। पीसीबी ने अपने पत्र में कहा कि अपने सदस्यों के लिए निष्पक्षता और समान अवसर सुनिश्चित करना आईसीसी की भूमिका है।
पीसीबी के लिए आईपीएल विंडो विशेष रूप से चिंता का विषय है क्योंकि इनके खिलाड़ी 2008 के बाद से दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग का हिस्सा नहीं रहे हैं। हालांकि भारत और पाकिस्तान आईसीसी और एसीसी आयोजनों में एक-दूसरे से खेलते हैं। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनीतिक संबंधों के कारण उन्होंने 2012-13 के बाद से द्विपक्षीय श्रृंखला भी नहीं खेली है।
अगली एफ़टीपी में एक लंबी आईपीएल विंडो का मतलब होगा कि पाकिस्तान उस अवधि के दौरान शीर्ष टीमों से नहीं खेल पाएगा, जबकि अन्य बोर्डों को अपने खिलाड़ियों के आईपीएल वेतन का कुछ प्रतिशत प्राप्त करके एक हद तक मुआवज़ा मिल जाता है। पीसीबी ने आईसीसी से एक ऐसा मॉडल लाने का आग्रह किया जो बोर्ड को राजस्व में होने वाले नुक़सान की भरपाई करने में मदद करे क्योंकि पीक सीज़न के दौरान टी20 लीग के लिए रिज़र्व विंडो है।
2016 से पाकिस्तान बोर्ड ने फ़रवरी और मार्च के बीच अपने घरेलू सत्र के दौरान अपनी फ़्रैंचाइज़ी टी20 लीग पीएसएल का आयोजन किया है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर में इस टूर्नामेंट के लिए कोई विंडो नहीं है। साथ ही 2026 से पीएसएल टीमों की संख्या में नियोजित वृद्धि के कारण पीसीबी के लिए अपनी लीग और द्विपक्षीय क्रिकेट को एक पैक कैलेंडर में समायोजित करने के लिए जगह खोजना एक चुनौती होगी। हसनैन के अनुसार, अगले एफ़टीपी चक्र के लिए ड्राफ़्ट 80% पूरा हो गया है। 25 और 26 जुलाई को इंग्लैंड के बर्मिंघम में आईसीसी की एजीएम द्वारा कई दौरों की पुष्टि की जानी बाक़ी है।

उमर फ़ारूक़ ESPNcricinfo के पाकिस्तानी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के ए़डिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।