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आईपीएल 2022 में कौन बनेगा सबसे महंगा खिलाड़ी?

चार कैप्ड भारतीय, एक अनकैप्ड खिलाड़ी और कुछ विदेशी सुपरस्टार इस दौड़ में सबसे आगे हैं

Shreyas Iyer and Kagiso Rabada combined to run Ambati Rayudu out, Delhi Capitals vs Chennai Super Kings, IPL 2021 Qualifier 1, Dubai, October 10, 2021

अय्यर पर रहेंगी सबकी निगाहें  •  BCCI

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की बड़ी नीलामी में कौन बनेगा सबसे महंगा खिलाड़ी? इस प्रश्न के कई उत्तर हो सकते हैं लेकिन इनमें से कोई एक विकल्प निश्चित नहीं है। आईपीएल के इतिहास में यह पांचवीं बड़ी नीलामी है, जो पिछली बार 2018 में हुई थी। हालांकि चार वर्ष पहले इस प्रतियोगिता में केवल आठ टीमें थी और चार खिलाड़ियों ने 10 करोड़ रुपयों के आंकड़े को पार किया था। इस बार लीग में दो नई टीमों के जुड़ने के बाद 10 करोड़ की राशि को पार करने वाले और भी खिलाड़ी हो सकते हैं। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ों उन खिलाड़ियों की एक सूची पर नज़र कर रहा है जो नीलामी के अंत में सबसे धनवान बन सकते हैं।
श्रेयस अय्यर
पहला सेट - मार्की खिलाड़ी
मूल रक़म: 2 करोड़ रुपये
भूमिका : बल्लेबाज़
उम्र, प्रतिभा, ब्रांड बनने की क्षमता और कप्तान के रूप में सफलता ने श्रेयस अय्यर को इतना आकर्षक विकल्प बना दिया है कि फ़्रैंचाइज़ी अधिकारियों का मानना है कि वह इस नीलामी में सबसे महंगे खिलाड़ी बन सकते हैं। बतौर बल्लेबाज़, 2015 में डेब्यू करते हुए 437 रन बनाने के बाद से श्रेयस ने कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं किया है। 2018 में बीच सीज़न में कप्तानी थमाई जाने के बाद से अय्यर ने कैपिटल्स को लगातार दो साल प्लेऑफ़ और 2020 में अपने पहले फ़ाइनल में पहुंचाया, लेकिन जैसे ही टीम ने पिछले सीज़न कप्तान की भूमिका निभाने वाले ऋषभ पंत को कप्तान के रूप में रिटेन किया, अय्यर ने नीलामी में जाने का फ़ैसला किया।
आईपीएल टीमें लंबी अवधि में एक भारतीय खिलाड़ी को कप्तान के रूप में देखना पसंद करती हैं, साथ ही श्रेयस, पंत और केएल राहुल के साथ उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें भविष्य के लिए भारतीय टीम के कप्तान के रूप में देखा जा रहा है। चेन्नई सुपर किंग्स जैसी टीम भी संभवतः अपना अंतिम आईपीएल सीज़न खेल रहे महेंद्र सिंह धोनी के लिए रिप्लेसमेंट तलाश करेगी। इस बात से बिल्कुल आश्चर्य नहीं होगा अगर कैपिटल्स दोबारा श्रेयस को अपने साथ जोड़ने में रुचि दिखाते हैं क्योंकि इससे पिछले वर्ष की उनकी मूल टीम बरक़रार रहेगी।
डेविड वॉर्नर
पहला सेट - मार्की खिलाड़ी
मूल रक़म: 2 करोड़ रुपये
भूमिका : सलामी बल्लेबाज़
बहुत से लोगों ने उम्मीद नहीं की थी कि डेविड वॉर्नर बड़ी नीलामी का हिस्सा होंगे। वह इस प्रतियोगिता के एक दिग्गज खिलाड़ी हैं। इस टूर्नामेंट के इतिहास में वह सर्वश्रेष्ठ विदेशी खिलाड़ी रहे हैं। 2014 से लेकर 2020 तक वॉर्नर ने 52.31 की औसत और 144.98 के स्ट्राइक रेट से 3819 रन बनाए हैं। रनों के मामले में विराट कोहली 3605 रनों के साथ उनके बाद दूसरे स्थान पर थे लेकिन उनके यह रन 135.27 के स्ट्राइक रेट से बने थे। आश्चर्यचकित करने वाली बात यह भी है कि 2018 का पूरा सीज़न नहीं खेलने के बावजूद वॉर्नर ने इतने रन बनाए है। उन्होंने दो बार ऑरेंज कैप अपने नाम की और साल 2016 में सनराइज़र्स हैदराबाद को पहली बार चैंपियन बनाया।
वॉर्नर की निरंतरता और स्पिन को खेलने की कला उनकी विशेषता है। उन्होंने 2018 को छोड़कर लगातार छह सीज़नों में 500 से अधिक रन बनाए हैं। परंतु 2021 में एक ख़राब सीज़न और मैदान के बाहर की गतिविधियों ने उनके लिए सब कुछ बदल दिया। हालांकि आईपीएल के तुरंत बाद वॉर्नर ने वापसी की और वह टी20 विश्व कप में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहे। एक विदेशी ओपनर और अनुभवी आईपीएल खिलाड़ी के रूप में वॉर्नर के पास टीम को देने के लिए बहुत कुछ है। कुछ टीमें ऐसी हैं जो वॉर्नर को अपने साथ नहीं जोड़ना चाहेंगे लेकिन कई टीमें ऐसी भी होंगी जो उन्हें ख़रीदना चाहेंगी और उनके पास पैसों की कमी नहीं होगी। आईपीएल विजेता कप्तान होने से वॉर्नर टीम के नेतृत्वकर्ता भी बन सकते हैं।
इशान किशन
चौथा सेट - विकेटकीपर
मूल रक़म: 2 करोड़ रुपये
भूमिका : विकेटकीपर बल्लेबाज़
टीमों के स्काउट्स का मानना है कि वह पंत की तुलना में गेंद को ज़्यादा ज़ोर से मारते हैं और पंत की ही तरह वह छोटी कद-काठी के बावजूद ख़तरनाक पावर-हिटर हैं। वह केवल 23 साल के हैं लेकिन बतौर विकेटकीपर-बल्लेबाज़ उन्होंने सभी को प्रभावित किया है।
आईपीएल 2020 में किशन ने रिकॉर्ड तोड़ 30 छक्के जड़े थे और विजेता मुंबई इंडियंस की तरफ़ से वह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। उन्होंने दिखाया था कि क्यों मुंबई ने 2018 की नीलामी में 6 करोड़ 20 लाख रुपये देकर उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था।
पिछले दो आईपीएल सीज़न में किशन ने 40 से अधिक की औसत और 140 से अधिक के स्ट्राइक से कुल 757 रन बनाए हैं, इसमें छह अर्धशतकीय पारियां भी शामिल हैं। पिछले सीज़न उन्होंने हैदराबाद की गेंदबाज़ी को तहस-नहस करते हुए मात्र 16 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। मुंबई के लिए बतौर ओपनर किशन को सबसे अधिक सफलता मिली। हालांकि उन्होंने कई मौक़ों पर दिखाया है कि वह मध्य क्रम में भी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। एक ताबड़तोड़ विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के रूप में किशन के पास वह सारी ख़ूबियां हैं जिसकी चाह हर टीम को होगी। नतीजतन, नीलामी के शुरुआती दौर में शामिल नहीं होने के बावजूद फ्रैंचाइज़ियां उनके लिए एक बड़ी राशि समर्पित कर सकती हैं।
दीपक चाहर
पांचवां सेट - तेज़ गेंदबाज़
मूल रक़म: 2 करोड़ रुपये
भूमिका : तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर
पिछले साल वनडे क्रिकेट में दो सर्वश्रेष्ठ पारियां दीपक चाहर के बल्ले से निकली। एक पारी की बदौलत भारत को जीत मिली जबकि दूसरी पारी टीम को जीत की दहलीज़ तक लेकर आई। इन पारियों ने दिखाया कि चाहर ने एक और कौशल को अपने आक्रमण में जोड़ लिया है। अब उन्हें एक गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में देखा जाने लगा है।
2018 से गेंद के साथ चेन्नई सुपर किंग्स के लिए पावरप्ले के विशेषज्ञ गेंदबाज़ के रूप में दीपक ने 58 में से 42 विकेट शुरुआत छह ओवरों में झटके। इस दौरान पावरप्ले में विकेट चटकाने के मामले में ट्रेंट बोल्ट 27 विकेटों के साथ दूसरे स्थान पर थे। इस दौरान दीपक ने सुपर किंग्स के लिए सर्वाधिक विकेट भी झटके। दीपक नई गेंद को स्विंग करवाते हैं और उनके पास एक घातक नकल गेंद भी है। आईपीएल इतिहास में जयदेव उनादकट के अलावा किसी भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने 10 करोड़ रुपयों का आंकड़ा नहीं छुआ है। लेकिन यह भी याद रखने योग्य है कि दीपक से पहले किसी भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने यह साबित नहीं किया था कि वह बल्ले के साथ भी मैच जिताने की क़ाबिलियत रखते हैं।
जेसन होल्डर
तीसरा सेट - ऑलराउंडर
मूल रक़म: डेढ़ करोड़ रुपये
भूमिका : तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर
जेसन होल्डर के चर्चे चारों तरफ़ तेज़ी से फैल रहे हैं। चेन्नई सुपर किंग्स (2013) और सनराइज़र्स हैदराबाद (2014) ने उनके करियर के शुरुआती दिनों में कम दामों में उन्हें ख़रीदा था। उन्होंने अपने मौक़ों का सही इस्तेमाल नहीं किया और फिर 2020 में किसी ने उनपर निवेश नहीं किया। उस सीज़न सनराइज़र्स ने उन्हें मिचेल मार्श के रिप्लेसमेंट के रूप में अपनी टीम में जोड़ा और तब से होल्डर के प्रदर्शन में बड़ा बदलाव आया। उन्होंने गेंद के साथ 16 की औसत से 30 विकेट झटके और बल्ले के साथ 151 रनों का योगदान दिया।
हालांकि होल्डर के अधिकतम विकेट यूएई की पिचों पर आए हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह भारतीय परिस्थितियों में इसी प्रदर्शन को जारी रख पाते हैं या नहीं। उनके लंबे कद के कारण वह गुड लेंथ से अतिरिक्त उछाल प्राप्त करते हैं और स्पिन को बढ़िया तरीक़े से खेलते हैं। ऐसे खिलाड़ी बहुत कम हैं जो चार ओवर गेंदबाज़ी करते हैं और शीर्ष छह में बल्लेबाज़ी कर सकते हैं।
नीलाम होने वाले खिलाड़ियों की सूची में पहले 170 नामों में केवल नौ विदेशी खिलाड़ियों ने तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया है। पैट कमिंस, ड्वेन ब्रावो, मार्श, डॉमिनिक ड्रेक्स, मार्को यानसन, क्रिस जॉर्डन, जिमी नीशम और ओडीन स्मिथ होल्डर के प्रतिस्पर्धी होंगे। मार्श के साथ चोटिल होने के ख़तरा बना रहता है और वह गेंदबाज़ी नहीं करते जबकि ब्रावो की आयु 37 वर्ष है। टीमें अपनी एकादश को पूरा करना चाहती हैं और ऐसे में होल्डर के लिए बड़ी बोलियां लग सकती हैं। वह 10 करोड़ का आंकडा भी पार कर सकते हैं।
युज़वेंद्र चहल
छठा सेट - स्पिनर
मूल रक़म: 2 करोड़ रुपये
भूमिका : प्रमुख लेग स्पिनर
2014 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु में उनके जुड़ने के बाद से, किसी गेंदबाज़ ने युज़वेंद्र चहल द्वारा लिए गए 139 विकेट का आंकड़ा पार नहीं किया है। यह उल्लेखनीय बात है कि चहल ने बेंगलुरु के छोटे से चिन्नास्वामी मैदान पर अधिकतम मुक़ाबले खेलने के बावजूद यह कर दिखाया है। निरंतरता और प्रभाव के मामले में केवल राशिद ख़ान उनसे आगे हैं। पिछले कुछ सालों में चहल ने अपनी गति और आत्मविश्वास ज़रूर खोया हो, लेकिन हाल ही में उन्होंने बताया है कि उनकी लय वापस आ गई है।
रॉयल चैलेंजर्स ने चहल को रिटेन नहीं किया या चहल नीलामी में जाना चाहते थे, आश्चर्य बिल्कुल नहीं होगा अगर वह दोबारा उनके लिए बोली लगाते हैं। सभी 10 टीमें कलाई के स्पिनर ख़रीदना चाहेंगे लेकिन इस शैली वाले भारतीय खिलाड़ी बहुत कम हैं। 2018 में आरसीबी ने राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल करते हुए छह करोड़ रुपयों में चहल को ख़रीदा था। चहल ने अब दिखाया है कि वह 10 करोड़ का आंकड़ा पार करने वाले पहले स्पिनर बन सकते हैं।
शाहरुख़ ख़ान
आठवां सेट - अनकैप्ड ऑलराउंडर
मूल रक़म: 40 लाख रुपये
भूमिका : आक्रामक फ़िनिशर
टी20 में पारी को ख़त्म करना सबसे मुश्किल भूमिकाओं में से एक हैं। बहुत कम खिलाड़ियों को लंबे समय तक इसमें सफलता मिली है। कायरन पोलार्ड, आंद्रे रसल, रवींद्र जाडेजा और हार्दिक पंड्या जैसे नाम दिमाग में आते हैं। औसतन छठे और सातवें नंबर के बल्लेबाज़ को हर पारी में 7-10 गेंदें मिलती है और इतने कम समय में प्रभाव डालना कठिन है। 10 टीमों वाले आईपीएल में किसी विशेषज्ञ खिलाड़ी के साथ इस स्थान को भरना और भी अहम हो जाता है। विदेशी फ़िनिशरों की ग़ैरमौजूदगी में टीमें एक भारतीय खिलाड़ी की ओर देख सकती हैं। और ऐसे में शाहरुख़ ख़ान की प्रतिभा और उनका प्रदर्शन और भी अहम हो जाता है।
टीमों के स्काउट्स की माने तो भारतीय क्रिकेट में ऐसे गिने-चुने बल्लेबाज़ हैं जो शाहरुख़ की तरह लंबे छक्के लगाते हैं। पिछले दो सीज़न में उन्होंने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में 181 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के पिछले दो संस्करणों में शाहरुख़ ने संयुक्त रूप से सर्वाधिक 29 छक्के लगाए हैं। इसी कारणवश पंजाब किंग्स ने पिछली नीलामी में सवा पांच करोड़ रुपये देकर उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था। हालांकि वह उन्हें नियमित रूप से मौक़े नहीं दे पाए। 10 पारियों में उन्होंने 134.21 के स्ट्राइक रेट से 153 रन बनाए। भारतीय टीम लंबे समय से फ़िनिशर के रूप में हार्दिक के बैक-अप की तलाश में लगी हुई है और वेस्टइंडीज़ सीरीज़ में शाहरुख़ का चयन नीलामी से पहले उन्हें बहुत आत्मविश्वास देगा।
कगिसो रबाडा पहला सेट - मार्की खिलाड़ी
मूल रक़म: 2 करोड़ रुपये
भूमिका : तेज़ गेंदबाज़
पिछले तीन सीज़न में कगिसो रबाडा ने आईपीएल में सर्वाधिक 70 विकेट झटके हैं। वह भी 14.4 की औसत और 8.13 के इकॉनमी रेट के साथ। पहली नज़र में तो यह आंकड़े शानदार नज़र आते हैं लेकिन अगर आप ग़ौर से देखें तो पता चलेगा कि 45 प्रतिशत विकेट उन बल्लेबाज़ों के हैं जो छठे नंबर और उससे नीचे बल्लेबाज़ी करते हैं। साथ ही उन्होंने 55 छक्के खाए हैं जो इस अवधि में किसी भी गेंदबाज़ के लिए सर्वाधिक हैं। विकेट लेने के साथ-साथ रबाडा बहुत रन भी ख़र्च करते हैं। हालांकि 140 से अधिक की गति पर लगातार गेंदबाज़ी करने की क्षमता और अपनी फ़िटनेस के कारण वह इस सूची का हिस्सा हैं। एक तेज़ गेंदबाज़ जो ख़तरनाक गति से गेंदबाज़ी करें और विकेट चटकाए - यह हर टीम की आवश्यकता है। कई टीमें को ऐसे एक तेज़ गेंदबाज़ की ज़रूरत हैं और इस वजह से रबाडा पर बोलियां लगेंगी क्योंकि वह नीलामी के पहले 10 खिलाड़ियों में से एक होंगे।
आंकड़े संपत बंडारुपल्ली द्वारा