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अभिषेक: इतना जोख़िम भरा क्रिकेट खेलना सामान्य नहीं

मेलबर्न में कुल मिलाकर भारत की 15 बाउंड्री में से 10 अभिषेक ने लगाई

ESPNcricinfo स्टाफ़
31-Oct-2025 • 8 hrs ago
Abhishek Sharma brought up a half-century, Australia vs India, 2nd T20I, Melbourne, October 31, 2025

Abhishek Sharma ने मुश्किल हालात में खेली बेहतरीन पारी  •  Getty Images

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे T20I की शुरुआत से पहले MCG में कैमरों ने सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के ओपनर्स अभिषेक शर्मा और ट्रैविस हेड को बातचीत करते हुए पकड़ा। अगर आप इन दोनों T20 के ख़तरनाक खिलाड़ियों की बातों को सुन पाते, तो शायद किसी भी कीमत पर सुनना चाहते, लेकिन आपको खेल की गहरी बातें नहीं, सिर्फ़ ठहाके ही सुनाई देते।
अभिषेक ने उस बातचीत के बारे में कहा, "हां, मैं कोशिश कर रहा था क्योंकि मुझे पता था कि वो मुझे यहां की पिच या परिस्थितियों को लेकर कोई टिप्स नहीं देंगे। वो ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो ज़्यादा सोचते नहीं हैं। फिर भी मैंने उससे पूछा कि पिच कैसी खेलेगी।" "उन्होंने कहा, बस जाओ और मज़ा लो। और यही वो SRH में भी करते हैं। मुझे पता था कि वो यही कहेंगे, लेकिन फिर भी मैं उनसे ये सुनना चाहता था।"
अभिषेक और हेड ही ऐसे बल्लेबाज़ थे जिन्होंने अच्छी पारी खेलते हुए 180 से अधिक की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की, जबकि मिचेल मार्श की स्ट्राइक रेट 176.92 रही। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि इस तिकड़ी के अलावा बाक़ी बल्लेबाज़ शुरुआती सीज़न की MCG पिच पर संघर्ष करते दिखे।
लेकिन अभिषेक की बल्लेबाज़ी सबसे अलग दिखी। यह लगभग एक अकेली जंग थी जिसने भारत को मुक़ाबले में बनाए रखा। भारतीय पारी के पहले 17 ओवरों में अभिषेक ने केवल 28 गेंदें खेलीं, लेकिन 110 में से 53 रन उन्हीं के बल्ले से आए। पहले 10 ओवरों में, जिनमें से चार जॉश हेज़लवुड ने फेंके, भारत के सभी आठ चौके अभिषेक के नाम रहे। कुल मिलाकर, भारत की 15 बाउंड्री में से 10 अभिषेक ने लगाई।
अभिषेक ने कहा, "ये सामान्य नहीं है [इतना हाई-रिस्क गेम खेलना]"। "लेकिन काफ़ी समय तक मेरे खेल में उतार-चढ़ाव रहे और मैं ख़ुद भी कन्फ्यूज़ था। मैंने आईपीएल में देखा कि ओपनर्स कितने निरंतर थे। अगर आपको उस स्तर की प्रतियोगिता में उतरना है, तो आपको कुछ असाधारण करना पड़ेगा।"
"मुझे लगा कि मैं अपनी शॉट खेलने की क्षमता पर काम कर सकता हूं। मैं कोशिश करता हूं कि फ़ील्ड की समझ के साथ अपने शॉट्स को एक्सीक्यूट करूं। नेट्स में या घर पर अभ्यास करते समय मैं हमेशा एक काल्पनिक फ़ील्ड के साथ बल्लेबाज़ी करता हूं। साथ ही मैं हर बार अलग-अलग गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलता हूं, एक जैसे नहीं। मेरा एक ही मक़सद होता है अपने शॉट्स खेलना लेकिन आउट नहीं होना। इस प्रशिक्षण ने मुझे बहुत मदद की है।"