गंभीर से मिले समर्थन पर साई सुदर्शन : 'उन्होंने मुझसे कहा कि आप खेलेंगे'
साई सुदर्शन ने अपने ऊपर गंभीर के प्रभाव, टेस्ट क्रिकेट को लेकर अपने रवैये और के एल राहुल की तरह बहुमुखी बनने की चाह पर बात की
शशांक किशोर
29-Oct-2025 • 3 hrs ago
B Sai Sudharsan को साउथ अफ़्रीका ए के ख़िलाफ़ दो चार दिवसीय मैच के लिए इंडिया ए का उपकप्तान बनाया गया है • PTI
बी साई सुदर्शन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में एक चुनौपूर्ण शुरुआत के बावजूद भारतीय मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उन्हें काफ़ी आत्मविश्वास और स्वतंत्रता दी।
साई सुदर्शन इंग्लैंड में छह पारियों में एक अर्धशतक ही लगा पाए और अहमदाबाद में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अपनी इकलौती पारी में उनके बल्ले से सिर्फ़ सात रन ही आए। उन्होंने स्वीकारा कि दिल्ली टेस्ट से पहले उन्हें दबाव महसूस हुआ लेकिन गंभीर के साथ चर्चा ने उनके ऊपर से दबाव कम कर दिया।
साउथ अफ़्रीका ए के ख़िलाफ़ अनौपचारिक टेस्ट के लिए इंडिया ए दल के उपकप्तान साई सुदर्शन ने कहा, "अब तक काफ़ी समर्थन मिला है जो कि अद्भुत है। अहमदाबाद टेस्ट के बाद हम फ़िरोज़ शाह कोटला के नेट्स में अभ्यास कर रहे थे और हर बार की तरह नेट्स से बाहर आने वाला अंतिम व्यक्ति मैं था।"
"GG सर (गंभीर) मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा, 'आपको हताश होने की ज़रूरत नहीं है, आप इस देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं। इसलिए आप किसी भी और चीज़ के बारे में मत सोचिए। यह बिल्कुल मत सोचिए कि आपको मैच में रन बनाने हैं या अगर आपने रन नहीं बनाए तो क्या होगा।'
"उन्होंने मुझसे कहा, 'आप खेलेंगे।' उन्होंने जिस तरह से यह बात कही उससे मुझे काफ़ी आत्मविश्वास और स्वतंत्रता मिली। मैं अधिक फ़्री होने पर ध्यान दे रहा था और बाहरी चीज़ों पर ध्यान नहीं देने की कोशिश कर रहा था। लेकिन जब आप यह बातें ख़ुद मुख्य कोच से सुनते हैं तो दृष्टिकोण और वातावरण दोनों ही पूरी तरह से बदल जाता है।
"इससे मुझे ख़ुद को बेहतर ढंग से व्यक्त कर पाने में मदद मिली। और उस मुक़ाबले (दूसरे टेस्ट) में भी मैं यह नहीं सोच रहा था कि मुझे रन बनाने हैं। मैं इसी मानसिकता के साथ उतरा था कि मुझे टीम के लिए लड़ना और जीतना है और टीम के लिए हावी होने का प्रयास करना है।"
Sai Sudharsan ने दिल्ली टेस्ट में 87 रनों की पारी खेली•AFP/Getty Images
साई सुदर्शन ने 87 और 39 रनों की पारी खेली और भारत ने यह मैच सात विकेट से जीतते हुए सीरीज़ को 2-0 से अपने नाम कर लिया। इससे साई सुदर्शन को आत्मविश्वास तो मिला है लेकिन साथ ही वह अतीत में नंबर तीन पर खेलने वाले बल्लेबाज़ों के कद के बारे में सोचकर ख़ुद पर दबाव नहीं डालना चाहते।
उन्होंने कहा, "मैं इसे गेम दर गेम के हिसाब से लेता हूं। परिस्थिति के हिसाब से खेलने और अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर ध्यान केंद्रित करता हूं। भारत के लिए खेलने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है। काफ़ी क्रिकेटर पहले बहुत अच्छा कर रहे हैं, काफ़ी अभी अच्छा कर रहे हैं और काफ़ी आगे भी अच्छा करते रहेंगे। मैं किसी एक ख़ास स्थान के लिए अपनी जगह पक्की करने पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। मैं इस कारण के लिए खेल रहा हूं कि मुझे टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना है और टीम को जीत दिलानी है। मैं मैदान में इसी मानसिकता के साथ उतरता हूं।"
"अगर मैं किसी स्थान पर अपनी जगह पक्की करने के बारे में सोचूंगा तो मैं रक्षात्मक और अपने लिए खेलने लग जाऊंगा। और यह एक ऐसी चीज़ है जो मैं किसी भी क़ीमत पर नहीं करना चाहता। मैं इन चीज़ों को दूसरे नज़रिए से देखता हूं। एक समय पर एक सत्र जीतना है और वहां अंतर पैदा करना है। इस प्रक्रिया का अनुसरण करने पर रन अपने आप आ जाएंगे।"
हालांकि साई सुदर्शन ने माना कि नंबर तीन पर खेलना एक बड़ी ज़िम्मेदारी है और वह इस ज़िम्मेदारी के लिए ख़ुद को शुक्रगुज़ार भी मानते हैं। उन्होंने कहा, "यह एक बड़ी ज़िम्मेदारी है और मैं इस बड़े मौक़े के लिए आभारी हूं। नंबर तीन एक तरह से ओपनिंग स्पॉट ही है। कोई बड़ा अंतर नहीं है। लेकिन भारत के लिए हमें जहां भी खेलने का मौक़ा मिले, हमें प्रदर्शन करना होगा। सिर्फ़ कोई जगह भरने के लिए नहीं बल्कि जिस जगह पर भी खेलने का मौक़ा मिले हमें तैयार रहना होगा।"
"हमारे पास कई बड़े उदाहरण हैं। जैसे के एल (राहुल) भाई, जिन्होंने लगभग हर स्थान पर बल्लेबाज़ी की है और जो इतने बहुमुखी हैं। हम उनसे सीख सकते हैं। हमें तमाम चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। मैं यह नहीं कहूंगा कि मुझे इस क्रम पर खेलना ज़्यादा पसंद है या किसी दूसरे स्थान पर खेलना ज़्यादा पसंद है। मैंने नंबर तीन पर काफ़ी बल्लेबाज़ी की है। IPL में भी और अंडर-14 और अंडर-16 के दिनों में भी। तो मुझे दोनों जगह खेलना पसंद है और वास्तव में दोनों क्रम पर बल्लेबाज़ी करने में अधिक अंतर नहीं है।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo के वरिष्ठ संवाददाता हैं।
