मैच (6)
महिला T20 विश्व कप (1)
PAK vs ENG (1)
Sheffield Shield (3)
IND vs BDESH (1)
ख़बरें

मार्क निकोलस : वनडे क्रिकेट सिर्फ़ विश्व कप के दौरान खेला जाना चाहिए

एमसीसी के भावी अध्यक्ष का मानना है कि वनडे और टी20 के शेड्यूल को एक साथ रखना सही नहीं

Mark Nicholas, the incoming president of MCC, pictured ringing the five-minute bell during a Test at Lord's, England vs New Zealand, Lord's, May 22, 2015

निकोलस के अनुसार वनडे क्रिकेट को जीवित रखने के लिए ऐसा करना ज़रूरी  •  Getty Images

एमसीसी के भावी अध्यक्ष मार्क निकोलस ने वनडे प्रारूप को टी20 की "अलौकिक" शक्ति से बचाने के लिए सिर्फ़ विश्व कप में ही वनडे क्रिकेट को खेले जाने का प्रस्ताव रखा है।
इस सप्ताह के अंत में क्रिकेट के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित सदस्यों के क्लब के अध्यक्ष के रूप में स्टीवन फ़्राइ की जगह लेने वाले निकोलस ने कहा कि उनके विचार एमसीसी की विश्व क्रिकेट समिति के विचारों से मेल खाते हैं, जिसने जुलाई में बैठक कर विश्व कप के बाहर वनडे क्रिकेट को "काफ़ी कम" करने का आह्वान किया था। एमसीसी का मानना था कि जिस साल विश्व कप हो, सिर्फ़ उसी साल में वनडे क्रिकेट आयोजित किये जाने चाहिए।
निकोलस ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, ''हमारा दृढ़ विश्वास है कि वनडे क्रिकेट सिर्फ़ विश्व कप ही होना चाहिए। हमें लगता है कि द्विपक्षीय तौर पर अब वनडे को सही ठहराना मुश्किल है। कई देशों में वनडे क्रिकेट के दौरान मैदान में पर्याप्त दर्शक नहीं आ रहे हैं। इस समय टी20 क्रिकेट में एक ऐसी शक्ति है जो लगभग अलौकिक है।"
"यह केवल टिकटों की बिक्री के बारे में नहीं है, यह उससे कहीं अधिक है। यह उन लोगों के बारे में भी है जो फ़्रैंचाइज़ क्रिकेट के मालिक बनना चाहते हैं, उन देशों के बारे में भी है जो घरेलू टी20 टूर्नामेंट आयोजित करना चाहते हैं। साथ ही यह उन खिलाड़ियों की संख्यां के बारे में भी है, जो दुनिया भर के बाज़ार में ख़ुद को स्थापित करना चाहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, " खेल से जुड़े इस तरह के खुले बाजार में सबसे ज़्यादा पैसा जीतता है। खिलाड़ी उस हलचल को दूर से देख सकते हैं और वे इसका हिस्सा बनना चाहते हैं। इसलिए टी20 में एक असाधारण शक्ति है। मुझे लगता है कि 50 ओवर के क्रिकेट को टी20 क्रिकेट के साथ शेड्यूल करना वनडे क्रिकेट की मृत्यु की कहानी को आगे बढ़ा रहा है।"
निकोलस मानते हैं कि 2023 विश्व कप से ठीक पहले, उनकी टिप्पणियों का आईसीसी पर ज़्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। इसका प्रभाव तब ही पड़ेगा, जब इस प्रस्ताव को पूरी तरह से तैयार कर के प्रस्तुत किया जाए। हालांकि उनका मानना ​​है कि यह मुद्दा एमसीसी अपने सॉफ़्ट पावर का प्रयोग कर के आगे बढ़ा सकता है।