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पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी पांडोव और वालिया पर आजीवन प्रतिबंध

दोनों पर पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के फंड का दुरुपयोग का आरोप है

A view of the Punjab Cricket Association Stadium

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन का एक दृश्य  •  Getty Images

वित्तीय अनियमितता के मामले में पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के दो पदाधिकारियों पर क्रिकेट से जुड़ी किसी भी गतिविधि का हिस्सा रहने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष रहे एमपी पांडोव और पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिकारी जीएस वालिया को मोहाली क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े एक मामले में दोषी पाया गया है।
पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के लोकपाल सह नैतिकता अधिकारी पूर्व न्यायाधीश एचएस भल्ला ने अपने फ़ैसले में पांडोव और वालिया को क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में सहभागिता को आजीवन प्रतिबंधित कर दिया। दोनों पर अपने पद और रसूख़ का दुरुपयोग कर अनैतिक ढंग से एमसीए को फ़ायदा पहुंचाने का आरोप है। न्यायमूर्ति एचएस भल्ला ने कहा, " उन्होंने पीसीए के फंड को यह जानते हुए भी एमसीए को जारी कर दिया कि एमसीए, पीसीए से संबद्ध नहीं है। इसके अलावा एमसीए के पंजीकरण को चुनौती भी माननीय पंजाब व हरियाणा कोर्ट के समक्ष अधीन है।
डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन मोहाली ने 2021 में गगनदीप सिंह धालीवाल नामक एक व्यक्ति के ज़रिए पांडोव और वालिया के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद इस मामले की जांच शुरू की गई थी। फ़ैसले पर जीएस वालिया ने कुछ भी टिप्पणी से करने से इनकार करते हुए कहा है कि वह कानूनी परामर्श लेने के बाद ही इस मामले में कोई टिप्पणी करेंगे।
शिकायतकर्ता ने दलील दी थी कि एमसीए ने इन प्रतिवादियों के माध्यम से कथित तौर पर पीसीए के धन का दुरुपयोग किया था, जो एमसीए [इस मामले में तीसरे प्रतिवादी] को जारी किया गया था। उन्हें पीसीए द्वारा इस संबंध में कोई संबद्धता प्रमाणपत्र भी जारी नहीं किया गया था। इस मामले में शिकायतकर्ता ने यह भी दलील दी थी कि यदि पीसीए द्वारा कोई संबद्धता प्रमाणपत्र जारी किया गया है, तो उसे रद्द किया जा सकता है।
वालिया और पांडोव ने शिकायत में लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए यह दलील दी थी कि एमसीए, पीसीए के स्टेडियम में खेल के मैदान, कार्यालय और वॉशरूम जैसी सुविधाओं का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें इसी सिलसिले में धन जारी किया गया था और उन्होंने सभी आवश्यकताओं को पूरा किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह डीसीएएम नहीं बल्कि उनका संघ, एमसीए था, जिसे मान्यता दी जानी थी - एमसीए को वास्तव में मान्यता दी गई है - और यही कारण है कि उन्होंने पीसीए द्वारा आयोजित अंतर-जिला क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लिया। इसमें विजेताओं और उपविजेताओं को पुरस्कार राशि भी जारी की गई थी। उन्होंने डीसीएएम द्वारा उनके ख़िलाफ़ लगाए गए सभी आरोपों को झूठा और निराधार करार देते हुए शिकायत को खारिज किए जाने योग्य बताया था।

अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।