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फ़ीचर्स

शिवम और अभिषेक भारत के लिए ऑलराउंडर्स की समस्या को हल कर सकते हैं

इन दोनों युवा खिलाड़ियों ने ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ गेंद और बल्ले के साथ अच्छा प्रदर्शन किया

Fans gather around Abhishek Sharma, Zimbabwe vs India, 4th men's T20I, Harare, July 13, 2024

अभिषेक ने हालिया समय में अपनी गेंदबाज़ी पर भी काफ़ी काम किया है  •  Associated Press

इस बात में कोई दो मत नहीं है कि हार्दिक पंड्या फ़िलहाल भारतीय टीम के लिए जिस तरह की भूमिका अदा करते हैं, वह सिर्फ़ वही कर सकते हैं। अभी भारत के पास उनका विकल्प मिल पाना काफ़ी कठिन नज़र आता है। हालांकि ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ खेली गई टी20 सीरीज़ में यह साफ़ दिख रहा था कि टीम में अब उस तरह के खिलाड़ी फिर से आ रहे हैं, जो बल्लेबाज़ी करने के साथ-साथ गेंदबाज़ी भी कर सकते हैं।
ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ खेले गए पांचवें टी20 मैच में, भारत के टॉप आठ खिलाड़ियों में चार ऐसे खिलाड़ी शामिल थे, जो एक ऑलराउंडर की भूमिका निभाने में सक्षम थे। इस मैच में शिवम दुबे को पांचवें T20I में प्लेयर ऑफ़ द मैच थे और वॉशिंगटन सुंदर को प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का ख़िताब दिया गया था। कुल मिला कर इस सीरीज़ में ऑलराउंडर्स की भूमिका साफ़ देखने को मिल सकता है।
रवींद्र जाडेजा के T20I से संन्यास लेने के साथ, वाशिंगटन ने अब इस प्रारूप में भारत की टीम में पूर्णकालिक भूमिका के लिए अपना दावा ठोक दिया है। शिवम ने IPL 2024 और T20 विश्व कप में भले ही ज़्यादा गेंदबाज़ी नहीं की थी लेकिन ज़िम्बाब्वे में उन्होंने तीन मैचों में कुल आठ ओवर फेंके और पांचवें T20 मैच में उन्होंने अपना पूरा कोटा डाला। बल्लेबाज़ी के दौरान सिर्फ़ 12 गेंदों में 25 रन बनाने के बाद शिवम ने दो बहुमूल्य विकेट भी लिए।
शिवम ने मैच के बाद कहा, "एक ऑलराउंडर के रूप में दोनों विभागों योगदान देकर काफ़ी अच्छा महसूस हो रहा है। आज मुझे कुछ विकेट भी मिले और मैं काफ़ी ख़ुश हूं।"
शिवम के अलावा अभिषेक शर्मा के स्पेल से भी भारतीय टीम प्रबंधन शायद काफ़ी खु़श हुआ होगा। अभिषेक ने अपने तीन ओवरों में सिर्फ़ 20 रन ख़र्च करते हुए, एक विकेट लिया। अभिषेक ने इस सीरीज़ में बल्लेबाज़ी के बाउंस मिल रहा था।अलावा गेंदबाज़ी में भी अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास किया था। पहले T20 मैच में भी उन्हें अच्छा-ख़ासा टर्न और बाउंस मिला था।
अभिषेक ने IPL 2024 में भी पावरप्ले और बीच के ओवरों के दौरान भी गेंदबाज़ी की थी। दूसरे क्वालीफ़ायर के दौरान अभिषेक ने राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ अपने चार ओवरों में सिर्फ़ 24 रन देकर संजू सैमसन और शिमरॉन हेटमायर का विकेट निकाला था।
अभिषेक ने ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ T20 सीरीज़ जीतने के बाद कहा, "कोचों और शुभमन [गिल] को विशेष धन्यवाद कि उन्होंने मुझे गेंदबाज़ी करने का मौक़ा दिया। पहले दो मैचों में मैंने उतनी अच्छी गेंदबाज़ी नहीं की थी, इसके बावजूद उन्होंने मुझे पर भरोसा दिखाया। मैं अपनी गेंदबाज़ी पर काफ़ी मेहनत कर रहा हूं। मुझे पता था कि अगर मुझे भारतीय टीम में खेलने का मौक़ा मिलेगा तो मुझे गेंदबाज़ी भी करनी होगी। इसी कारण से मैं लगातार अपनी गेंदबाज़ी पर काम कर रहा था।"
जब सभी सीनियर खिलाड़ी T20 टीम में वापस आ जाएंगे तो अभिषेक को प्लेइंग XI में मौक़ा न मिले लेकिन उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी के साथ-साथ गेंदबाज़ी का भी कौशल दिखाया है और भारतीय टीम के लिए यह एक अच्छा संकेत है।
वहीं दूसरी तरफ़ शिवम भी अपनी गेंदबाज़ी पर लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने बैक ऑफ़ द हैंड स्लोअर बॉल पर को अपनी गेंदबाज़ी में शामिल किया है। उनके अलावा वॉशिंगटन भी अपनी बल्लेबाज़ी पर काफ़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी पर काम करने के लिए गुजरात के पूर्व बल्लेबाज़ अपूर्व देसाई और दिनेश कार्तिक के साथ भी ट्रेनिंग की थी।
T20 क्रिकेट बहुत तेज़ गति से आगे बढ़ता है। इसमें बदलाव भी काफ़ी तेज़ी से होता है। यह उन खिलाड़ियों को पीछे छोड़ देता है, जो खु़द को अपग्रेड नहीं करते। इस गति को बनाए रखने के लिए, न्यूज़ीलैंड के ग्लेन फ़िलिप्स ने अपनी पावर-हिटिंग के साथ ऑफ़ स्पिन गेंदबाजी भी सीख ली। इंग्लैंड के लियम लिविंगस्टन ने अपनी ऑलराउंडर क्षमता बढ़ाने के लिए हर तरह की स्पिन गेंदबाज़ी में महारत हासिल की।
भारत को T20 क्रिकेट में ऐसे बहुआयामी खिलाड़ियों का चयन और उन्हें आगे बढ़ाते हुए देखना काफ़ी अच्छे संकेत हैं। कुछ समय पहले तक भारतीय टीम के प्लेइंग XI में पांच बल्लेबाज़ होते थे, जिनमें से कोई भी गेंदबाज़ी नहीं करता था। पांच बल्लेबाज़ों के अलावा प्लेइंग XI में एक ऑलराउंडर, एक विकेटकीपर और चार विशेषज्ञ गेंदबाज़ होते थे। और जब हार्दिक उपलब्ध नहीं होते थे, तो टीम का संतुलन काफ़ी हद तक बिगड़ जाता था। हालांकि T20 विश्व कप में भारत एक अलग रणनीति के साथ आगे बढ़ा और टीम में कुल चार ऑलराउंडर थे।
कुल मिला कर T20 क्रिकेट में अब भारतीय टीम ज़्यादा ऑलराउंडर देखने को मिलते हैं। साथ ही उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा रहा है, जो भारतीय क्रिकेट के लिए निश्चित रूप से एक अच्छा संकेत है।