लखनऊ सुपर जायंट्स को रविवार को अपने होम ग्राउंड पर 163 के स्कोर का बचाव करना था। इसे सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी युवा तेज़ गेंदबाज़ मयंक यादव की थी। हालांकि मयंक सिर्फ़ एक ओवर ही डाल पाए और इसके बाद वह मैदान से बाहर चले गए। मयंक को अपने इकलौते ओवर में तीन चौके पड़े।
मयंक की अनुपस्थिति में क्रुणाल पंड्या ने गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ चार ओवर डालकर तीन विकेट झटके और इस दौरान उन्हें सिर्फ़ 11 रन ख़र्च किए।
मयंक की चोट को लेकर क्रुणाल ने ब्रॉडकास्ट पर कहा, "मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है लेकिन मेरी उनके साथ थोड़ी देर की बातचीत हुई है और वह ठीक नज़र आ रहे हैं। जो कि हमारे लिए राहत की बात है।"
मयंक का ठीक होना लखनऊ के लिए राहत की बात इसलिए भी है क्योंकि इस टूर्नामेंट में मयंक ने ही लखनऊ की तेज़ गेंदबाज़ी को लीड किया और छह विकेट चटकाए हैं।
क्रुणाल ने कहा, "मैं उन्हें दो वर्षों से देख रहा हूं। पिछले साल वह चोटिल हो गए थे लेकिन मेरी उनके साथ जितनी भी चर्चा हुई है, उससे मैं यह निष्कर्ष निकाल सकता हूं कि वह काफ़ी परिपक्व खिलाड़ी हैं।"
क्रुणाल ने अपने पहले ओवर में साई सुदर्शन और केन विलियमसन को सिर्फ़ दो रन ही दिए। अपने अगले ओवर में उन्होंने चार रन देते हुए अंतिम गेंद पर दर्शन नालकंडे का विकेट भी निकाला। हालांकि बड़ा विकेट सुदर्शन का था जिन्होंने 23 गेंदों पर 31 रन बनाए।
क्रुणाल ने कहा, "मैं बल्लेबाज़ की ताकत और उसकी कमज़ोरी देखकर गेंदबाज़ी करना पसंद करता हूं। कभी यह काम आ जाता है और कभी नहीं भी आता है। अंत में मैं अपनी स्ट्रेंथ को ही बैक करता हूं। लेग साइड में बाउंड्री लंबी थी इसलिए मैंने सोच लिया था कि अगर मुझे छक्का भी खाना पड़े तो मैं ऑफ़ साइड में नहीं बल्कि मिड विकेट की तरफ़ खाना ज़्यादा पसंद करूंगा।"