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कैसे ऋषि धवन ने अपने क्रिकेट जीवन के दूसरे जन्म को अंजाम दिया

मेहनत, हौसले और शिद्दत से धवन आज वह सब कर रहे हैं जो पहले नहीं कर सके थे

Punjab Kings Masked Marauder, Rishi Dhawan, fields the ball off his own bowling in the final over, Chennai Super Kings vs Punjab Kings, IPL 2022, Wankhede Stadium, Mumbai, April 25, 2022

आईपीएल 2022 में ऋषि धवन ने अपने प्रदर्शन से सबको काफ़ी प्रभावित किया था  •  PTI

आईपीएल 2022 के दौरान ऋषि धवन का फ़ेसशील्ड पहन कर पंजाब किंग्स के लिए गेंदबाज़ी करना सीज़न के यादगार चित्रों में एक था। लेकिन इस प्रयास के पीछे एक हिम्मत, लगन और मेहनत की कहानी भी है।
धवन दरअसल छह साल बाद इस लीग में अपनी वापसी को लेकर उत्साहित थे, लेकिन लीग से डेढ़ महीने पहले उनके चेहरे पर मैच खेलते वक्‍़त गेंद लग गई। चेहरे पर तीन क्रैक आए थे और गाल की हड्डी डिस्‍लोकेट हो गई थी। तब पंजाब किंग्‍स प्रबंधन ने उनको फ़ोन करके बताया कि वह उनका रिप्‍लेसमेंट देख रहे हैं। धवन इस मौके़ को हाथ से नहीं जाने देना चाहते थे। उन्‍होंने प्रबंधन से शुरुआती मैचों में समय देने का अनुरोध किया और बाक़ी की कहानी सभी के सामने थी - छह मैचों में छह विकेट। यह एक तरह से धवन के करियर का दूसरा जन्‍म था और अब सैयद मुश्‍ताक़ अली ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में हिमाचल प्रदेश की टीम को ले जाकर उन्‍होंने बता दिया है कि पिछले साल विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी का ख़‍िताब कोई तुक्‍का नहीं था।
शनिवार को मुंबई के ख़‍िलाफ़ फ़ाइनल खेलने से एक दिन पहले धवन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया कि पिछला सीज़न उनके लिए बहुत ख़ास रहा था, लेकिन जब आईपीएल में दोबारा चुने जाने की खु़शी मिली तो चेहरे की चोट ने सपनों को करारा झटका दिया था।
उन्‍होंने कहा, "जब मेरे चेहरे पर चोट लगी तो पंजाब किंग्‍स के लिए भी बहुत मुश्किल हो गया था। कॉल आ रहे थे कि आप रिकवर हो या नहीं या कब तक हो सकते है। वो बोल रहे थे कि हम रिप्‍लेसमेंट के लिए देख रहे हैं। बहुत ख़राब लग रहा था कि इतने सालों बाद में कमबैक कर रहा हूं और मेरे साथ ऐसा हो गया, लेकिन मैंने अपने आपको गिरने नहीं दिया। मैंने उनसे अनुरोध किया कि शुरू के तीन से चार मैच में नहीं खेल पाऊंगा, जिससे मैं रिकवरी कर पाऊं। मैंने अमेरिका से फ़ेसशील्‍ड मंगवाई और उसको लगाकर अभ्‍यास किया और मैच खेले।"
धवन ने अपना एकमात्र टी20 अंतर्राष्‍ट्रीय जून 2016 में ज़‍िम्‍बाब्‍वे के ख़‍िलाफ़ खेला था और उसके बाद वह फ‍िर कभी टीम इंडिया में वापसी नहीं कर पाए। उसी साल के शुरुआत में उन्‍होंने भारत के लिए ऑस्‍ट्रेलिया में तीन वनडे भी खेले थे। कुछ ही समय बाद वह आईपीएल से भी पूरी तरह से ग़ायब हो गए। यह दौर धवन के लिए मुश्किल था लेकिन धवन ने भी क्रिकेट से पूरी शिद्द्त दिखाई।
पहले मुझ पर चेंज ऑफ़ पेस जैसा टैग था और मैं शुरू में ही स्विंग कराता हूं। ऐसा था भी क्‍योंकि हम धर्मशाला में ही ज्‍़यादा खेलते थे। बल्‍लेबाज़ों को लगता था कि मैं स्विंग गेंदबाज हूं, लेकिन ऐसा नहीं था। मैंने धर्मशाला के साथ ही पूरे भारत में विकेट लिए हैं। अब मैंने काम किया है कि आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में खेलते देखते हुए हिट द डैक गेंदबाज बनूं।
ऋषि धवन
धवन ने कहा, "जब आप शीर्ष स्‍तर पर खेलते हो और अलग हो जाते हैं, तो प्रेरणा बहुत ज़रूरी होता है। शुरू से ही मेरे मन में था कि टीम इंडिया में दोबारा खेलना है। पिछले दो तीन सालों से मैं अच्‍छा प्रदर्शन कर रहा हूं। अगर मुझे दोबारा मौक़ा मिलता है तो मैं टीम इंडिया के लिए तैयार हूं, जैसा मैं हिमाचल के लिए कर रहा हूं ऐसा ही भारत के लिए भी कोशिश करूंगा।"
पिछले साल जब हिमाचल घरेलू 50-ओवर प्रतियोगिता विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी का ख़‍िताब जीती थी तो उसमें धवन का अहम रोल था। गेंद से उन्‍होंने आठ मैचों में 23.35 के औसत और 6 के इकॉनमी से 17 विकेट लिए थे और सर्वाधिक विकेट लेने के मामले में दूसरे नंबर पर थे। वहीं बल्‍ले से भी धवन ने आठ मैचों में 76.33 के औसत से 458 रन बना डाले थे जिसमें पांच अर्धशतक शामिल थे और सबसे ज्‍़यादा रन बनाने के मामले में भी वह दूसरे नंबर पर ही थे। अब इस टूर्नामेंट में भी वह फ़ाइनल से पहले तक उन्होंने छह मैच में 11 विकेट लिए हैं।
धवन ने समझाया कि जिस समय वह लाइमलाइट से एकदम दूर हो गए थे तो कैसे उन्‍होंने अपने खेल पर काम किया।
हिमाचल के कप्‍तान ने कहा, "पहले मुझ पर चेंज ऑफ़ पेस जैसा टैग था और मैं शुरू में ही स्विंग कराता हूं। ऐसा था भी क्‍योंकि हम धर्मशाला में ही ज्‍़यादा खेलते थे। बल्‍लेबाज़ों को लगता था कि मैं स्विंग गेंदबाज हूं, लेकिन ऐसा नहीं था। मैंने धर्मशाला के साथ ही पूरे भारत में विकेट लिए हैं। अब मैंने काम किया है कि आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में खेलते देखते हुए हिट द डैक गेंदबाज बनूं। रिलीज़ को चेंज करूं, स्विंग के साथ हिट करूं, मैंने बाउंसर पर काम किया और ध्‍यान दिया कि अपनी विविधताओं का अच्‍छे तरीक़े से इस्‍तेमाल करूं। अब मुझे लग रहा है कि मेरी गति बढ़ी है, स्विंग पर कंट्रोल हुआ है, लाइन और लेंथ सही हुई है, मैं सभी फेज़ में अच्‍छी गेंदबाज़ी कर रहा हूं।"
अब जब फ़टाफ़ट क्रिकेट में तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर की मांग है तो उम्‍मीद है कि भारतीय टीम के खिलाड़‍ियों के पूल में धवन को भी शामिल किया जाएगा और आने वाले समय में उनको नीली जर्सी में भी देखा जा सकेगा। फ़िलहाल उन्‍होंने शुरुआत न्‍यूज़ीलैंड ए के ख़‍िलाफ़ इंडिया ए में चुने जाने से कर दी है।

निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26