ऐडम ज़ैम्पा देखते हैं कि फ़ख़र ज़मान आ रहे हैं। वह 60मील प्रति घंटा या 96किमी प्रति घंटा की गति से तेज़ लेग ब्रेक डालते हैं, जो पिच पर स्किड होकर आती है और वह इसको सिंगल के लिए डीप मिडविकेट की दिशा में धकेल देते हैं। ज़ैम्पा सेमीफ़ाइनल के 16वें ओवर में केवल पांच सिंगल्स ही देते हैं और छह मैचों में यह पांचवां मौक़ा होता है जब वह अपने चार ओवरों में 24 रनों से कम देते हैं।
लेग स्पिन क्रिकेट की सबसे भावपूर्ण और दिमाग से की जाने वाली कला है, लेकिन ज़ैम्पा का तरीक़ा शांत और स्पष्ट है। उनके छोटे कद का मतलब है कि वह गेंद को पिच के बाहर से स्किड कर सकते हैं, जो कि उनका सबसे बड़ा हथियार है। वह ऐसी लंबाई पर गेंदबाज़ी करते हैं, जिससे दूर जाना मुश्किल हो। उनकी गेंदबाज़ी और मैदान के बाहर उनके रंगीन व्यक्तित्व के बीच का अंतर इस टूर्नामेंट के लिए उनके बाल कटवाने से स्पष्ट होता है यानि : पहले काम और बाद में पार्टी।
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ ज़ैम्पा पावरप्ले के तुरंत बाद आते हैं और वह आक्रमण और डिफेंस के बीच में संतुलन बनाकर रखते हैं, जहां पर बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान सेट हो चुके थे और अच्छे स्कोरिंग रेट से रन बनाना अभी बाक़ी था। उन्होंने रिज़वान से दूर दो बार गेंद झुलाई। ऐसी गेंद जो उनकी आंखों से ऊपर आई लेकिन वह भूल गए थे कि रिज़वान को स्लॉग स्वीप मारने में महारथ हासिल है। रिज़वान ने उनकी इस गेंद पर मिडविकेट के ऊपर से छक्का लगा दिया। बाबर के लिए उन्होंने ओवर पिच की, ऐसी गेंद जिससे वह गेंद के ऊपर नहीं आ सके, इसका सबूत बाबर के विकेट में दिखता है। वह स्लॉग स्वीप मारने के चक्कर में टाइम नहीं कर पाए और उनके मिस टाइम स्लॉग स्वीप ने गेंद को लांग ऑन पर पहुंचा दिया।
वह फ़खर के सामने शीर्ष स्तर की गुगली को संयोजन में लाते हैं, जो बायें हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ मुख्य हथियार है। अपने स्पेल के अंत तक रिज़वान का एकमात्र छक्का ही उनके गेंदबाज़ी आंकड़े में जुड़ता है।
रविवार को न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ फ़ाइनल से पहले ज़ैम्पा ने कोई हेडलाइन में आने वाला कार्य नहीं किया है। वह सुपर 12 की शुरुआत से सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं और उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के पुरुष टी20 के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की सूची में जगह बना ली है।
ज़ैम्पा बिना किसी मुस्कान के कहते हें, "मुझे हमेशा कम करके आंका गया है। यहां तक कि देश में 15 या 16 साल की उम्र तक हमेशा शहर का एक लड़का होता था जो मुझसे बेहतर होता था या जो मुझे ज़्यादा स्पिन करा लेता था। इस टूर्नामेंट के बाद भी जो सीरीज़ होगी वहां पर मुझे कम करके आंका जाएगा। मैं इन सब चीज़ों को समझता हूं।"
कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण ऑस्ट्रेलिया या यहां तक कि न्यू साउथ वेल्स की प्रशिक्षण सुविधाओं का भी वह फ़ायदा नहीं उठा पाए थे। इस वज़ह से उनका इस विश्व कप का प्रदर्शन और भी ख़ास बन गया था। उस वक्त उनके पास अपने घर के पास नेट्स में किशोरों को गेंदबाज़ी करने के अलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं था। वह कहते हैं, "यह अज़ीब था। मैंने घर पर काफ़ी ट्रेनिंग की, लेकिन फिर मानसिक रूप से तरोताज़ा हो गया।"
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ जॉस बटलर और जॉनी बेयरस्टो की आक्रामक बल्लेबाज़ी की वजह से उन्होंने तीन ओवर में 37 रन खर्च किए, लेकिन इस मैच के बाद भी उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी निभाई और ऐश्टन एगार की अनुपस्थिति में बाक़ी बचे पांच मैचों में आगे आकर प्रदर्शन किया।
ज़ैम्पा कहते हैं "अगर कुछ था तो इससे मेरा रोल और भी साफ़ हो गया। मैं जानता हूं कि मैं टीम में मध्य ओवरों में विकेट लेने के लिए हूं और कई मामलों में यह मैच अप पर निर्भर करता है। मैंने कई बार पारी में देरी से भी गेंदबाज़ी की है।"
उन्होंने कहा, "मैं अपनी भूमिका जानता हूं और मैं उन चुनौतियों का सामना करता हूं। टी20 के बीच के ओवरों में स्पिन गेंदबाज़ी कठिन काम हो सकती है लेकिन यह कुछ ऐसा है जिसका मैं वास्तव में आनंद लेता हूं। विशेष रूप से इस टूर्नामेंट में, मैंने कुछ ऐसा नहीं बनने की कोशिश की है जो मैं नहीं हूं, मुझे पता है कि मेरी ताकत क्या है और मैं उसका अपनी क्षमता के अनुसार उपयोग करता हूं। मैं इस टीम में अपनी भूमिका से आश्वस्त महसूस करता हूं। मैं पारी के मध्य ओवरों में ही विकेट लेना चाहता हूं और खुशक़िस्मती से मैं अब ऐसा करने में सक्षम हो रहा हूं।"
ज़ैम्पा के मेलबर्न स्टार्स टीम के साथी और क़रीबी दोस्त मार्कस स्टॉयनिस कहते हें, "मुझे लगता है कि वह शानदार रहा है। उन्होंने अपने चार ओवरों और उस समय पारी पर पूरी तरह से नियंत्रण किया है, ज़ैम्प्स बेहतर से और बेहतर हो रहा है। वह वाकई ईमानदार है।"
"उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पांच विकेट लिए और उन्हें लगा कि उन्होंने अच्छी गेंदबाज़ी नहीं की, इसलिए यह एक अच्छे खिलाड़ी का गुण है। मुझे लगता है जब आप अपने खेल से अलग होते हैं तो बेहर समझते हैं कि वास्तव में आप क्या कर रहे थे।"
ज़ैम्पा ने अपने नियंत्रण में सुधार करने के लिए पिछले 18 महीनों में तकनीकी बदलाव भी किए हैं, जिससे एक गेंदबाज़ के तौर पर वह निपुण हुआ है और 29 साल की उम्र में अपने करियर के प्रमुख वर्षों की ओर बढ़ रहा है।
ज़ैम्पा कहते हैं, "कुछ तकनीक़ी चीज़ें हैं जिन पर मुझे नज़र रखना पसंद है। मैं बहुत ज़्यादा नहीं बदला हूं, लेकिन मैं बस कोशिश करता हूं और वास्तव में इस ओर छोटा सा कदम उठाता हूं।"
"अगर मेरी छलांग वास्तव में लंबी है, तो मुझे गेंद पर पर्याप्त गति या स्पिन नहीं मिलती है। कुछ लेग स्पिनर हैं जिनके पास कम छलांग हैं, मुझे लगता है कि इमरान ताहिर सबसे अच्छा उदाहरण हैं और उनके पास बहुत अच्छा नियंत्रण है। इसलिए मुझे लगता है जैसे कि अगर मैं उस छलांग को सही कर सकता हूं, तो यह मेरे नियंत्रण में मेरी मदद करता है, तब मुझे पता होता है कि गेंद कहां जा रही है।"
रविवार को ज़ैम्पा, न्यूज़ीलैंड की एक ऐसी टीम के ख़िलाफ़ उतरेंगे जो इस विश्व कप के दौरान बीच के ओवरों में सतर्क रही है और अब स्पिन के अपने बेहतर खिलाड़ियों में से एक डेवन कॉन्वे चोटिल हो चुके हैं। ज़ैम्पा अगर मध्य के ओवरों में कमाल दिखा देते हैं तो वह ऑस्ट्रेलिया को खेल के उस चरण को जीता सकते हैं, जिसमें न्यूज़ीलैंड काफ़ी अच्छी रही है।
ज़ैम्पा ने कहा, "न्यूज़ीलैंड के पास उनके बारे में कुछ है। उन्होंने अन्य प्रारूपों में कुछ फ़ाइनल में जगह बनाई है और उन्होंने इसे वास्तव में अच्छा किया है, इसलिए वे एक कठिन चुनौती हैं। मुझे नहीं लगता कि हम दबाव में होंगे। उन्होंने वास्तव में अच्छी तरह से नेतृत्व किया है और उनके पास अनुभव भी है। यह एक बड़ी लड़ाई होने जा रही है।"
मैट रोलर ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।