बिहार में रणजी के आग़ाज़ को दो गुटों की झड़प ने गरमाया
बीसीए से निष्कासित सचिव ने एक अलग टीम की घोषणा करते हुए किया भ्रमित
सैयद हुसैन
06-Jan-2024
2023-24 रणजी ट्रॉफी का आग़ाज़ शुक्रवार को हुआ जहां पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम में बिहार और मुंबई के बीच मुक़ाबले का आनंद लेने बड़ी तादाद में लोग आए। पहले दिन मैच नियमित समय पर शुरू हुआ लेकिन चाय के बाद ख़राब रोशनी के चलते खेल को 67 ओवर के बाद रोकना पड़ा।
हालांकि, इससे पहले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) का अपने निलंबित पूर्व सचिव अमित कुमार के साथ झगड़ा भी हुआ जिसने एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था। दरअसल पूर्व सचिव ने मैदान पर उतरने के लिए अपनी ख़ुद की एक टीम नामित कर दी थी।
लेकिन कुछ ख़बरों के उलट, ये टीम केवल काग़ज़ पर नियुक्त की गई थी न कि ये टीम मैदान पर आई थी। मैदान पर केवल "आधिकारिक" टीम जिसे BCA ने घोषित किया था वह उतरी थी।
मैच के पहले दिन सुबह इसी वजह से दो अलग-अलग गुटों के बीच अराजकता फैल गई और माना जा रहा है कि गुस्से में अमित कुमार ने कथित तौर पर एक अधिकारी पर हमला किया था।
शुक्रवार दोपहर को BCA की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, "फ़र्ज़ी टीम में शामिल लोगों द्वारा BCA के OSD मनोज कुमार पर जानलेवा हमला किया गया। उपद्रवियों की पहचान कर ली गई है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।"
पूर्व सचिव अमित कुमार कुछ समय पहले बीसीए के मौजूदा अध्यक्ष राकेश तिवारी के उस गुट का हिस्सा थे, जिसने एसोसिएशन को BCCI की संबद्ध सदस्यता प्राप्त करने से पहले BCA चुनाव लड़ा और जीता था और 2018-19 सीज़न से पहले सीनियर घरेलू प्रतियोगिताओं में लड़ने की अनुमति दी थी।
उस समय, अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (COA) जिसे BCCI को चलाने का काम सौंपा गया था, उन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय समिति में एक स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। भारत के पूर्व विकेटकीपर सबा करीम ने भी महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) के रूप में संस्था की औपचारिकता की देखरेख के लिए पटना का दौरा किया था।
माना जाता है कि तिवारी के साथ अमित कुमार के रिश्ते 2022 में तनावपूर्ण हो गए थे, जब उन पर युद्धरत गुटों में से एक के साथ शामिल होने का आरोप लगाया गया था। जब मामला तिवारी के नेतृत्व वाले संगठन के सामने लाया गया, तो अमित कुमार को निलंबित कर दिया गया। उन्होंने तब से BCA में कोई पद नहीं संभाला है, जिसके कारण काग़ज़ पर जिस टीम का उन्होंने ऐलान किया उसका कोई 'औचित्य' ही नहीं है।
अराजकता से दूर, BCA को मुंबई के नामित कप्तान अजिंक्य रहाणे की एक झलक पाने के लिए उमड़ी बड़ी भीड़ को समायोजित करने के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी से भी जूझना पड़ा। गर्दन में ऐंठन के कारण रहाणे खेल तो नहीं पाए, लेकिन बड़ी संख्या में इकट्ठा हुई भीड़ का अभिवादन स्वीकार करने के लिए वह सीमा रेखा के पास भी आए।
तंत्र की कमी के अलावा, स्टेडियम की हालत इतनी जर्जर थी कि अंदर आने वाले दर्शक पोस्टरों के पीछे से चल रहे थे, जो दर्शकों को अपने जोखिम पर प्रवेश करने के लिए कह रहे थे।
BCA के अध्यक्ष तिवारी ने अपने बचाव में कहा, "हां, हालत ख़राब है लेकिन इस स्टेडियम को विश्व स्तरीय बनाने की योजना है और इसके लिए टेंडर भी पास हो चुका है। इसे बहुत जल्द नया रूप दिया जाएगा, क्योंकि मैच अभी ही खेला जाना था, हमने किसी तरह इसे खेलने लायक़ बना दिया है। हमें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही यह स्टेडियम अपने पुराने इतिहास की तरह चमकेगा।"
एक ख़ुशी की बात यह है कि बिहार ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी देखी जब उन्होंने आधिकारिक तौर पर 12 साल और 284 दिन की उम्र के वैभव सूर्यवंशी को पहली बार मौक़ा दिया। अगर BCA द्वारा समर्थित उनकी उम्र के दावे सही हैं, तो वह पिछले 75 वर्षों में सबसे कम उम्र में प्रथम श्रेणी डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बन गए।
बाएं हाथ के बल्लेबाज सूर्यवंशी भारतीय अंडर-19 टीम के लिए भी दौड़ में थे, उन्होंने बिहार के लिए वीनू मांकड़ ट्रॉफी में पांच पारियों में 93 रन बनाए थे। उन प्रदर्शनों ने उन्हें अंडर-19 चैलेंजर ट्रॉफी के साथ-साथ अंडर -19 चतुष्कोणीय में भी स्थान दिलाया, जिसमें बांग्लादेश और इंग्लैंड भी शामिल थे। जिसके बाद जूनियर चयन पैनल ने साउथ अफ़्रीका में होने वाले अंडर -19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का नाम घोषित किया। जो इस महीने के अंत में आयोजित होगी।
सैयद हुसैन ESPNCricinfo हिंदी में मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं।@imsyedhussain