इंग्लैंड 67 पर 1 (क्रॉली 29*, रेहान 9*) और 253 (बुमराह 6-45) को भारत 396 (जायसवाल 209) और 255 (शुभमन 104) को जीत के लिए 332 रनों की ज़रूरत
इंग्लैंड ने लक्ष्य का पीछा जारी रखा है लेकिन इतने बड़े स्कोर का भारत में पीछा करने का सपना देखना भी थोड़ा हास्यास्पद भी लग सकता है। कोई भी टीम
भारत में आज तक 399 रन का लक्ष्य हासिल करके टेस्ट नहीं जीत पाई है। हालांकि एक बात यह भी है कि कोई भी टीम इस इंग्लैंड टीम की तरह कभी भी इतनी अथक आशावाद के साथ खेलने नहीं उतरी है। हालिया समय में इंग्लैंड ने जिस शैली के साथ टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन किया है, उससे तो यह साफ़ जाहिर होता है कि मेहमान टीम जीत के लिए ही खेलेगी।
विशाखापटनम में तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड के शीर्ष क्रम ने पहले ही 14 ओवर में 67 रन बना दिए हैं और उन्होंने केवल बेन डकेट का विकेट खोया है, लेकिन नाइटवॉचमैन के तौर पर भेजे गए रेहान अहमद के इरादों ने दिखा दिया कि वह रन बनाने के विकल्प को नहीं छोड़ने वाले हैं और यह
एज़बेस्टन 2022 की याद दिलाता है जहां पर उन्होंने इसी टीम के ख़िलाफ़ 378 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया था।
इंग्लैंड को इतने बड़े रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहा है उसमें अहम योगदान
शुभमन गिल को जाता है जिन्होंने 147 गेंद में 104 रन की पारी खेली, यह 12 पारियों में उनका पहला शतक था। शुभमन ने दिन के पहले आधे घंटे में एक असाधारण कठिन परीक्षा से गुजरते भारतीय टीम को 255 रन तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया।
हालांकि उनके अलावा कोई और बल्लेबाज़ अर्धशतक तक भी नहीं पहुंच पाया। अक्षर पटेल ने 45 रनों की पारी के साथ अच्छा प्रयास ज़रूर किया लेकिन वह भी अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाए। इंग्लैंड की तरफ़ से टॉम हार्टली ने सबसे अधिर चार और रेहान अहमद ने तीन विकेट हासिल किए।
वहीं जब इंग्लैंड की दूसरी पारी की शुरुआत हुई तो हैदराबाद के चमत्कार की तरह इंग्लैंड के ओपनरों ने यहां पर भी तेज़ अर्धशतकीय साझेदारी की। भारत के लिए यह स्कोर अभी उतना सुरक्षित नहीं लग रहा है, जितना यह होना चाहिए था। हालांकि पहली पारी में जसप्रीत बुमराह के योगदान को देखते हुए, यह अंदाज़ा ज़रूर लगाया जा सकता है कि इंग्लैंड कि लिए इस स्कोर को प्राप्त करना, कहीं से भी आसान नहीं होगा।
इंग्लैंड ने तेज़ी के साथ इस स्कोर पीछा करना शुरू किया। दोनों ओपनरों के बीच अर्धशतकीय साझेदारी भी हुई, लेकिन जैसे ही रोहित शर्मा आर अश्विन को लेकर आए तो उन्होंने अपने पहले ही ओवर में बेन डकेट को 28 रनों पर आउट करा दिया, लेकिन ज़ैक क्रॉली 50 गेंद खेलते हुए नाबाद 29 रन बनाकर लौटे। इंग्लैंड ने दिन का अंत वैसे ही किया जैसे उन्होंने इसकी शुरुआत की थी
इससे पहले भारतीय टीम 171 रन की बढ़त और 10 विकेट हाथ में लेकर तीसरे दिन सुबह मैदान में उतरी। आसमान में बादल थे और
जेम्स एंडरसन के लिए इससे बढ़िया परिस्थिति नहीं हो सकती थी। एंडरसन ने नौ गेंदों के अंदर ही भारत के दोनों ओपनरों को पवेलियन भेज दिया। रोहित शर्मा हवा में अंदर आती और गिरकर बाहर निकली गेंद पर चूक गए और गेंद ऑफ़ स्टंप ले उड़ी। इसके बाद पहली पारी के हीरो यशस्वी जायसवाल को उन्होंने सेटअप करके ड्राइव खिलाने को मजबूर किया और गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई पहली स्लिप में जो रूट के हाथों में चली गई।
इंग्लैंड का दिन और भी बेहतर हो सकता था। शुभमन ने पहले 17 रन बहुत ही मुश्किल के साथ बनाए। इस बीच एक बार वह डीआरएस लेकर बच गए जहां बैट एंड पैड लगा था और दूसरी बार अंपायर्स कॉल ने उन्हें बचा दिया।
इस बीच श्रेयस अय्यर का संघर्ष इस मैच में भी जारी रहा, मिडऑफ़ अंदर था और वह हार्टली पर आगे निकलकर स्पिन के विरूद्ध बड़ा शॉट खेलने के लिए चले गए और टाइम नहीं कर पाए, स्टोक्स ने पीछे भागते हुए एक बेहतरीन कैच लेकर उन्हें वापस भेजा।
शुभमन ने एंडरसन का स्पेल ख़त्म होने के साथ ही शोएब बशीर पर छक्का जड़ दिया। इस बीच हार्टली की एक गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर पहली स्लिप और कीपर के बीच से निकल गई।
रेहान पर शुभमन प्रहार कर रहे थे लेकिन उनकी विकेट लेने की क्षमता के कारण स्टोक्स ने उनको लगाए रखा, जिसका नतीज़ा रहा कि बेन फ़ोक्स ने उनकी गेंद पर एक बेहतरीन कैच लिया जहां रजत पाटीदार के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर गेंद उन तक आई थी। रजत अधिक कुछ नहीं कर सकी और वह केवल नौ ही रन बना सके।
लंच के बाद शुभमन ने अपने पंख फ़ैलाने शुरू किए। उन्होंने रेहान पर एक छक्का और दो चौके लगाए और जल्द ही अपने शतक की ओर पहुंच गए।
बढ़त 350 के पार पहुंच चुकी थी लेकिन इंग्लैंड को अभी भी उम्मीद थी। स्टोक्स ने लेग साइड के क्षेत्ररक्षण को अंदर रखा और शुभमन बशीर पर रिवर्स स्वीप करते समय चूक गए और गेंद उनके ग्लव्स और पैड से लगकर उछल पड़ी, जहां कीपर ने कैच लपका। अंपायर ने आउट नहीं दिया था लेकिन सीरीज़ में पहली बार इंग्लैंड का यह सफल रिव्यू था।
अक्षर पटेल, शुभमन के साथ मिलकर अर्धशतकीय साझेदारी कर चुके थे और अब तेज़ी से रन जुटाने के प्रयास में थे और 84 गेंद में 45 रन बना चुके थे लेकिन वह हार्टली की एक नीची रहती गेंद पर चूक गए और पगबाधा हो गए। केएस भरत और कुलदीप यादव कुछ ख़ास नहीं कर सके। केवल अश्विन ही थे जिन्होंने निचले क्रम में 29 रन बनाए, लेकिन बुमराह के बिना कोई रन बनाए 26 गेंद में आउट होने के बाद अश्विन का बल्ला चलाना मजबूरी बन गया था।
इसके बाद जहां पिछली टीमों ने बुमराह के ख़िलाफ़ एक घंटे की बल्लेबाज़ी को घबराहट के साथ देखा होगा, इंग्लैंड ने इसे अपने लक्ष्य में सेंध लगाने का मौक़ा माना और 4.78 का रन-रेट बिल्कुल वही था जो ब्रैंडन मक्कलम ने आदेश दिया था, एंडरसन ने बाद में पुष्टि की कि उन्होंने कहा था कि जीत के लिए आगे बढ़ें, भले ही वे 600 रन का पीछा कर रहे हों।
नई गेंद के साथ बुमराह अनिवार्य रूप से एक ख़तरनाक़ ख़िलाड़ी थे क्योंकि उन्होंने क्रॉली के बल्ले को लगातार छकाया। लेकिन मुकेश कुमार का ख़राब मैच जारी रहा क्योंकि प्रत्येक सलामी बल्लेबाज़ ने अपनी दो गेंदों में दो चौके लगाए, जहां उन्होंने एक ओवर में 19 रन दे दिए। क्रॉली ने कुलदीप पर छक्का लगाया, तो रेहान ने दिन की अंतिम दो गेंद पर दो चौके निकाले।
अगर इंग्लैंड को इस लक्ष्य को हासिल करना है तो सभी तरह के रिकॉर्ड तोड़ने होंगे, लेकिन खु़द भारत अपने देश में यह कमाल इंग्लैंड के ख़िलाफ़ कर चुका है, जब
2008 चेन्नई में भारत ने 387 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बेंचमार्क स्थापित किया था, जहां चौथे दिन की शाम को वीरेंद्र सहवाग के तूफ़ानी अर्धशतक से स्थिति बदल गई थी। अगर वह बैज़बॉल था तो अब उसकी एक पूरी ब्रिगेड सामने है।