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द्रविड़: हम दबाव में थे लेकिन व्यक्तिगत प्रदर्शनों ने हमें मैच में बनाए रखा

भारतीय कोच ने कहा है कि दूसरे टेस्ट में दबाव से बाहर आने के लिए उनके टीम के खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया

विशाखापटनम में खेले गए दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम की तरफ़ से कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्तिगत प्रदर्शन देखे गए। पहली पारी में यशस्वी जायसवाल ने दोहरा शतक लगाया। उसके बाद जसप्रीत बुमराह ने दूसरी पारी में छह विकेट हासिल किए और फिर शुभमन गिल ने एक बेहतरीन शतक के साथ भारत की बढ़त को 400 के क़रीब पहुंचा दिया।
मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें मैच में बनाए रखने के लिए कुछ व्यक्तिगत प्रदर्शनों ने काफ़ी मदद की। सोमवार को मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने कहा, "हम पर कई बार दबाव डाला गया, लेकिन मुझे लगता है कि पहले कुछ दिनों में कुछ व्यक्तिगत प्रतिभाओं ने हमें मैच में बनाए रखा।"
"पहली पारी में यशस्वी के 209 रनों की पारी और फिर बुमराह के शानदार स्पेल के कारण ही हम बढ़त लेने में सफल रहे। इन प्रदर्शनों के बाद मैच को जीतने के लिए हमें एक यूनिट के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करना था, ताकि हम जीत हासिल कर सकें। पिछले टेस्ट में मिली हार और मुख्य खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में वापसी करना हमारे लिए काफ़ी अच्छा रहा। मुझे खु़शी है कि हम वापसी करने में सफल रहे, लेकिन हम यह भी मानते हैं कि यह श्रृंखला कहीं से भी आसान नहीं होने वाली है।"
भारतीय टीम ने भले ही पहली पारी में 143 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी लेकिन इसे बड़ा बनाने में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वह लगातार विकेट गंवाते रहे और एक समय पर वह दबाव में दिख रहे थे।
द्रविड़ ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि खेल में ऐसा कोई चरण था जहां हमें लगा कि हम मैच में काफ़ी आगे हो चुके हैं। जैसे ही हमने सोचा कि हम अपनी 80 रनों की साझेदारी (अय्यर और गिल के साथ) के साथ खेल में आगे जा सकते हैं तो हमने दो विकेट खो दिए। इसके बाद हमारी टीम ने एक और साझेदारी की। ऐसा लगा कि हम चाय तक चार विकेट के नुक़सान पर 250 के आंकड़े को छू लेंगे लेकिन हमने छह विकेट के नुक़सान पर सिर्फ़ 230 रन ही बनाए। एक समय पर हमने 210 के स्कोर पर सिर्फ़ चार विकेट गंवाए थे। जब भी लग रहा था कि हम मज़बूत स्थिति में पहुंचने वाले हैं तो हम वहां से नीचे फिसल जा रहे थे।
"इसलिए मुझे नहीं लगता कि हम इस मैच में किसी भी समय पर विपक्षी टीम पर दबाव बनाने के बारे में सोचने की स्थिति में थे। चौथी पारी में पहले दो विकेट गंवाने के बाद हमने बढ़िया पार्टनरशिप की लेकिन हम इसका पर्याप्त फायदा नहीं उठा सके।"
द्रविड़ को उम्मीद है कि आगे बढ़ते हुए, जैसे-जैसे यह युवा बल्लेबाज़ों को अनुभव प्राप्त होगा, वे बेहतर होते जाएंगे। कब रक्षात्मक क्रिकेट खेलना है और कब आक्रमण करना है, इसके बारे में वे बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
क्यूरेटर पिच बनाते हैं। हम काफ़ी ज़्यादा टर्न करने वाली पिचों की मांग नहीं करते। जाहिर तौर पर भारत में गेंद घूमेगी लेकिन वे कितना घूमेगी, इसका विशेषज्ञ नहीं हूं। कभी-कभी मुझे बताया जाता है कि गेंद तीसरे दिन से टर्न करेगी लेकिन वे पहले दिन से ही टर्न करने लगती हैं। मैं भी कभी-कभी किसी और की तरह ही अनभिज्ञ होता हूं।
राहुल द्रविड़
उन्होंने कहा, "अगर आप चाहते हैं कि लोग थोड़े मज़बूत इरादे से खेलें और थोड़ा सकारात्मक खेलें, तो आपको कुछ गलतियां स्वीकार करनी होंगी। आप जानते हैं कि कभी-कभी खिलाड़ी अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में सक्षम नहीं होते हैं। हमारे लिए यह इतना अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से मैच के परिस्थितियों को पढ़ने के बारे में है। यह इस बारे में है कि क्या हम सही समय पर सही फ़ैसले ले रहे हैं।"
भारत में टेस्ट मैचों की परिस्थितियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि भारत में तेज़ गेंदबाजों के लिए पिच तैयार करने पर विचार करना चाहिए, जो दिखा रहे हैं कि वे अपने दम पर भी टेस्ट मैच जीत सकते हैं।
द्रविड़ ने कहा, "क्यूरेटर पिच बनाते हैं। हम काफ़ी ज़्यादा टर्न करने वाली पिचों की मांग नहीं करते। जाहिर तौर पर भारत में गेंद घूमेगी लेकिन वे कितना घूमेगी, इसका विशेषज्ञ नहीं हूं। कभी-कभी मुझे बताया जाता है कि गेंद तीसरे दिन से टर्न करेगी लेकिन वे पहले दिन से ही टर्न करने लगती हैं। मैं भी कभी-कभी किसी और की तरह ही अनभिज्ञ होता हूं। हमें जो भी विकेट मिलता है, हम उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास करते हैं।"