बड़ी तस्वीर
पिछले एक सप्ताह में, साउथ अफ़्रीका को क्रिकेट के मैदान पर अपनी विरोधी टीम से बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। अगर आपने बारीकी से नहीं देखा है तो यह आपके लिए रिकैप है।
पिछले शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहले मैच से पहले, साउथ अफ़्रीका के खिलाड़ियों ने नस्लवाद के ख़िलाफ़ अलग-अलग इशारों को चुना, जिसके माध्यम से नस्लवाद-विरोधी के लिए अपना समर्थन व्यक्त जा सके। कुछ ने एक उठी हुई मुट्ठी के साथ घुटने टेक दिए (जिसमें रासी वान दर दुसें, केशव महाराज, कगिसो रबाडा, तबरेज़ शम्सी शामिल थे), कुछ ने खड़े होते हुए मुट्ठी उठाई (ड्वेन प्रिटोरियस, एडन मारक्रम, डेविड मिलर) और अन्य केवल ध्यान देने के लिए खड़े हुए (अनरिख़ नॉर्खिये और हेनरिक क्लासेन)। हालांकि सीएसए ने अपने खिलाड़ियों को इन तीन तरीक़ों से वैश्विक आंदोलन के लिए अपना समर्थन दिखाने की अनुमति दी थी, उन्होंने अगले मैच की सुबह वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ तय किया कि सभी को घुटने टेकने चाहिए, ताकि फूट न पड़े।
क्विंटन डिकॉक, जो अचानक घुटने टेकने के आदेश से स्तब्ध थे, ने मैच के लिए उपलब्ध नहीं होने का फ़ैसला किया। कुछ दिनों बाद, हालांकि, उन्होंने एक भावनात्मक प्रेस बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने इस मैच में नहीं खेलने के पीछे की वजह के फ़ैसले से किसी को भी पहुंची चोट के लिए माफ़ी मांगी। उन्होंने कहा कि वह घुटने टेकने के लिए तैयार थे और उन्होंने हमेशा नस्लवाद का विरोध किया है, भले ही वह हमेशा इशारे के समर्थन में नहीं रहे हैं।
अच्छी ख़बर यह है कि साउथ अफ़्रीका अब इस मुद्दे को अपने पीछे रख सकते हैं, क्योंकि इस बारे में हुई मुश्किल बातचीत का दौर बीत चुका है। कप्तान तेम्बा बवूमा हमेशा डिकॉक के समर्थन में खड़े रहे और अब साउथ अफ़्रीका के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ अंतिम एकादश में शामिल हो सकते हैं। उन्हें उम्मीद होगी कि पिछले कुछ दिनों की घटनाओं और उपजे मतभेदों से टीम मज़बूत होगी।
वे भी आसानी से सांस लेंगे, कि उनकी अगली प्रतिद्वंद्वी वह टीम है जिस पर उन्होंने पिछले दो वर्षों में वर्चस्व कायम किया है। साउथ अफ़्रीका ने सितंबर में तीन मैचों की टी20 सीरीज़ में श्रीलंका का सफ़ाया कर दिया था। उन्होंने श्रीलंका के ख़िलाफ़ पिछले छह टी20 अंतर्राष्ट्रीय जीते हैं और उस हिसाब से यह साउथ अफ़्रीकी टीम बेहतर लगती है। इन टीमों के क्रिकेट इतिहास को उलटने में साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ों ने अहम योगदान दिया है, क्योंकि श्रीलंका के बल्लेबाज़ इस टीम के स्पिनरों के ख़िलाफ़ संघर्ष करते नज़र आए। शम्सी के ख़िलाफ़ तो बनता है, लेकिन महाराज और पार्ट टाइम स्पिनर मारक्रम के ख़िलाफ़ भी यह टीम जूझती है। इस मैच से 48 घंटे से भी कम समय पहले वह ऐडम ज़ैम्पा की लेग स्पिन के ख़िलाफ़ भी फंस गए थे।
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भी श्रीलंका के तेज़ गेंदबाज़ों का ख़राब प्रदर्शन रहा, लेकिन जहां पिछले कुछ महीनों में उनका आक्रमण अच्छा रहा है, तो उनके बल्लेबाज़ों ने संघर्ष ज़्यादा किया है और यह उनकी सबसे बड़ी चिंता का एक क्षेत्र है। भले ही शीर्ष क्रम अच्छी शुरुआत देता है, जैसा कि गुरुवार को हुआ था, लेकिन बीच के ओवरों में स्पिन के ख़िलाफ़ श्रीलंका के बल्लेबाज़ लक्ष्य से भटक जाते हैं। वहीं कप्तान दसून शनका को अभी भी बड़ा स्कोर बनाने की ज़रूरत है।
हालिया फ़ॉर्म
(हाल में खत्म हुए मैच पहले)
साउथ अफ़्रीका : जीत, हार, जीत, जीत, जीत
श्रीलंका : हार, जीत, जीत, जीत, जीत
इन पर रहेगी नज़र
श्रींलंका के ख़िलाफ़ सितंबर में हुई सीरीज़ में डिकॉक का रिकॉर्ड अच्छा रहा है। वह उस सीरीज़ में सर्वोच्च स्कोरर भी थे। उन तीन मैचों में उन्होंने 153 रन बनाए और केवल एक बार आउट हुए। वह प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ भी चुने गए। यह मोटे तौर पर उसी टीम के ख़िलाफ़ है जिससे उनको शनिवार को खेलना है। उस लाइन अप में केवल लहिरु कुमारा नहीं थे।
शनका ने अपने नेतृत्व के लिए तारीफ़ पाई हैं, लेकिन उनकी अपनी बल्लेबाज़ी ख़राब रही है। घरेलू क्रिकेट में वह एक टी20 प्लेयर हैं। वह हाल ही में समाप्त हुई एसएलसी टी20 लीग में रन बनाने के मामले में सबसे आगे रहे, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, कप्तान के रूप में उनका शीर्ष स्कोर (11 पारियों से) नाबाद 27 रन है। इससे भी बुरी बात यह है कि वह एक फ़िनिशर के रूप में टीम में हैं, लेकिन बागडोर संभालने के बाद से उन्होंने 102.68 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। हाल ही में, श्रीलंका ने हसरंगा को बल्लेबाज़ी क्रम में शनका से आगे भेजने का भी कदम उठाया है। लेकिन अगर उन्हें इस टूर्नामेंट में एक गहरी छाप छोड़नी है तो उन्हें घरेलू क्रिकेट की तरह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वह कौशल दिखाना होगा।
टीम न्यूज़
महीश थीक्षना को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलने के लिए काफ़ी फ़िट माना गया था, लेकिन मैच के दौरान उन्हें अपने साइड स्ट्रेन पर ध्यान देने की ज़रूरत थी। क्योंकि दोनों मैचों के बीच 48 घंटे से भी कम का समय है, इसलिए शायद श्रीलंका उन्हें आराम देने की कोशिश करेगा। कुमारा पर ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम ने ख़ूब रन बनाए थे, इसलिए श्रीलंका बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ बिनुरा फ़र्नांडो का इस्तेमाल कर सकता है।
श्रीलंका (संभव) : 1 पथुम निसंका, 2 कुसल परेरा (विकेटकीपर), 3 चरिथ असलंका, 4 अविष्का फ़र्नांडो, 5 भानुका राजापक्षा, 6 दसून शनका (कप्तान), 7 चमिका करुणारत्ना, 8 वनिंदु हसरंगा, 9 दुश्मांता चमीरा, 10 महीश थीक्षना/अकिला धनंजय, 11 लहिरु कुमारा
साउथ अफ़्रीका (संभव) : 1 तेम्बा बवूमा (कप्तान), 2 क्विंटन डिकॉक (wk) 3 रीज़ा हेंड्रिक्स, 4 एडन मारक्रम, 5 रासी वान दर दुसें, 6 डेविड मिलर, 7 ड्वेन प्रिटोरियस, 8 कगिसो रबाडा, 9 केशव महाराज, 10 अनरिख़ नॉर्खिये, 11 तबरेज़ शम्सी
ऐंड्रयू फ़िडेल फर्नांडो (@afidelf) ESPNcricinfo के श्रीलंकाई संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।