ट्रेंट ब्रिज टेस्ट को जीतने का सपना पांचवें दिन बारिश ने खराब कर दिया, जिसकी वजह से दोनों ही टीम को ड्रॉ पर मजबूर होकर डब्ल्यूटीसी के दूसरे संस्करण की पहली सीरीज के पहले टेस्ट में 4-4 अंक बांटने पर मजबूर होना पड़ा।
पांचवें दिन पर जब मैच पहुंचा, उस वक्त भारतीय टीम को 157 रनों की दरकारर थी और उनके हाथ में नौ विकेट बाकी थे, जहां लग रहा था कि जिस तरह से इस पिच ने दिन के पहले दिन बर्ताव किया, टेस्ट के पांचवें दिन यह उससे जुदा होगी।
हालांकि, देखा जाए तो इंग्लेंड ने 2018 के दौरे पर भी दो बार चौथी पारी में 250 रनों से ज्यादा का लक्ष्य पाने से रोक दिया था। भारत इस पर चर्चा कर सकता है कि यह टेस्ट उस टेस्ट की परिस्थितियों से अलग था। इस बार जैसे ही मैच आगे बढ़ा, उसने दिखाया कि यह पिच बल्लेबाजी के लिए आसान हो चुकी थी। हमें कभी नहीं पता लग पाएगा कि कौन सी टीम इस हारती लेकिन बारिश की वजह से, लेकिन दोनों ही टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के इस पहले मैच में बराबरी के अंक बांटने में कामयाब रही।
दूसरा टेस्ट गुरुवार से लॉर्ड्स में शुरू हो रहा है।
इंग्लैंड जब लंदन में जाएगी तो उनके आगे बल्लेबाजी क्रम के सवाल होंगे, क्योंकि इस टेस्ट में कप्तान जो रूट ने शतक लगाकर अकेले दम पर ही मैच बचा लिया। रूट ने इस टेस्ट में एक अर्धशतक और शतक लगाया और यह उन्होंने अपनी टीम के लिए पहली बार नहीं किया।
वहीं दूसरी ओर, दूसरे सप्ताह के बारे में सोचने से ज्यादा भारतीय टीम चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को लेकर चिंतित होगी, लेकिन केएल राहुल ने ओपनिंग पर रन बनाकर उनको राहत जरूर दी होगी। यह भी लाजमी था कि टीम इंडिया राहुल को ओपनर के तौर पर आगे नहीं देख रही थी, लेकिन मयंक अग्रवाल के पहले टेस्ट के दो दिन पहले कनकशन होने की वजह से और शुभमन गिल के चोटिल होने के कारण सीरीज से बाहर होने की वजह से राहुल ओपनिंग करने के लिए आगे आए।
राहुल दोनों ही पारियों में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज के तौर पर उतरे, जिससे साफ लगता है कि उनके दोस्त अग्रवाल को ओपनिंग स्लॉट के लिए या तो इंतजार करना होगा या मध्य क्रम में अपनी जगह तलाशनी होगी।