भारत 155 पर 3 (राहुल 65, रोहित 55, साउदी 3-16) ने न्यूज़ीलैंड 153 पर 6 (फ़िलिप्स 34, गप्टिल 31, मिचेल 31, हर्षल 2-25) को सात विकेट से हराया
ओस भरी परिस्थितियों में गेंद के साथ शानदार प्रदर्शन करने के बाद
केएल राहुल और
रोहित शर्मा के बीच 117 रनों की साझेदारी ने भारत को न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ दूसरी जीत दिलाई। दोनों सलामी बल्लेबाजों ने सही समय पर जोखिम उठाते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया और जीत सुनिश्चित की। भले ही अंत में टीम ने 20 रनों के भीतर तीन विकेट गंवाए लेकिन मैच उनकी पकड़ में था।
अपना लगातार दूसरा टॉस जीतकर रोहित ने पहले गेंदबाज़ी करने का निर्णय लिया। इसके बाद भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही क्योंकि मार्टिन गप्टिल ने 15 गेंदों में 31 रन बनाते हुए पावरप्ले को अपने नाम किया। लेकिन आर अश्विन और नवोदित
हर्षल पटेल के नेतृत्व में गेंदबाज़ों ने चीज़ों को वापस खींच लिया, और सलामी बल्लेबाज़ों ने लक्ष्य का पीछा करने के लिए एकदम सही मंच तैयार किया, जिसे भारत ने अंततः 16 गेंद शेष रहते हासिल किया।
भुवनेश्वर कुमार ने पहले ओवर में आगे गेंद डालते हुए स्विंग गेंदबाज़ी की। गप्टिल को परेशान करने के बावजूद उस ओवर में उन्होंने तीन चौके जड़कर न्यूज़ीलैंड को बढ़िया शुरुआत दिलाई। उस ओवर में राहुल एक मुश्किल कैच को लपक नहीं पाए थे और उन्हें एक जीवनदान भी मिला।
इसके बाद स्विंग धीरे धीरे ख़त्म हो गई और रन बनाना आसान हो गया। मैच शुरू होने से पहले ही ओस ने दर्शन दे दिए थे जिसके चलते गेंद तेज़ी से बल्ले पर आ रही थी। गप्टिल ने आक्रामक बल्लेबाज़ी की और दो बड़े छक्के लगाए जिसके बाद पांचवें ओवर में दीपक चाहर ने छोटी गेंद पर उन्हें फंसाया और भारत को पहली सफलता दिलाई। उस समय न्यूज़ीलैंड का स्कोर था 4.2 ओवरों में 48 रन।
रनों की गति में आई रुकावट
मार्क चैपमैन ने पावरप्ले समाप्त होने से पहले दो चौके लगाए और न्यूज़ीलैंड 180 से अधिक के स्कोर की ओर आगे बढ़ रहा था। लेकिन शानदार गेंदबाज़ी, पिच के बदलते अंदाज़ और बल्लेबाज़ों के संघर्ष के संयोजन से वह उस स्कोर तक नहीं पहुंच पाए।
भारतीय टी20 टीम में वापसी के बाद से चले आ रहे अपने अच्छे प्रदर्शन को अश्विन ने बरक़रार रखा। अपनी गति, कोण और गेंदबाज़ी में बदलाव करते हुए उन्होंने गेंदों को बल्लेबाज़ों से दूर रखा और उन्हें बड़े शॉट लगाने का मौक़ा नहीं दिया। अपने स्पेल में मात्र 19 रन देते हुए उन्होंने एक सफलता अर्जित की। और तो और टी20 अंतर्राष्ट्रीय टीम में वापसी के बाद से उन्होंने दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ 71 गेंदों में केवल 51 रन ख़र्च किए है और एक भी बाउंड्री लगाने नहीं दी है।
इस बीच हर्षल की धीमी गेंदें एक सफल आईपीएल सीज़न के बाद अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू पर भी उतनी ही कारगर साबित हुई। रांची के मैदान की बड़ी बाउंड्री का फ़ायदा उठाते हुए उन्होंने चतुराई भरी गेंदबाज़ी की और चार ओवरों में 25 रन देकर दो विकेट चटकाए। पावरप्ले के बाद न्यूज़ीलैंड ने महज़ 89 रन बनाए और ग्लेन फ़िलिप्स के तीन छक्कों के कारण वह 150 के पार पहुंच पाए।
ख़ामोशी के बाद आया तूफ़ान
154 रनों के छोटे लक्ष्य का मतलब यह था कि रोहित और राहुल पारी की शुरुआत में अपना समय ले सकते थे। पावरप्ले में राहुल ने ज़्यादातर गेंदें खेली और इस दौरान एक चौके और एक छक्के की मदद से 32 रन बनाए। पावरप्ले के बाद भारत का स्कोर 45 रन था और अगले तीन ओवर में उन्होंने एक भी बड़ा शॉट नहीं लगाया। पहले टी20 मैच में स्पिन के ख़िलाफ़ आक्रमण करने का ज़िम्मा सूर्यकुमार यादव ने उठाया था और वह अब भी पवेलियन में अपने मौक़े का इंतज़ार कर रहे थे।
इसके बाद 10वें ओवर में रोहित ने मिचेल सैंटनर को आड़े हाथों लिया और दो छक्के लगाए। एक और बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में वह गेंद को ऊपर मार बैठे थे लेकिन लांग ऑन से आगे भागते हुए ट्रेंट बोल्ट ने उस कैच को टपकाया और रोहित को जीवनदान दिया। रोहित और राहुल ने अपना अर्धशतक पूरा करते हुए 117 रन की साझेदारी निभाई।
विपक्षी कप्तान टिम साउदी ने भारत को तीन झटके ज़रूर दिए लेकिन तब तक मैच पर उनकी पकड़ काफ़ी मज़बूत थी। अंत में विकेटकीपर ऋषभ पंत ने दो गेंदों पर दो छक्के लगाकर मैच जीत लिया।