ट्रेलब्लेज़र्स 190/5 (मेघना 73, जेमिमाह 66, सिमरन दिल बहादुर 2-31) ने वेलॉसिटी 174/9 (नवगिरे 71, शेफ़ाली 29, पूनम 2-33) को 16 रनों से हराया
स्मृति मांधना के नेतृत्व वाली ट्रेलब्लेज़र्स जब गुरुवार को महिला टी20 चैलेंज के आख़िरी लीग मुक़ाबले में वेलॉसिटी के ख़िलाफ़ उतरी तो वे अच्छी तरह से जानते थे कि फ़ाइनल का टिकट पाने के लिए उन्हें कम से कम 31 रनों से मैच जीतना होगा।
ट्रेलब्लेज़र्स मैच जरूर 16 रन से जीती लेकिन फ़ाइनल का टिकट वेलॉसिटी ने अपने नाम कर लिया। इस बीच दिल दो भारतीय युवा बल्लेबाज़ों ने जीता जो महिला टी20 चैलेंज में अपना डेब्यू मुक़ाबला खेल रहीं थीं।
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ट्रेलब्लेज़र्स जानती थी कि उन्हें फ़ाइनल में प्रवेश करने के लिए बड़ा स्कोर बनाना होगा। यही वजह थी कि पिछले मैच में बाहर बैठने वाली
एस मेघना को इस मैच में ओपनिंग करने का मौक़ा मिला। मेघना इस समय बेहद ही शानदार लय में बल्लेबाज़ी कर रही हैं। यह बात उन्होंने पहले ही ओवर में कैट क्रॉस की दो आख़िरी गेंदों पर खूबसूरत चौके लगाकर साबित कर दी। पहला शॉट एक आकर्षक स्ट्रेट ड्राइव थी, जहां गेंद सीधा साइट स्क्रीन के पास जाकर रूकी।
अगली गेंद पर उन्होंने एक बार दोबारा उसी दिशा में शॉट खेला लेकिन इस बार इरादे के साथ गेंदबाज़ के सिर के ऊपर से लगाया गया शॉट था। कप्तान स्मृति मांधना, कैट क्रॉस के अगले ओवर की गेंद पर पुल मारने के चक्कर में आउट हो गई, लेकिन इस युवा बल्लेबाज़ मेघना पर कोई दबाव नहीं आया, वह लगातार अपने आकर्षक शॉट से वेलॉसिटी की मुश्किलें बढ़ाती रहीं। मांधना के बाद मेघना का साथ देने जेमिमाह रॉड्रिग्स आईं, जो इस साल की शुरुआत में हुए महिला विश्व कप में भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाई थी। द हंड्रेड में दिखाई फ़ॉर्म को उन्होंने इस पारी में दिखाया। मेघना हर गेंद पर प्रहार करती तो जेमिमाह भी जब भी मौक़ा मिलता बांउड्री चुरा लेती। मेघना की एक इन साइड आउट लॉफ़्टेड ड्राइव पर लगाया गया लांग ऑफ़ के सिर के ऊपर से छक्का उनकी काबिलियत को दिखा रहा था। नौंवे ओवर की पांचवीं गेंद पर मेघना ने सिंगल चुराते हुए टी20 चैलेंज में डेब्यू करते हुए 32 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। 14वें ओवर की आख़िरी गेंद पर जेमिमाह ने भी दो रन चुराते हुए अर्धशतक पूरा कर लिया। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 73 गेंद में 113 रन जोड़े, जिससे ट्रेलब्लेज़र्स 190 रनों का बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब रही।
हालांकि अभी कहानी ख़त्म नहीं हुई थी, अभी एक और युवा बल्लेबाज़
केपी नवगिरे का तूफ़ान पुणे के एमएसीए स्टेडियम में आना बाक़ी था। वेलॉसिटी को यास्तिका भाटिया और शेफ़ाली वर्मा ने आक्रामक शुरुआत दिलाई। यास्तिका के आउट होने से पहले दोनों ने पहले विकेट के लिए 24 गेंद पर 36 रन की साझेदारी की। नवगिरे आईं और ज़ल्द ही शेफ़ाली भी उनका साथ छोड़ गई। एल वुलफ़ार्ट ने नवगिरे का अच्छा साथ दिया। नवगिरे ने इस टूर्नामेंट में पहली गेंद सलमा ख़ातून की खेली और पहली ही गेंद पर उन्होंने स्लॉग स्वीप लगाकर छक्का मार दिया। यह कोई हल्का फुल्का छक्का नहीं था, महिला क्रिकेट के लिए यह एक आंखे खोल देने वाला शॉट था, गेंद मिडविकेट सीमा रेखा की ओर स्टैंड्स में जाकर गिर गई, इसके बाद एक लेंथ बॉल पर लगाया गया वाइड लांग ऑफ़ पर उनके पंच ने बता दिया था कि उनमें कितनी ताकत है। इसके बाद तो उन्होंने ट्रेलब्लेज़र्स के गेंदबाज़ों के साथ खेलना शुरू कर दिया।
लांग ऑन पर लंबे लंबे छक्के, स्क्वायर लेग की दिशा में पुल, कवर के ऊपर से इन साइड आउट ड्राइव, सब कुछ इस युवा बल्लेबाज़ की पारी में देखने को मिला। नवगिरे ने राजेश्वरी पर लांग ऑन पर एक लंबा छक्का लगाते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया। हालांकि जिस समय वह टीम को जीत दिलाने के करीब पहुंच रही थी, वह सोफी डंकली की एक फ़्लाइटेड गेंद पर स्टंपिंग हो गई। इसके बाद वेलॉसिटी ने फ़ाइनल में पहुंचने के लिए जरूरी लक्ष्य तो पाया लेकिन जीत हासिल नहीं कर सकी।
ट्रेयलब्लेज़र्स ने एक बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया था, जहां वे वेलॉसिटी को 150 रनों के अंदर समेट सकते थे, लेनिक वेलॉसिटी मैच जरूर हारी लेकिन उनके फ़ाइनल में पहुंचने के पीछे टर्निंग प्वाइंट नवगिरे की आक्रामक बल्लेबाज़ी रही। नवगिरे ने अपनी ताकत के साथ स्पिनरों पर प्रहार करना शुरू किया। उन्होंने किसी भी स्पिनर को नहीं छोड़ा। उनकी क्लीन हिटिंग ही वजह थी कि वेलॉसिटी 159 रनों का जरूरी लक्ष्य पा गई।
हालांकि अगर वेलॉसिटी को हार मिलने की बात की जाएगी तो मेघना सिंह के तीन कैच छोड़ना उनके लिए हार का सबब बन गया। एक कैच तो प्वाइंट की दिशा में स्नेह राणा ने तीसरे ओवर की आख़िरी गेंद पर टपका दिया, उस समय वह केवल 16 रनों पर थी। वहीं 16वें ओवर में सिमरन दिल बहादुर के ओवर में दो गेंद पर दो कैच टपकाए गए। अगर ये कैच नहीं टकपाए गए होते तो ट्रेयलब्लेज़र्स का स्कोर इतना नहीं पहुंच पाता और वेलॉसिटी जीत के साथ फ़ाइनल में जाती।