बाबर : नसीम के कारनामे ने मुझे मियांदाद के छक्के की याद दिला दी
लगातार दो छक्के लगाने वाले नसीम ने कहा, "सभी भूल गए हैं कि मैं एक गेंदबाज़ हूं,"
शशांक किशोर
08-Sep-2022
आख़िरी गेंद पर छक्का लगाकर नसीम ने दिलाई थी पाकिस्तान को जीत • AFP/Getty Images
बाबर आज़म उस समय पैदा भी नहीं हुए थे जब जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की आख़िरी गेंद पर शारजाह में छक्का लगाकर पाकिस्तान को ऑस्ट्रल,-एशिया कप में जीत दिलाई थी। तब भी जब बुधवार की रात नसीम शाह ने अफ़ग़ानिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ फ़ज़ल हक़ फ़ारूक़ी की आख़िरी दो गेंद पर दो छक्के लगाए तो उन्हें 36 साल पहले मियांदाद के उस कारनामे की याद आ गई।
बाबर ने कहा, "मेरे दिमाग़ में चल रहा था कि यह टी20 क्रिकेट है और मैंने नसीम को मैंने इस तरह पहले भी बल्लेबाज़ी करते देखा था, तो मुझे उन पर थोड़ा विश्वास था। वाकई इसने मुझे शारजाह में जावेद मियांदाद के छक्के की याद दिला दी।"
रवि शास्त्री मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में एंकरिंग कर रहे थे तो उन्होंने हंसते हुए बाबर से कहा, "मैं उस दिन वहां था, धन्यवाद मुझे याद दिलाने के लिए।"
पाकिस्तान एक समय तीन विकेट पर 87 रन बना चुका था लेकिन इसके बाद उन्होंने 31 रनों पर छह विकेट गंवा दिए। जब नसीम नंबर 10 पर बल्लेबाज़ी करने आए तो वह नंबर 11 के बल्लेबाज़ मोहम्मद हसनैन का बल्ला लेकर आए क्योंकि उनके पास अच्छा बल्ला नहीं था।
उस समय पाकिस्तान को 10 गेंद में 20 रन की ज़रूरत थी और जब उन्होंने इसी ओवर में आसिफ़ अली का विकेट गंवा दिया तो अब उन्हें सात गेंद में 12 रन चाहिए थे। 10 दिनों पहले ही अपना टी20 अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण करने वाले नसीम को अभी तक अपना पहला टी20 अंतर्राष्ट्रीय रन बनाना बाक़ी था।
पाकिस्तान की हार की स्थिति में उनके फ़ाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को झटका लग सकता था लेकिन नसीम आत्मविश्वास से भरे थे। अगले कुछ मिनटों में पूरे ड्रेसिंग रूम ने शायद ही विश्वास किया होगा जो कुछ उन्होंने देखा। नसीम ने लगातार दो गेंद पर छक्के लगाकर जीत दिला दी। नसीम के चेहरे पर बड़ी मुस्कान थी। खुशी से झूमते साथी उनको गले लगाने के लिए उन पर कूद पड़े। इतने सालों तक पाकिस्तान के लिए खेलने वाले वसीम अकरम भी ख़ुद को रोक नहीं सके और नसीम को गले लगा लिया।
कुछ मिनट बाद भी नसीम बेहद उत्साहित थे। उन्होंने बताया कि उनका माइंडसेट कैसा था। उन्होंने कहा, "जब मैं बल्लेबाज़ी के लिए आया तो मुझे विश्वास था कि मैं छक्के लगा सकता हूं। मैंने इसका अभ्यास किया है। मैं जानता था कि वे यॉर्कर करेंगे। मैं बस अपनी रणनीति को अमल में लाना चाहता था। मैंने पहले भी कहा था कि हमें ख़ुद पर विश्वास करना होगा, हम हिट लगा सकते हैं। हमने नेट्स पर अभ्यास किया है तो वह विश्वास वहां था। मुझे महसूस हुआ कि मेरा बल्ला सही नहीं था तो मैंने इसको बदल लिया (हंसते हुए)।"
उन्होंने कहा, "जब मैं आया तो उस समय आसिफ़ [अली] बल्लेबाज़ी कर रहे थे। मेरा आइडिया उनको सिंगल देने का था, लेकिन जब वह आउट हो गए तो मुझे लगा अब सब कुछ मुझ पर निर्भर करता है। ऐसे मैचों में जब आप नौ विकेट गंवा देते हो तो कोई आप पर विश्वास नहीं करता कि आप जीत दिला सकते हो, लेकिन मुझे विश्वास था कि मैं ऐसा कर सकता हूं। मैंने बड़े हिट लगाने का बहुत अभ्यास किया है। यह मेरे लिए एक यादगार मैच था। हर कोई भूल गया था कि मैं एक गेंदबाज़ हूं!"
26 गेंद में 36 रन बनाकर प्लेयर ऑफ़ द मैच बने शादाब ख़ान भी नसीम की इस पराक्रम को भूल नहीं सके। उन्होंने कहा, "ये छक्के मुझे हमेशा याद रहेंगे। हमारे टीम प्रबंधन ने गेंदबाज़ों को बल्लेबाज़ी करने के लिए तैयार किया है, क्योंकि आप नहीं जानते कि मैच में क्या स्थिति आ जाए। हमारे गेंदबाज़ों में भी बल्ले से मैच को ख़त्म करने की काबिलियत है।"
बाबर ने भी कहा, "सच कहूं तो ड्रेसिंग रूम में बहुत तनाव का माहौल था। हम पिछले मैचों की तरह साझेदारी नहीं बना पाए थे, लेकिन जिस तरह से नसीम ने मैच को ख़त्म किया तो आप उसके बाद का माहौल देख सकते थे।"
यह माहौल होना भी चाहिए था क्योंकि अब 11 सितंबर को एशिया कप के फ़ाइनल में पाकिस्तान की टीम श्रीलंका का सामना करेगी।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।