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रूट से बेहतर कप्तान हैं क​मिंस

पैट एक मज़बूत नेतृत्वकर्ता के रूप में विकसित होंगे, वहीं दूसरी तरफ़ रूट एक ब​दक़िस्मत कप्तान हैं

Pat Cummins and Joe Root shake hands at the toss, Australia vs England, The Ashes, 1st Test, Day 1, The Gabba, Brisbane, December 8, 2021

पूर्व ऑस्‍ट्रेलियाई कप्‍तान ने की पैट कमिंस की तारीफ  •  Getty Images

ऐडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस के कोविड के करीबी संपर्क में आने के बाद भी अच्छी कप्तानी के लिए उन्हें सौ में से सौ अंक दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री बनने से पहले पाकिस्तान टीम के सबसे अच्छे कप्तान में से एक इमरान खान ने अपनी पुस्तक में कहा है, "एक अच्छे कप्तान को गेंदबाजी को समझना चाहिए।" गेंदबाज़ी को समझने के लिए शीर्ष श्रेणी के तेज गेंदबाज़ कमिंस से बेहतर कौन हो सकता है?
वह ऑस्ट्रेलिया की ओर से अब तक के सबसे प्रेरणादायक खिलाड़ी भी हैं। कमिंस ने कप्तान नियुक्त होने से पहले ही उपनाम 'पैट' हासिल कर लिया था। उन्हें यह नाम दिया जाता है क्योंकि वह हमेशा अच्छा करते हैं, ज़रूरत पड़ने पर अक्सर ऑस्ट्रेलिया को विकेट दिलाते हैं। उन्होंने अपनी कप्तानी में पहले टेस्ट में ही पारी में पांच विकेट लेकर इसको साबित भी किया।
क्या कमिंस के पास ऐसे दिन होंगे जहां सब कुछ उनकी योजना के अनुरूप नहीं होगा? हां, यह एक कप्तान और नेतृत्वकर्ता का जीवन होता है। हालांकि, कमिंस एक कप्तान के रूप में सुधार करेंगे क्योंकि अच्छे नेतृत्वकर्ता यही करते हैं। वे अपनी गलतियों से सीखते हैं और भविष्य में उन्हें दोहराने से बचने की कोशिश करते हैं।
कमिंस जिस एक सवाल का जवाब नहीं दे सकते, वह यह है कि चोट या कोविड नियमों के कारण वह कितने टेस्ट मैच नहीं खेल पाएंगे। उन्हें दूसरे टेस्ट में नहीं खेलना खलेगा, लेकिन मैच नहीं खेलना एक ऐसी चीज़ है जिससे उनको निपटना होगा।
कमिंस वास्तव में एक म़जबूत नेतृत्वकर्ता बनेंगे और शानदार प्रदर्शन करेंगे क्योंकि वह उस तरह के इंसान हैं। हालांकि बहुत कुछ उनके शांत स्वभाव पर भी निर्भर करेगा।
उत्कृष्ट नेतृत्व की विपरीत परिभाषा क्या है? इसे जो रूट की कप्तानी से आंका जा सकता है।
रूट बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं, लेकिन ख़राब कप्तान भी हैं। उन्हें एक साधारण और बदक़िस्मत कप्तान के रूप में परिभाषित करना ग़लत नहीं होगा। शायद ही आपको लंबे समय तक चलने वाला ऐसा कप्तान मिले, जिसमें कल्पनाशक्ति की कमी हो, लेकिन वह भाग्यशाली भी हो।
ऐडिलेड ओवल में यह फिर से दिखा कि दुर्भाग्य रूट की टीम का पीछा कर रहा है। इंग्लैंड के गेंदबाज़ नियमित रूप से बल्ले को विफल कर रहे थे लेकिन हिम्मत दिखाने का जज्बा उनमें कम ही दिखा। हालांकि, इंग्लैंड के चयनकर्ताओं की औसत दर्जे की सहनशीलता भी देखी गई, जब उन्होंने एक सामान्य विकेटकीपर जॉस बटलर को चुना, जिन्होंने कई गलतियां की।
प्रेस कांफ्रेंस में कोई भी चीज़ इंग्लैंड द्वारा चयन ग़लतियों को ढक नहीं सकती है।
ऐसा नहीं है कि रूट की टीम उन्हें नापसंद करती है, इसके विपरीत यह सिर्फ़ इतना है कि उन्होंने इतने ख़राब फ़ैसले लिए हैं, वे सोच रहे होंगे, "अरे नहीं, फिर नहीं।"
वह एक प्रेरणादायक कप्तान नहीं है और इसका इस बात से संकेत मिलता है कि उनकी टीम कितनी बार एक अच्छी स्थिति में पहुंचती है लेकिन काम को अंजाम नहीं दे पाती है। यह फिर से हुआ, जहां ब्रिस्बेन में 425 रन बनने देने के बाद इंग्लैंड ने ऐडिलेड में अपनी ग़लतियों को दोहराया और मेज़ाबन टीम को 473 रनों तक पहुंचने दिया। रूट की ख़राब कप्तानी का एक और संकेत यह था कि उन्होंने उस कई बार रक्षात्मक क्षेत्ररक्षण लगाया। जैसा कि एक अच्च्छे कप्तान रिची बेनो ने कहा है कि दो ओवर आपको मैच में आगे ले जा सकते हैं। एक जिम्मेदार नेतृत्वकर्ता के पास प्रतिस्पर्धियों की एक ऐसी फ़ौज होती है जो अपने कप्तान के लिए खेलना चाहते हैं।
अगर इंग्लैंड को सीरीज़ में वापसी करनी है तो रूट को ऐडिलेड टेस्ट में आगे बढ़ने का रास्ता ख़ोजना होगा। दुर्भाग्य से, उन्होंने कुछ नकारात्मक गेंदबाज़ी करके अवसर को फिर से जाने दिया। भयानक निष्कर्ष यह है, "अरे नहीं फिर से नहीं," एक नियमित टिप्पणी, लेकिन रूट अपने काम पर बने हुए हैं।

पूर्व ऑस्‍ट्रेलियाई कप्‍तान एक कॉलमनिस्‍ट हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में स‍ीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है