हर्षित राणा पहली बार भारतीय टेस्ट मुख्य दल का हिस्सा बने हैं • PTI
हर्षित राणा जब से पेशेवर क्रिकेटर बने हैं, तब से वह टीवी पर बहुत ही कम क्रिकेट देखना पसंद करते हैं। हालांकि जब पिछली बार भारतीय टीम 2021 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी, तो उन्होंने इस सीरीज़ को बहुत ही क़रीब से फ़ॉलो किया था और जिस तरह से भारतीय खिलाड़ियों ने वहां प्रदर्शन किया, उससे बहुत प्रेरित भी हुए थे। उन्होंने तब अपने आपसे एक वादा भी किया था कि अगर उन्हें कभी ऑस्ट्रेलिया जाने का मौक़ा मिलता है, तो वह कुछ ऐसा ही प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे।
तीन साल बाद राणा ऑस्ट्रेलिया जाने वाले जहाज़ पर सवार होंगे। 18 सदस्यीय भारतीय दल में अभिमन्यु ईश्वरन के साथ वह दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनका अभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू भी नहीं हुआ है। हालांकि वह IPL 2024 के बाद से लगातार भारतीय टीम के साथ हैं और उन्हें उम्मीद है कि भारतीय टीम के साथ का यह अनुभव ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर उनके काम आएगा।
दिल्ली और असम के बीच दिल्ली में चल रहे रणजी मैच में पांच विकेट झटकने के बाद राणा ने कहा, "मैं IPL के बाद से लगातार भारतीय टीम के साथ हूं और मुझे वहीं बहुत सी चीज़े सीखने को मिली हैं। यह सीख ना सिर्फ़ क्रिकेट को लेकर, बल्कि ज़िंदगी को लेकर भी है कि कैसे एक स्पोर्ट्स पर्सन अपने करियर और ज़िंदगी को आगे बढ़ाता है। एक क्रिकेटर के रूप में भी मैंने भारतीय टीम के साथ रहने से बहुत ग्रो किया है।"
IPL 2024 के 13 मैचों में 20.15 की शानदार औसत से 19 विकेट लेने के बाद राणा को पहली बार ज़िम्बाब्वे दौरे पर T20I के लिए भारतीय टीम से बुलावा आया था। हालांकि इस दौरे पर उन्हें एक भी मैच खेलने का मौक़ा तो नहीं मिला, लेकिन तब से वह लगातार भारतीय टीम के साथ बने हुए हैं। इसके बाद श्रीलंका दौरे पर गई भारतीय टीम के वनडे दल के भी वह सदस्य थे और फिर बांग्लादेश के ख़िलाफ़ T20I दल में भी उन्हें जगह मिली।
फ़िलहाल न्यूज़ीलैंड की टीम भारत के टेस्ट दौरे पर है और शुरुआती दो मैचों के लिए राणा इस सीरीज़ में भी भारत के रिज़र्व खिलाड़ियों में शामिल थे। अब राणा को सीधे बुलावा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के लिए आया है और वह पहली बार भारत के मुख्य टेस्ट दल में शामिल हुए हैं।
अपने चयन पर बात करते हुए राणा ने कहा, "जब टीम की घोषणा हुई तभी मुझे पता चला कि मैं ऑस्ट्रेलिया जा रहा हूं। लेकिन मुझे संकेत मिल चुका था कि मेरा चयन ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए हो सकता है क्योंकि उन्होंने मुझे तैयारी करने के लिए टीम के साथ रखा हुआ था। ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चयनित होना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। मैं मैदान पर जिस तरह के प्रतिस्पर्धी रवैये के साथ क्रिकेट खेलना पसंद करता हूं, वह ऑस्ट्रेलिया से बहुत मिलता है। मेरे पिता का सपना है कि मैं इंग्लैंड के ख़िलाफ़ कभी लॉर्ड्स में टेस्ट खेलूं, लेकिन मुझे व्यक्तिगत रूप से ऑस्ट्रेलिया अधिक पसंद है। मुझे ख़ुद पर गर्व है कि मेरा नाम इस दौरे के लिए आया।"
फ़िलहाल राणा ऑस्ट्रेलिया दौरे की तैयारियों पर लग गए हैं। पुणे टेस्ट से पहले जब उन्हें भारतीय टीम से रिलीज़ किया गया, तो उन्होंने दिल्ली वापसी कर दिल्ली और असम के बीच जारी रणजी मैच में भाग लिया और अब वह पहली पारी में पंजा खोल चुके हैं। यह प्रथम श्रेणी मैचों में उनका सिर्फ़ दूसरा 5-विकेट हॉल है, जबकि दूसरे दिन के खेल की समाप्ति पर वह बल्लेबाज़ी में भी 15 रन बनाकर नाबाद हैं।
शनिवार को जब उन्हें नई गेंद मिली तब उन्होंने शुरुआती तीन बल्लेबाज़ों को अपनी स्विंग होती गेंदों से विकेट के पीछे कीपर या स्लिप में कैच कराया, वहीं जब गेंद पुरानी हुई तो लेंथ को पीछे करते हुए राउंड द विकेट आकर शॉर्ट गेंदों के साथ निचले क्रम के बल्लेबाज़ों को निशाना बनाया। हालांकि राणा को पता है कि ऑस्ट्रेलिया में उनके लिए सही लेंथ पकड़ने की चुनौतियां अलग ही होंगी और उन्हें इसके लिए अपने सीनियर गेंदबाज़ों से ज़रूरी टिप्स भी मिले हैं।
राणा ने बताया, "अभी जब मैं भारतीय टीम के साथ था, तो जस्सी (जसप्रीत बुमराह) और (मोहम्मद) सिराज भैया से लगातार बात करता रहता था कि अगर किसी दिन मुझे वहां (ऑस्ट्रेलिया में) खेलने का मौक़ा मिलता है, तो मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? वहां कौन सी लेंथ सही होगी और कौन सी नहीं? दोनों गेंदबाज़ों से मुझे इन सब चीज़ों का आइडिया मिला है और उनसे बात करके मुझे बहुत मदद मिली है।"
हालांकि राणा के लिए भारतीय कैंप में रहने का सबसे बड़ा लाभ विराट कोहली और रोहित शर्मा को नेट्स में गेंदबाज़ी करना था। राणा के मुताबिक इससे उनके करियर को बहुत लाभ मिलने वाला है।
वह कहते हैं, "इन दोनों खिलाड़ियों को नेट्स में गेंदबाज़ी कर बहुत अच्छा लगता है क्योंकि वे नेट्स पर भी उसी इंटेंट से करते हैं, जैसे वो मैच में खेल रहे हों। वहां आपको ग़लती करने की कोई गुंजाइश नहीं होती या फिर वहां आप बहुत साधारण नहीं कर सकते हो। मेरी विराट (कोहली) भैया और रोहित (शर्मा) भैया से बात भी हुई, तो उन्होंने बस मुझे अपने लेंथ पर फोकस करने को बोला है और मैं उसी चीज़ को यहां पर ट्राई कर रहा हूं।"
राणा के लिए भारतीय टीम के गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मॉर्केल की सलाह भी बहुत काम आने वाली है, जिन्होंने राणा को बताया है कि हर एक बोलिंग सेशन का एक निश्चित और विशेष उद्देश्य होना चाहिए, जिस पर वह गेंदबाज़ नेट्स के दौरान काम कर सके।
राणा ने बताया, "मोर्ने (मॉर्केल) हमारी गेंदबाज़ी का बहुत अधिक ख़्याल रखते हैं। वह गेंदबाज़ों के साथ पूरी तरह इन्वॉल्व रहते हैं और देखते रहते हैं कि नेट्स में कौन क्या कर रहा है। वह हमें बताते रहते हैं कि हमें अगली गेंद पर क्या करना है। यह एक बहुत अच्छी चीज़ है और फिर आपको भी आइडिया रहता है कि आपको अगली गेंद पर क्या करना चाहिए। वह मुझसे एक ही चीज़ बोलते हैं कि हर गेंदबाज़ को पता होना चाहिए कि वह हर एक अभ्यास सत्र से क्या हासिल करना चाहता है।"
फ़िलहाल राणा, भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के अधीन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भी उसी सफलता का स्वाद चखना चाहते हैं, जो उन्होंने IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के साथ प्राप्त किया है।
जैसा कि उन्होंने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा, "गंभीर भैया ने हमेशा मुझे बैक किया है और मुझे कोई भी चीज़ पूछना होता है, तो मैं हमेशा उनके पास जाता हूं और उनसे बात करता हूं और वह हमेशा मुझे सही मार्गदर्शन देते हैं। उनके अंडर में मैं IPL में भी बहुत ग्रो हुआ हूं और उन्होंने मुझे बहुत चीज़ें सिखाई हैं।"