मैच (18)
ZIM vs SA (1)
TNPL (2)
MLC (3)
ENG-W vs IND-W (1)
County DIV1 (5)
County DIV2 (4)
Blast Women League 2 (2)
फ़ीचर्स

कैसे अनकैप्ड भारतीय ऑलराउंडर सलोनी डंगोरे CPL तक पहुंचीं

सलोनी को अब तक भारतीय टीम का कैप नहीं मिला है, WPL में भी उन्होंने हिस्सी नहीं लिया है लेकिन इसके बावजूद उन्हें TKR की टीम में चुना गया है

Hemant Brar
हेमंत बराड़
29-Jun-2025 • 6 hrs ago
Salonee Dangore bowls, 2021

सलोनी डांगोरे ने अपने करियर की शुरुआत मध्य प्रदेश से की थी  •  MPCA

अपने देश की घरेलू लीग खेले बिना किसी विदेशी T20 लीग में चुना जाना बेहद दुर्लभ है। लेकिन सलोनी डंगोरे ने यह कर दिखाया जब उन्होंने त्रिबागो नाइट राइडर्स के साथ 2025 विमेंस कैरेबियन प्रीमियर लीग के लिए करार किया।
लेगस्पिन गेंदबाज़ और ऑलराउंडर डंगोरे TKR के लिए चार विदेशी खिलाड़ियों में से एक हैं। अन्य तीन में लिज़ेल ली, शिखा पांडे और जेस जोनासन शामिल हैं। डंगोरे पिछले दो WPL सीज़न में दिल्ली कैपिटल्स के लिए नेट बॉलर रही हैं। यह वहीं फ्रेंचाइज़ी है, जिसमें पांडे और जोनासन भी खेलती हैं। मुमकिन है कि इन्हीं दोनों ने उन्हें क़रीब से देखकर टीम मैनेजमेंट को सुझाव दिया हो।
डंगोरे का क्रिकेटिंग सफ़र उतना ही अनोखा है जितना उनका CPL चयन। बचपन में वह राष्ट्रीय स्तर की एथलीट थीं और क्रिकेट में उनकी कोई रुचि नहीं थी। 2015 तक तो उन्हें लेगस्पिन के बारे में भी जानकारी नहीं थी।
उन्होंने ESPNcricinfo से बातचीत में बताया, "स्कूल में मैं बहुत तेज़ दौड़ती थी। स्पोर्ट्स टीचर ने कहा कि एथलेटिक्स को करियर बनाओ। मैं 100 मीटर, 200 मीटर, लॉन्ग जंप और ट्रिपल जंप करती थी। अंडर-14 और अंडर-17 स्तर पर मैंने इन सभी स्पर्धाओं में मध्य प्रदेश का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया।"
करीब 17 साल की उम्र में खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी जोसे चाको ने उनकी मां को सलाह दी कि बेहतर मौक़ों के लिए सलोनी को क्रिकेट में भेजा जाए। इसके बाद डंगोरे ने इंदौर में रणजी खिलाड़ी सुनील लाहौर की अकादमी में दाखिला लिया। चूंकि कॉलोनी में लड़के लंबे रनअप से गेंदबाज़ी करते दिखते थे, तो डांगोरे ने तेज़ गेंदबाज़ बनने की कोशिश की। लेकिन लाहौर ने उनकी कुछ गेंदें देखने के बाद उन्हें लेगस्पिन आज़माने को कहा।
करीब दो साल की ट्रेनिंग के बाद डांगोरे ने रमेश भाटिया क्रिकेट फाउंडेशन (RBCF) ज्वाइन किया। ट्रैक एंड फ़ील्ड की पृष्ठभूमि की वजह से उनकी फ़ील्डिंग बेहतरीन थी, लेकिन लेगब्रेक गेंदों पर नियंत्रण मुश्किल था। हालांकि अब वह गेंद को मिडल और लेग स्टंप पर फेंककर नियमित रूप से ऑफ़ स्टंप पर टर्न करा लेती हैं।
उन्होंने बताया, "मैं शेन वॉर्न से प्रेरित थी। जिस तरह वो गेंद को टर्न कराते थे, वह अदभुत था। मैं उनकी वीडियो स्लो मोशन में देखती थी ताकि समझ सकूं कि वह ऐसा कैसे करते हैं।"
"RBCF में मेरे कोच संजय चौबे सर और हिमांशु वैरागी सर ने मेरी आर्म अलाइनमेंट सुधारने में काफ़ी मदद की। मेहनत तो बहुत लगी, लेकिन आख़िरकार मैं गेंद को टर्न कराने में सफल रही।"
डंगोरे ने मध्य प्रदेश के लिए 2017-18 सीज़न में डेब्यू किया। दो साल बाद वह वनडे ट्रॉफ़ी में टीम की सबसे कामयाब गेंदबाज़ (8 मैच, 14 विकेट, औसत 11.50) और तीसरी सबसे सफल बल्लेबाज़ (130 रन, औसत 32.50) रहीं, लेकिन कोविड के चलते टूर्नामेंट बीच में रद्द हो गया।
"मैं शेन वॉर्न से प्रेरित थी। वह जिस तरह से गेंद को टर्न कराते थे, वह अदभुत था। मैं उनकी वीडियो स्लो मोशन में देखती थी ताकि समझ सकूं कि वह ऐसा कैसे करते हैं।"
2022 में उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट आया, जब मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (MPCA) ने पूर्व भारतीय लेगस्पिनर नरेंद्र हिरवानी को एक कैंप के लिए बुलाया। डंगोरे कहा, "उन्होंने मेरी सोच ही बदल दी। उन्होंने कहा, 'आप वही कर सकते हैं जो आप सोचते हैं। इसलिए सोचो कि तुम दुनिया की सबसे अच्छी लेगस्पिनर हो।' आज भी यह बात मेरे मन में बसी हुई है और गेंदबाज़ी करते वक़्त आत्मविश्वास देती है।"
इसके कुछ समय बाद RBCF ने भी हिरवानी को अपने यहां बुलाया। तब से लेकर अब तक डंगोरे कई बार उनके साथ ट्रेनिंग कर चुकी हैं।
"सर ने मुझसे कहा कि गेंद थोड़ी तेज़ फेंकने की कोशिश करो। तो फिलहाल मैं यही कर रही हूं। टर्न के साथ-साथ गति भी बढ़ाने पर काम कर रही हूं। इसके अलावा स्लाइडर और गूगली पर भी मेहनत कर रही हूं।"
बैटिंग की बात करें तो डंगोरे की कोशिश है कि वह पावर-हिटिंग और स्ट्राइक रोटेशन में बेहतर बनें ताकि वह स्थिति में टीम के लिए योगदान दे सकें।
दिल्ली कैपिटल्स के साथ बिताया गया समय भी उनके लिए काफ़ी मददगार साबित हुआ। इस बार में उन्होंने कहा, "पहले साल सिर्फ़ दो नेट बॉलर थे - [वीजे] जोशीता और मैं…मैं जेस जोनासन के साथ बॉलिंग करती थी और उनसे पूछती थी कि क्या सुधार करूं, किस स्थिति में क्या डालूं। उन्होंने जो-जो बताया, मैं उस पर काम करती रही।"
इसके साथ ही डंगोरे को यह भी समझ आया कि अगर घरेलू क्रिकेट में खु़द को साबित करना है तो ज़िम्मेदारी खुद ही उठानी होगी। इसी वजह से उन्होंने 2024-25 सीज़न से पहले छत्तीसगढ़ की टीम में जाने का फ़ैसला किया।
T20 ट्रॉफ़ी में उन्होंने छह मैचों में सिर्फ़ दो विकेट लिए, लेकिन वनडे टूर्नामेंट में 15 विकेट लेकर वह छत्तीसगढ़ की सबसे सफल गेंदबाज़ बनीं। उन्होंने 12.00 की औसत से यह विकेट चटकाए। बल्ले से भी उन्होंने 144 रन बनाए और टीम की दूसरी सबसे सफल बल्लेबाज़ रहीं।
दिसंबर 2024 के बाद से वह किसी प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट में नहीं खेली हैं, लेकिन एक और WPL नेट स्टिंट के बाद अब पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि CPL में हर टीम सिर्फ़ तीन विदेशी खिलाड़ी ही प्लेइंग इलेवन में शामिल कर सकती है, तो क्या उन्हें खेलने का मौक़ा मिलेगा?
इसके जवाब में वह कहती हैं, "मैं इस बारे में ज़्यादा नहीं सोच रही क्योंकि यह मेरे हाथ में नहीं है। जब भी मौक़ा मिलेगा, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं। वैसे भी वहां (गयाना में) पिचें स्पिनर्स के मुफ़ीद रहती हैं।"
डंगोरे ने श्रेयंका पाटिल का उदाहरण दिया - जिन्हें 2023 में CPL के लिए चुना गया था, तब वह भी अनकैप्ड थीं। हालांकि पाटिल ने उससे पहले पूरा WPL सीज़न खेला था। पाटिल ने CPL में पांच मैचों में सबसे ज़्यादा नौ विकेट लिए थे।
डंगोरे ने कहा, "मैं भी ऐसा ही असर छोड़ना चाहती हूं। चाहे गेंद से हो या बल्ले से - जब भी टीम को मेरी ज़रूरत हो, मैं मैच जिताने वाली खिलाड़ी बनना चाहती हूं। उम्मीद है कि यह मौका मेरे लिए और दरवाज़े खोलेगा।"