मिचेल स्टार्क फ़िलहाल वनडे को अलविदा नहीं कहेंगे
हालांकि स्टार्क ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि वह अगले वनडे विश्व कप का हिस्सा नहीं होंगे
ऐंड्र्यू मक्ग्लैशन
13-Nov-2023
स्टार्क अगले विश्व कप के दौरान 37 वर्ष के हो चुके होंगे • Associated Press
मिचेल स्टार्क ने इस बात के संकेत तो दे दिए हैं कि इस विश्व कप के नॉक आउट मुक़ाबले उनके वनडे करियर के अंतिम मैच नहीं होंगे लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि वह ज़्यादा से ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने के लिए पहले वनडे क्रिकेट को ही अलविदा कहेंगे।
वनडे अंतर्राष्ट्रीय में अब तक 230 विकेट ले चुके 33 वर्षीय स्टार्क ने यह भी साफ़ कर दिया है कि वह आगामी विश्व कप का हिस्सा नहीं होंगे। 2027 में होने वाले विश्व कप के दौरान स्टार्क 37 वर्ष के हो चुके होंगे।
ऑस्ट्रेलिया को अगले साल फ़रवरी महीने में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ वनडे खेलने हैं और इसके बाद सितंबर में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया को वनडे में दो दो हाथ करने हैं। 2025 में पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफ़ी भी खेली जानी है।
स्टार्क ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, "मैं इसके बाद भी खेलना जारी रखूंगा लेकिन मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि मैं अगला विश्व कप नहीं खेलूंगा। मैं अगला विश्व कप खेलने की सोच भी नहीं रहा। मैं टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले अन्य प्रारूपों से संन्यास लूंगा। सेमीफ़ाइनल हमारे लिए किसी एक अन्य मैच की तरह है और मैं इसके बाद भी वनडे क्रिकेट मेरे लिए समाप्त नहीं होगा।"
स्टार्क की कोशिश यही होगी कि वह गुरुवार को साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाएं। पिछले दो विश्व कप की तुलना में ऑस्ट्रेलिया का इस विश्व कप में प्रदर्शन संघर्षपूर्ण ही रहा है। स्टार्क ने इस विश्व कप में 43 से अधिक के औसत और 6.55 की इकोनॉमी रेट से रन ख़र्च करते हुए 10 विकेट लिए हैं। हालांकि स्टार्क का मानना है कि वह इस विश्व कप में इकलौते गेंदबाज़ हैं जिसके लिए यह टूर्नामेंट चुनौतीपूर्ण रहा है।
स्टार्क ने कहा, "मैं निश्चित तौर पर उस स्तर पर गेंदबाज़ी नहीं कर रहा जैसा कि पिछली दो विश्व कप के दौरान कर रहा था लेकिन अब एक बार फिर प्रभाव छोड़ने का सुनहरा अवसर है। नई गेंद के साथ तीस ग़ज़ के दायरे के बाहर केवल दो फ़ील्डर के साथ गेंदबाज़ी करना कठिन है। खेल की प्रगति के साथ ही आप विकेट के नेचर को भांप पाते हैं और यही वनडे क्रिकेट की प्रवृति भी है। दो नई गेंदों के साथ गेंदबाज़ी करनी होती है, ऐसे में अगर आप इस विश्व कप में बनाए गए रन या ख़ासकर शतकों के साथ पांच विकेटों की तुलना करेंगे और आपको बड़ा अंतर नज़र आएगा।"
ऐंड्र्यू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo के डिप्टी एडिटर हैं।