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सवाल 320 अरब रुपयों का : आईसीसी मीडिया राइट्स सरल शब्दों में

आईसीसी को उम्मीद है कि निलामी के दौरान प्रसारक बढ़िया रक़म ख़र्च कर सकते हैं

A look at the TV broadcast room during a World T20 match, Hong Kong v Afghanistan, Group B, World T20, Nagpur, March 10, 2016

आईसीसी अगले आठ साल में 16 आयोजन पुरुष क्रिकेट के लिए और छह आयोजन महिला क्रिकेट के लिए करवाने वाला है  •  IDI/Getty Images

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) शुक्रवार से भारतीय बाज़ार में विभिन्न प्रसारकों के लिए अपने मीडिया अधिकार की बोली लगाने की प्रक्रिया को शुरू कर देगा। इस नीलामी के ज़रिए आईसीसी अगले चार या आठ सालों के लिए पुरुष और महिला क्रिकेट में होने वाले आयजनों के ज़रिए मीडिया अधिकार की बिक्री करेगा। आईपीएल के मीडिया अधिकार के लिए रिकॉर्ड बोली लगाई गई थी, इसी कारण से आईसीसी को भी उम्मीद होगी कि उनके मीडिया अधिकार के लिए भी उन्हें अच्छी रक़म मिलने वाली है।
हालांकि मुझे इससे क्या, मुझे तो बस अपनी टीम का मैच देखना है…
क्योंकि, आख़िरकार इन मीडिया अधिकारों से मिलने वाला पैसा उस धन का एक हिस्सा बनता है जो अमीरों (भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया) को और अमीर बनाता है लेकिन इससे और छोटे देशों में खेल के वाणिज्य भी जीवित रखता है। इसलिए यदि आप इसकी परवाह करते हैं, तो आपको इसके बारे में जानना चाहिए।
ठीक है..समझ गया, अब अच्छे से बताओ कि नीलामी किस चीज़ की हो रही है। मतलब उसमें कौन सी सीरीज़ या मैच शामिल होंगे?
2023 से 2031 तक आईसीसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन करने वाला है। इसमें 16 आयोजन पुरुष क्रिकेट के लिए और छह आयोजन महिला क्रिकेट के लिए होने वाले हैं, जिसमें विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफ़ी, अंडर 19 विश्व कप इत्यादि शामिल है। आसान शब्दों में कहें तो आईसीसी जिन भी प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है, वे सब इसमें शामिल हैं।
टीवी और मोबाइल के लिए एक ही पैकेज है या अलग-अलग?
इसमें दोनों शामिल हो सकते हैं। आप सिर्फ़ टीवी का भी मीडिया राइट्स ले सकते हो या फिर दोनों ले सकते हो, जिसमें डिजिटल (मोबाइल और टैबलेट) और टीवी के पैकेज साथ-साथ होंगे। आईसीसी ने पहली बार इस तरह का पैकेज जारी किया है। पहले क्या होता था कि सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी को टीवी अधिकार दे दिए जाते थे। अब टीवी के लिए अलग, डीजिटल के लिए अलग या फिर एक ऐसा पैकेज होगा जिसमें दोनों के लिए बोली लगाई जा सकती है। ये तीनों मीडिया अधिकार चार साल या आठ साल के लिए बेचे जाएंगे। मान लीजिए कि कोई पैकेज सिर्फ़ चार सालों के लिए बिका तो अगले चार सालों के लिए आईसीसी द्वारा निर्धारित समय पर फिर से कुछ समय बाद बोली लगाई जाएगी।
ऐसे में मामला पेंचिदा हो जाएगा?
चार मुख्य प्रसारकों का भी ठीक यही विचार है। वे इससे नाराज़ भी हैं और नीलामी से पहले आईसीसी द्वारा आयोजित कराए गए कुछ प्रशिक्षण सत्रों में वे शामिल भी नहीं हुए। उन प्रशिक्षण सत्रों आईसीसी बोली लगाने वाली कंपनियों को ट्रेनिंग दे रहा था कि बोली लगाने के क्या-क्या नियम है और यह कैसे आगे बढ़ेगा।
पेंच कहां फंसा है, समझ आया?
इस नोंक-झोक के बाद क्या हुआ?
चार प्रसारकों ने अंततः आगे बढ़कर बोली लगाई। कुछ रिपोर्टों के अनुसार वे जो स्पष्टता चाहते थे, उन्हें वह दी गई थी। उदाहरण के लिए, टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रसारकों को बताया गया है कि यदि कोई बोली उच्चतम बोली के 10% के भीतर होती है तो यह बोली के दूसरे दौर की नीलामी में प्रवेश कर सकती है।
पूर्व-निर्धारित गुणक के बारे में भी कुछ और जानकारी भी मिली है, जिसका उपयोग चार साल की बोली के ख़िलाफ़ आठ साल की बोली के संदर्भ में न्याय करने के लिए किया जाएगा। आईसीसी दोनों कार्यकालों के लिए सर्वोत्तम बोलियों को देखेगा और फिर दोनों के बीच के अनुपात को देखेगा, इसकी तुलना गुणक से करेगा। आईसीसी द्वारा निर्धारित गुणक संभवत: 2.8 रखा गया है। अगर आठ साल के लिए अनुपात गुणक से अधिक है तो आईसीसी आठ साल की बोली के लिए विजेता का चयन करेगी। अनुपात कम होने पर चार वर्ष की उच्चतम बोली का चयन किया जाएगा।
रूको, रूको, रूको, क्या गुणक, क्या अनुपात.. कुछ पल्ले नहीं पड़ा…
ठीक है। एक उदाहरण से समझो। यदि चार साल की सबसे अच्छी संख्या 100 है और आठ साल की सबसे अच्छी संख्या 270 है, तो अनुपात 2.7 (270/100) है। यह आईसीसी द्वारा निर्धारित 2.8 गुणक से कम है। इसलिए इस मामले में आईसीसी चार साल के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी के साथ जाएगी। हालांकि अगर चार साल के लिए सबसे अच्छी बोली 100 है और आठ साल के लिए सबसे ऊंची बोली 300 है, तो 3 के अनुपात का मतलब है कि आईसीसी आठ साल के लिए सबसे ऊंची बोली चुनेगी।
क्या इसका मतलब यह है कि आईपीएल की तरह ई-नीलामी भी हो सकती है?
यदि दूसरी सर्वोत्तम बोली, सर्वोत्तम बोली के 10% के भीतर है, तो ई नीलामी हो सकती है। हालांकि पहले दौर की बोली सीलबंद पद्धति साथ लगाई जाएगी। आईसीसी का यह भी तर्क है कि उनके अधिकारों की पेशकश की असंबद्ध प्रकृति का मतलब है कि यह एक साधारण ई-नीलामी प्रक्रिया के लिए बहुत जटिल है।
आईसीसी सबसे पहले भारतीय बाज़ार में ही क्यों नीलामी करवा रहा है?
संक्षेप में इसका कारण सिर्फ़ पैसा हो सकता है। भारत क्रिकेट का सबसे बड़ा बाज़ार है। साथ ही आईपीएल के अधिकारों ने साबित किया है कि भारतीय प्रसारक क्रिकेट के मीडिया अधिकार के लिए बड़ी बोली लगा सकते हैं। आईसीसी इस विश्वास पर भरोसा कर रहा है कि चूंकि दो अलग-अलग प्रसारकों (डिज़्नी स्टार और वायकॉम) ने आईपीएल के अगले पांच साल के चक्र के लिए क्रमशः टीवी और डिजिटल अधिकार जीते हैं। इसलिए अन्य प्रतिभागी दूसरे सबसे बड़े अधिकार हासिल करने के लिए आक्रामक रूप से बोली लगाएंगे।
आईसीसी भारतीय बाज़ार से कितनों पैसों की उम्मीद कर रहा है?
ऐसा कुछ तय नही हुआ है। हालांकि पिछले चक्र में आईसीसी ने अपने अधिकार केवल $2 बिलियन अमरीकी डालर (करीब 159 अरब) से अधिक में बेचे थे। हालांकि तब का मामला अलग था और अब अलग है। माना जाता है कि आईसीसी के दिमाग में एक बेंचमार्क आंकड़ा है - चार साल के सौदे के लिए 1.44 बिलियन अमरीकी डालर का (करीब 115 अरब) और आठ के लिए 4 बिलियन डॉलर (करीब 319 अरब)। यह पिछले सौदे से दोगुना है। हालांकि यह बोली से इससे कही अधिक पैसों की लगाई जा सकती है।
ऐसा नहीं है कि केवल प्रसारण के तरीक़े और पिछले चक्र के बाद से डिजिटल परिदृश्य में बदलाव के कारण उम्मीदें बढ़ी हैं। पिछले आठ साल के चक्र में छह पुरुष इवेंट थे, जबकि अगले चक्र में हर साल एक आईसीसी प्रतियोगिता होगी। आठ में से छह प्रतियोगिता भारतीय समय क्षेत्र में आती हैं। इसके अलावा भारत तीन पुरुषों के आयोजन की मेज़बानी करेगा। अगले चक्र में आठ में से चार कार्यक्रम दीपावली जैसे त्योहारी सीज़न के दौरान आयोजित होंगे, जब भारतीय बाजार आमतौर पर ख़र्च करने के मूड में होता है।
इसके इतर महिलाओं की प्रतियोगिता के मीडिया अधिकार के लिए आवश्यक रूप से उच्चतम बोली विजेता की गारंटी नहीं होगी। आईसीसी सही ब्रॉडकास्टिंग पार्टनर खोजने का इच्छुक है जो विश्व स्तर पर महिला क्रिकेट को बढ़ावा दे सके। सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी मीडिया राइट्स एडवाइजरी ग्रुप के सामने एक प्रेजेंटेशन देंगे, जो विशेष रूप से यह दिखाने के लिए है कि उनका उद्देश्य महिला क्रिकेट को बढ़ने में कैसे मदद करेगा।
*डिज्नी स्टार और ईएसपीएनक्रिकइंफो वॉल्ट डिज्नी कंपनी का हिस्सा हैं

अनुवाद Espncricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।