टी-20 विश्व कप के आयोजन को यूएई में स्थानांतरित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का झुकाव लगातार बढ़ता जा रहा है। यही नहीं आईसीसी यूएई सहित और भी मध्य पूर्व के कई देशों की तरफ नज़रे गड़ाए हुए है ताकि यूएई के साथ ओमान जैसे देशों को सह-मेज़बान बनाया जा सके।
ज्ञात हो कि भारतीय बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली से अनुरोध प्राप्त करने के बाद मंगलवार को आईसीसी ने बीसीसीआई को यह तय करने के लिए 28 जून तक का समय दिया है कि भारत टी-20 विश्व कप की मेज़बानी कर सकता हैं या नहीं। हालांकि आईसीसी ने कहा है कि भले ही यूएई टूर्नामेंट की मेज़बानी करेगा लेकिन बीसीसीआई का मेज़बानी का अधिकार (होस्टिंग राइट्स) बरकरार रहेगा।
आईसीसी ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "आईसीसी बोर्ड ने अपने प्रबंधन से पुरूष T20 वर्ल्ड कप-2021 के लिए अपने आयोजन प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया है। इसका आयोजन यूएई और पड़ोस के मध्य पूर्वी देशों में कराया जा सकता है। मेज़बान देश पर एक अंतिम निर्णय इस महीने के अंत में लिया जाएगा।" बोर्ड ने यह भी पुष्टि की कि बीसीसीआई इस आयोजन का मेज़बान बना रहेगा, भले ही यह आयोजन कहीं भी हो।
29 मई को गांगुली ने एक विशेष आम सभा की बैठक में बीसीसीआई के सदस्यों से कहा था कि बोर्ड यह तय करने के लिए आईसीसी से अतिरिक्त समय मांगेगा कि भारत टी-20 विश्व कप की मेज़बानी करने में सक्षम है या नहीं।
भारत में कोविड-19 महामारी सबसे बड़ी चिंता का विषय है। देश अभी कोरोना के दूसरे लहर से जूझ रहा है। टी-20 विश्व कप अक्टूबर के मध्य से 14 नवंबर के बीच खेला जाने वाला है। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ सर्दियों के दौरान तीसरी लहर की भविष्यवाणी कर रहे हैं। वर्तमान में भारत सबसे अधिक संक्रमण वाले देशों की सूची में संयुक्त राज्य अमेरिका से बस थोड़ा ही पीछे है।
कई देशों ने भारत में आने-जाने पर रोक लगा दी है। हाल ही में दिल्ली और अहमदाबाद में खेले जा रहे आईपीएल मैचों के दौरान कई खिलाड़ियों को कोविड हो गया था, जिसके कारण बाकी बचे आईपीएल के मैचों को रद्द करना पड़ा था।
टी-20 विश्व कप के लिए बीसीसीआई ने शुरुआत में नौ जगहों का प्रस्ताव रखा था। आईसीसी की एक टीम को अप्रैल के अंत में भारत में आयोजन स्थलों के निरीक्षण दौरे के लिए आना था लेकिन महामारी की दूसरी लहर के कारण आईसीसी को अपनी योजनाओं को रद्द करना पड़ा। अगर देखा जाए तो इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि कई टीमें इस बात को लेकर घबराई हुई है कि महामारी के दौरान उन्हें काफी यात्रा करना पड़ेगा जिसके कारण बॉयो बबल टूट सकता है। यात्रा को आईपीएल के दौरान बॉयो बबल टूटने का एक कारण बताया गया था।
बीसीसीआई के लिए एक और चिंता का विषय है जो काफी लंबे समय से चली आ रही है। वैश्विक टूर्नामेंट की मेज़बानी के लिए भारत सरकार से आईसीसी ने टैक्स दर में छूट की गुजारिश की थी। इस मामले में बीसीसीआई अभी भी भारत सरकार से किसी तरीके की ठोस बातचीत नहीं कर पाया है। बीसीसीआई को टी-20 विश्व कप की मेज़बानी से प्राप्त होने वाले अनुमानित राजस्व से लगभग 43% टैक्स का भुगतान भारत सरकार को करना होगा, जो लगभग 900 करोड़ रुपये होंगे।
बीसीसीआई को जून के मध्य तक टैक्स छूट पर आईसीसी को अंतिम जवाब देना है। टी20 विश्व कप में केवल पांच महीने शेष हैं। विशेष रूप से आईसीसी अधिक चिंतित है क्योंकि अगर टूर्नामेंट भारत में आयोजित किया जाता है और फिर किन्हीं कारणों से आईपीएल की तरह उसका निलंबन होता है तो उनके पास टूर्नामेंट पूरा करने के लिए समय निकाल पाना बहुत मुश्किल होगा।
माना जाता है कि मंगलवार को आईसीसी बोर्ड की बैठक में शामिल हुए 16 निदेशकों में से कुछ ने गांगुली से पूछा था कि एक महीने में भारत में चीजें कैसे बदल जाएंगी। इस बात पर गांगुली ने कहा कि भारत में कोविड की स्थिति दिन प्रतिदिन दिन बेहतर होती जा रही है। हमें मिली जानकारी के अनुसार, बोर्ड के अधिकांश सदस्य मंगलवार को ही विश्व कप को स्थानांतरित करने को मंज़ूरी देने के इच्छुक थे।
बीसीसीआई भी कोरोना संक्रमण के खतरे को समझ रहा है। यही वजह है कि उसका शीर्ष नेतृत्व सोमवार को दुबई में अमीरात क्रिकेट बोर्ड और स्थानीय सरकार के साथ आईपीएल और संभावित टी-20 विश्व कप को यूएई में स्थानांतरित करने के बारे में चर्चा करने के लिए गया हुआ था।
दोनों टूर्नामेंट अगर संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित किए जाते हैं तो तीन मैदानों पर दो महीने की अवधि में कुल 76 मैच खेले जाएंगे। दुबई,अबू धाबी और शारजाह में पिचों को ध्यान में रखते हुए, आईसीसी शायद ओमान को सह-मेजबान के लिए तैयार कर सकता है।
नागराज गोलापुड़ी ईएसपीएन क्रिकइंफ़ो में न्यूज़ एडिटर हैं। इस स्टोरी का अनुवाद ईएसपीएन क्रिकइंफ़ो के सब एडिटर राजन राज ने किया है।