इशान किशन आगामी बुची बाबू ट्रॉफ़ी में झारखंड का नेतृत्व करेंगे। यह टूर्नामेंट 15 अगस्त से तमिलनाडु में शुरू होने वाला है। किशन पहले झारखंड की टीम में संभावित खिलाड़ियों की सूची में शामिल नहीं थे लेकिन अब वह बुधवार को झारखंड की टीम के साथ जुड़ने के लिए तैयार हैं।
किशन के इस फ़ैसले को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनकी वापसी की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। ESPNcricinfo को मिली जानकारी के मुताबिक़ किशन ने झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) को अपने इस फ़ैसले के बारे में बताया और फिर उन्हें टीम में शामिल किया गया।
अब इस बात की भी उम्मीद जताई जा रही है कि किशन 2024-25 के रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न का भी हिस्सा होंगे। उन्होंने अपना पिछला घरेलू मुक़ाबला दिसंबर 2022 में खेला था। 2023-24 के रणजी सीज़न के अंतिम के दिनों में उन्होंने ख़ुद को घरेलू क्रिकेट से दूर रखने का फ़ैसला किया था। किशन का यह फ़ैसला उन्हें काफ़ी भारी पड़ा था। इसके कारण BCCI ने उन्हें वार्षिक कॉन्ट्रेक्ट का हिस्सा नहीं बनाया था।
JSCA के एक पदाधिकारी ने कहा, "किशन की क्षमता को लेकर कभी कोई सवाल ही नहीं था। यहां पूरा मामला इस बात पर निर्भर था कि वह टीम में लौटने के लिए तैयार हैं या नहीं। और यह निर्णय पूरी तरह से उनके हाथ में था। जब उन्हें प्रारंभिक खिलाड़ियों की सूची में शामिल नहीं किया गया था, तो यह केवल इसलिए था क्योंकि हमें उन्होंने अपने शामिल होने के बारे में नहीं बताया था। जिस क्षण उन्होंने टीम में वापस लौटने की इच्छा व्यक्त की, उन्हें टीम में शामिल कर लिया गया।"
रेड-बॉल क्रिकेट में किशन की वापसी ऐसे समय में हुई है, जब भारत एक लंबे टेस्ट सीज़न की ओर बढ़ रहा है। अगले पांच महीनों में भारत 10 टेस्ट मैच खेलने वाला है। हालांकि किशन के लिए टीम में वापसी करना कहीं से भी आसान नहीं होने वाला है। किशन ने पिछले साल भारत के वेस्टइंडीज़ दौरे के दौरान टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। उस समय टीम के नियमित विकेटकीपर ऋषभ पंत दिसंबर 2022 में एक कार दुर्घटना के दौरान लगी चोटों से उबर रहे थे।
जुलाई 2023 में उस वेस्टइंडीज़ दौरे का दूसरा टेस्ट, किशन का आख़िरी टेस्ट मैच था। उन्हें 2023-24 के साउथ अफ़्रीका दौरे के लिए भी टेस्ट टीम में चुना गया था, लेकिन उन्होंने मानसिक थकान का हवाला देते हुए, ख़ुद को टीम से रिलीज़ करने का अनुरोध किया था।
वह इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पांच टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज़ के दौरान टेस्ट टीम में वापसी कर सकते थे, लेकिन चयनकर्ताओं को उन्होंने सूचित किया कि वह इस सीरीज़ के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बाद केएस भरत और ध्रुव जुरेल को टीम में शामिल कर लिया गया।
उस दौरान उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी में भी हिस्सा नहीं लिया। चयनकर्ता इस बात से बिल्कुल भी ख़ुश नहीं थे। और एक बात यह भी है कि चयनकर्तानों के इनपुट से ही BCCI केंद्रीय अनुबंध की सूची तैयार करता है। शायद उसी कारण से किशन को अपना केंद्रीय अनुबंध भी गंवाना पड़ा। उस समय किशन रणजी ट्रॉफ़ी में हिस्सा न लेकर अपने IPL कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ बड़ौदा में ट्रेनिंग कर रहे थे।
पंत अब फिर से खेलना शुरू कर चुके हैं और साथ ही ध्रुव जुरेल ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपने बैटिंग और कीपिंग से काफ़ी प्रभावित किया था। ख़ास कर के रांची में उनका प्रदर्शन काफ़ी अच्छा था, उसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच का भी ख़िताब दिया गया था।
इस साल की शुरुआत तक किशन के पास ग्रेड सी अनुबंध था। किशन ने 2023 में दो टेस्ट, 17 वनडे और 11 T20 मैच खेले। वह 2023 वनडे विश्व कप के फ़ाइनल तक भारतीय टीम का हिस्सा भी रहे और शुभमन गिल के बीमार पड़ने पर दो मैचों में शीर्ष क्रम पर बल्लेबाज़ी भी की।
घरेलू क्रिकेट से दूर रहने के दौरान अप्रैल में किशन ने कहा था, "जब आप ब्रेक लेते हैं तो लोग बहुत बातें करते हैं, सोशल मीडिया पर बहुत कुछ कहते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि सब कुछ खिलाड़ियों के हाथ में नहीं होता है। हम केवल ब्रेक का सबसे अच्छा उपयोग कर सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा था, " ऐसा कुछ नहीं है कि मैं किसी के सामने कुछ साबित करना चाहता हूं। मुझे बस मैदान पर जाकर खेल का आनंद लेना है। मैंने सीख लिया है कि आपको उन चीज़ों के कारण ख़ुद पर दबाव नहीं डालना चाहिए, जो आपके हाथ में नहीं हैं।"