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एक नैसर्गिक क्रिकेटर की दास्तां : मिलिए LSG के नए हरफ़नमौला अरशद ख़ान से

अरशद पिछले सीज़न में चोट की वजह से पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे

Arshad Khan (right) and his coach Abdul Kalam, April 2, 2023

अरशद ख़ान (दाएं) और उनके कोच अब्दुल कलाम  •  Arshad Khan

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ मुंबई इंडियंस जब मैदान में उतरी तो उसके सामने सबसे बड़ा सवाल जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति से गेंदबाज़ी आक्रमण में पनपी खाई को पाटने का था। मध्य प्रदेश के गोपालगंज, ज़िला सिवनी से अरशद ख़ान के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम के सिर्फ़ दरवाज़े ही नहीं खुले थे बल्कि मुंबई की कैप ने उनके असंख्य सपनों को उड़ान दे दी। अब यही अरशद इस साल शुक्रवार को दिल्‍ली कैपिटल्‍स के ख़‍िलाफ़ होने वाले मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए धमाल मचाने को तैयार हैं।
अरशद को मुंबई इंडियंस ने 2022 के मेगा ऑक्शन में 20 लाख रुपए की बेस प्राइस में ख़रीदा था। हालांकि अरशद मुंबई के लिए बिना कोई मैच खेले ही चोटिल हो गए और उनकी जगह पर कुमार कार्तिकेय को टीम में शामिल किया गया। किसी युवा खिलाड़ी के लिए इससे बड़ी टीस क्या होगी कि वह सपने की दहलीज़ पर पहुंचकर उसे वापस लौटने पर मजबूर होना पड़े? टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद वह वापस अपने घर सिवनी तो लौट गए लेकिन स्थानीय बच्चों को मुफ़्त में क्रिकेट की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया।
अरशद के कोच अब्दुल कलाम उनकी विनम्रता और कभी हार न मानने के जज़्बे की प्रशंसा करते हुए बताते हैं, "टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद अरशद काफ़ी निराश था। लेकिन शुरू से ही उसके भीतर एक ख़ास बात है कि वह कभी हार नहीं मानता। खेल के प्रति उसका जुनून इतना है कि वह सिवनी से जबलपुर में मैच खेलने के लिए वह 300 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए पहुंचता था। समय पर पहुंचने के लिए उसे रात के तीन बजे अपने घर से निकलना पड़ता था लेकिन इसके बाद भी एक मर्तबा भी ऐसा नहीं हुआ कि वह देरी से नहीं पहुंचा हो।"
2019-20 में हुए सीके नायडू टूर्नामेंट (अंडर-25 के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिता) में अरशद सर्वाधिक 36 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे और उन्होंने दस मैचों में 400 रन भी बनाए थे। असम के ख़िलाफ़ उन्होंने अपनी टीम के लिए अहम 134 रनों की पारी खेली थी। इसी टूरमामेंट में मुंबई के ख़िलाफ़ खेलते हुए उन्होंने 54 गेंदों में पांच छक्कों और नौ चौकों की मदद से धुआंधार 86 रनों की पारी खेली थी। अरशद जब बल्लेबाज़ी करने आए थे तब मध्य प्रदेश ने 112 रनों पर अपने सात विकेट गंवा दिए थे, इसके बाद उनकी पारी की बदौलत ही मध्य प्रदेश 229 के स्कोर पर पहुंचने में कामयाब हो गया। अरशद ने मुंबई के दो बल्लेबाज़ों को पवेलियन भी लौटाया था। मुंबई के ख़िलाफ़ अरशद का यह प्रदर्शन बताता है कि आख़िर क्यों मुंबई इंडियंस ने चोट के कारण पूरे सीज़न बाहर रहने के बावजूद मिनी ऑक्शन से पहले अरशद को रिटेन करने का फ़ैसला लिया होगा।
अरशद के बड़े भाई ज़कारिया बताते हैं, "शुरू से ही अरशद को चुनौतियों का सामना करना पसंद है। ऑक्शन से पहले हमें यह विश्वास था कि अरशद का चयन आईपीएल में हो जाएगा। जिस समय अरशद के ऊपर बोली लगी तब मैं और मेरे पिता मग़रीब की नमाज़ अता करने जा रहे थे लेकिन जब हम मस्जिद से घर लौटे तब तक घर पर उत्सव का माहौल बन चुका था। पूरा गांव अरशद और हमारे परिवार की इस खुशी में शरीक होने पहुंच गया था।"
अरशद के पिता अशफ़ाक ख़ुद भी सिवनी ज़िला क्रिकेट एसोसिएशन में कोच की भूमिका अदा कर चुके हैं और एक सेवानिवृत शिक्षक हैं। अरशद के पिता ने ही सबसे पहले उनके भीतर की प्रतिभा को पहचाना था।
अशफ़ाक कहते हैं, "वह नौ साल का रहा होगा। वह अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलते हुए लंबे लंबे छक्के लगा रहा था। इतनी कम उम्र में उसे पेशेवर क्रिकेटिंग शॉट्स खेलता देख ही मैंने मन ही मन यह ठान लिया था कि उसे एक पेशेवर क्रिकेटर बना कर ही दम लूंगा। इसके बाद मैं अरशद को अपने परिचित सिवनी ज़िला एसोसिएशन में कोच अब्दुल कलाम भाई के पास ले गया, जिन्होंने आगे उसकी प्रतिभा को तराशा।"
कलाम बताते हैं, "सिवनी ज़िला क्रिकेट की टीम के ट्रायल चल रहे थे। अशफ़ाक भाई अपने साथ अरशद को लेकर आए थे। अरशद को जब मैंने पुल और कट शॉट खेलते देखा तभी मुझे इस बात का आभास हो चुका था कि वह एक विलक्षण प्रतिभा का धनी है और ऐसी प्रतिभा का ज़ाया जाने देना न सिर्फ़ अरशद के साथ बल्कि क्रिकेट जगत के साथ नाइंसाफ़ी होगी।"
महज़ 11 वर्ष की उम्र में अरशद का चयन मध्य प्रदेश की अंडर-14 टीम में हो गया था। कलाम बताते हैं, "अरशद शुरुआत में बाएं हाथ का बल्लेबाज़ ही था। लेकिन जबलपुर में होशंगाबाद डिविज़न के ख़िलाफ़ मुक़ाबले में जबलपुर की टीम का कोई भी गेंदबाज़ असरदार साबित नहीं हो रहा था। जिसके बाद मैंने जबलपुर डिवीज़न क्रिकेट संघ के सचिव धर्मेश पटेल की सलाह पर अरशद को गेंद थमाई और उसने दो विकेट झटके। गेंद से उसे इनस्विंग और आउटस्विंग दोनों ही प्राप्त हो रही थी। एक वो दिन था और एक आज का दिन है, जिसके बाद अरशद ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।"
आईपीएल में प्रवेश करने से पहले अरशद फ़रवरी में हुए डीवाई पाटिल टी20 कप में रिलायंस 1 की तरफ़ से खेलकर आ रहे हैं। इस टीम की अगुवाई पीयूष चावला कर रहे थे, जिसमें तिलक वर्मा, कार्तिकेय और ऋतिक शौकीन भी खेल रहे थे।
पहले ही मैच में बीपीसीएल के ख़िलाफ़ अरशद ने किफ़ायती गेंदबाज़ी करते हुए दो विकेट झटके और दो महत्वपूर्ण रन आउट भी किए। हालांकि अपनी बल्लेबाज़ी का जौहर दिखाने का मौक़ा उन्हें डीवाई पाटिल ग्रुप बी के ख़िलाफ़ मुक़ाबले में मिला, जिस टीम का हिस्सा दिनेश कार्तिक भी थे। इस मुक़ाबले में अरशद ने हरफ़नमौला खेल दिखाते हुए पहली पारी में विपक्षी टीम के दो विकेट झटके और यह दोनों ही विकेट सलामी बल्लेबाज़ों (नौशाद शेख़ और प्रियम गर्ग) के थे। दूसरी पारी में दो छक्कों की मदद से उन्होंने 14 गेंदों में 22 रन बनाए। फ़ाइनल में अरशद ने तीन ओवर की गेंदबाज़ी की, जिसमें उन्होंने महज़ 18 रन खर्च करते हुए एक विकेट भी अपने नाम किया।
अरशद को खेलता देख उनकी मां आलिया के पास अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। उन्होंने कहा, "अरशद के पिता की तपस्या का ही परिणाम है कि वह आज इस मुक़ाम पर पहुंचा है। मुझे आज भी याद है उनका वेतन उस समय सिर्फ़ 15 हज़ार था लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अरशद को 16 हज़ार की क्रिकेट किट लाकर दी थी। बस यही दुआ है कि वह जल्द ही हमारे परिवार और अपने देश का नाम रौशन करे।"