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ढाका वापसी पर सरकार मुहैया करा सकती है शाकिब को सुरक्षा

हालांकि बांग्लादेश के खेल सलाहकार ने ताज़ा राजनीतिक हालात पर शाकिब से अपनी चुप्पी तोड़ने का आह्वान किया है

Shakib Al Hasan batted while biting a strap, India vs Bangladesh, 1st Test, 4th day, Chennai, September 22, 2024

शाकिब अल हसन अपना अंतिम टेस्ट ढाका में खेलना चाहते हैं  •  AFP/Getty Images

शाकिब अल हसन को बांग्लादेश वापसी पर बांग्लादेश की सरकार सुरक्षा मुहैया करा सकती है, हालांकि इसके एवज में शाकिब को बांग्लादेश के ताज़ा राजनीतिक हालात पर अपना रुख़ स्पष्ट करना होगा। यह शब्द बांग्लादेश के खेल सलाहकार आसिफ़ महमूद के हैं, जिन्होंने शाकिब से अपनी चुप्पी तोड़कर देश की जनता को ख़ुश करने का आह्वान किया है। महमूद ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान शाकिब की चुप्पी से बांग्लादेश में उनकी लोकप्रियता में गिरावट आई है।
शाकिब ने हाल ही में T20I से संन्यास की घोषणा करते हुए सुरक्षा मुहैया कराए जाने की स्थिति में अपना अंतिम टेस्ट घर पर खेलने की इच्छा जताई थी। गुरुवार को कानपुर में जब उनसे बांग्लादेश के नए राजनीतिक हालात के बारे में पूछा गया था तब उन्होंने इसे टाल दिया था। शाकिब आवामी लीग के सांसद थे, जिसकी सरकार छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन से गिर गई थी।
आंदोलन के बाद से ही आवामी लीग के कई मंत्री और सांसदों को हिरासत में लिया गया है। आंदोलन से जुड़े एक हत्या के मामले में नामज़द 146 लोगों में शाकिब का नाम भी शामिल है। शाकिब T20 वर्ल्ड कप के बाद से ही अब तक बांग्लादेश नहीं गए हैं। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जो टेस्ट सीरीज़ हुई थी, उसमें शाकिब सीधे पाकिस्तान में ही अपनी टीम के साथ मिले थे।
खेल सलाहकार महमूद ने कहा कि एक क्रिकेटर और एक राजनेता के रूप में शाकिब की दोहरी भूमिका जनता के गुस्से का कारण बना, और यहीं से सारी समस्याएं शुरू हुई।
उन्होंने कहा, "राज्य प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा देने के लिए बाध्य है। इसलिए हम स्पष्ट रूप से उन्हें सुरक्षा प्रदान करेंगे। शाकिब के मामले में, हमें यह याद रखना होगा कि उनकी दो पहचान हैं - क्रिकेटर और राजनेता। उन्होंने आम चुनावों में भाग लिया था अवामी लीग की ओर से उनकी दोनों पहचानों को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। अब हम खिलाड़ी शाकिब को उतनी ही सुरक्षा देंगे, जितना एक खिलाड़ी को दिया जाना चाहिए।
"जनता उनकी राजनीतिक पहचान के कारण उनसे नाराज हो सकती है। अगर देश की आधी आबादी मुझसे नाराज है, तो मेरे पास मौजूद पांच या छह सुरक्षाकर्मी मेरी रक्षा के लिए पर्याप्त नहीं होंगे। हालांकि शाकिब जनता के गुस्से को कम कर सकते हैं। मुझे लगता है कि उन्हें अपना राजनीतिक दृष्टिकोण स्पष्ट करना होगा। (बांग्लादेश के पूर्व कप्तान और सांसद) मशरफे मुर्तजा ने पहले ही अपनी स्थिति के बारे में बात की है। इसलिए अगर लोगों को सुरक्षा का खतरा है, तो कोई भी किसी को सुरक्षा नहीं दे सकता है।"
कानून सलाहकार आसिफ नज़रूल के हालिया बयान का जिक्र करते हुए महमूद ने कहा कि हत्या का मामला शाकिब के लिए बाधा नहीं बनना चाहिए। नज़रूल ने पिछले महीने और 25 सितंबर को बयान दिया था कि शाकिब को केवल एक मामले में नाम आने से गिरफ़्तारी का सामना नहीं करना पड़ेगा। महमूद ने कहा, "उनके मामले के बारे में कानून मंत्रालय पहले ही कह चुका है कि अगर किसी व्यक्ति की मिलीभगत नहीं है तो उसका नाम हटाया जा सकता है।"
महमूद के बयान से शाकिब को कुछ आश्वासन मिलना चाहिए। कथित तौर पर वह कानपुर टेस्ट के बाद वापस USA जा रहे हैं, जहां उनका परिवार रहता है। शाकिब 6 अक्तूबर से भारत के ख़िलाफ़ शुरू होने वाली तीन मैचों की श्रृंखला के लिए T2oI टीम का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने पहले ही इस प्रारूप से अपने संन्यास की घोषणा कर दी है।