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रणजी ट्रॉफ़ी : रनों के भूखे रिकी भुई ने आंध्रा को आगे बढ़ाया

मध्य क्रम के बल्लेबाज़ ने इस सीज़न अपने शॉट-रेंज का विस्तार किया है

Ricky Bhui in action, South Zone vs North Zone, semi-final, 4th day, Duleep Trophy, Bengaluru, July 8, 2023

रिकी भुई के लिए यह कमाल का सीज़न रहा है  •  PTI

रिकी भुई ने भारत के लिए 2014 और 2016 में दो अंडर-19 विश्‍व कप खेले, लेकिन उनका करियर वहां से आगे नहीं बढ़ सका। आठ साल बाद वह आंध्रा के लिए घरेलू क्रिकेट में बड़े रन बनाकर चमक रहे हैं। उन्‍होंने इस सीज़न हनुमा विहारी से आंध्रा की कप्‍तानी भी ली और बाद में IPL 2024 में दिल्‍ली कैपिटल्‍स के लिए खेलते दिखेंगे।
2013 से 67 प्रथम श्रेणी मैचों में उनकी औसत 45.36 की है। अगर आप जनवरी 2021 से देखेंगे तो उनकी औसत 55.89 की हो गई है।
तो भुई के लिए क्‍या बदलाव हुआ? भुई ने बिहार के ख़‍िलाफ़ पटना में होने वाले मैच से पहले कहा, "यह माइंडसेट है, क्‍योंकि एक घरेलू बल्‍लेबाज़ के तौर पर आपको लगातार रन बनाने चाहिए। आपको केवल एक शतक या एक बडे़ स्‍कोर से संतुष्‍ट नहीं होना चाहिए। देश में कई लोग हैं, जो रन बना रहे हैं। तो नज़रों में आने के लिए आपको बड़े रन बनाने होंगे। मैंने खु़द से कहा कि मुझे थोड़े रनों से संतुष्‍ट नहीं होना है और हर प्रारूप में रन बनाने हैं। हर दिन नया है और हर पारी ताज़ा है। मुझे मेरा माइंडसेट बदलना पड़ा और यह मुझे हर मैच में मदद कर रहा है।"
मौज़ूदा रणजी एलीट ग्रुप में भुई रन बनाने के मामले में तीसरे नंबर पर हैं। उन्‍होंने छह पारियों में 82 की औसत से 492 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक हैं। उनका मानना है कि मध्य क्रम में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उनके पास खेल और स्वभाव है।
भुई ने कहा, "मध्‍य क्रम का बल्‍लेबाज़ होने की वजह से आपको कई परिस्‍थतियों का सामना करना होता है। कई बार स्‍कोर 20 पर 2 या 200 पर 2 होगा और कई बार आपको रन बनाने के लिए गेंदबाज़ों के साथ खेलना होता है। तो आपको इन चुनौतियों के लिए तैयार रहना होता है। ओपनर के सामने अलग तरह की चुनौतियां होती है, जैसे ताज़ा विकेट पर खेलना, नई गेंद का सामना और ताज़ा स्‍पैल खेलना।"
"मध्‍य क्रम बल्‍लेबाज़ के तौर पर आपको टीम को फ़ीनिश लाइन तक भी ले जाना होता है। तो अलग परिस्‍थतियों में खेलना ही सबसे बड़ी चुनौती है। मैं अपने बचपन से ही मध्‍य क्रम में खेलता रहा हूं तो मैं इसका आदी हो गया हूं।"
भुई को विशेष रूप से बंगाल के ख़ि‍लाफ़ 175 रनों की पारी पसंद है क्योंकि यह विकेटकीपिंग के दौरान उनके सिर पर चोट लगने के बाद आई थी। इससे उबरने के बाद उन्होंने बड़ा शतक लगाकर बंगाल के 409 रन को पार किया और अपनी टीम को बढ़त दिलाई।
भुई ने कहा, "बंगाल के ख़‍िलाफ़ शतक ने मुझे बहुत आत्मविश्वास दिया क्योंकि वे पिछले साल उपविजेता रहे थे और उनके पास वास्तव में अच्छा गेंदबाज़ी आक्रमण था, जिसमें आकाश दीप और इशान पोरेल शामिल थे। उन्होंने पहली पारी में 409 रन बनाए। पहले दिन विकेटकीपिंग करते समय मेरे सिर पर चोट लग गई और मुझे पूरे दिन चक्कर आते रहे, इसलिए मैंने ब्रेक लिया और फिर लंबी पारी खेलने के लिए वापस आया, जिससे मुझे काफ़ी आत्मविश्वास मिला।"
भुई विकल्‍प के तौर पर विकेटकीपिंग करते हैं क्‍योंकि केएस भरत अभी उपलब्‍ध नहीं हैं। अपने दूसरे कौशल पर उन्‍होंने कहा कि इससे मुझे सफ़ेद गेंद क्रिकेट में भी फ़ायदा होता है। वह IPL 2024 में ऋषभ पंत और कुमार कुशाग्र के बाद दिल्ली कैपिटल्स के लिए विकेटकी‍पिंग बैकअप हो सकते हैं।
भुई ने कहा, "मैं पिछले चार-पांच साल से विकेटकीपिंग कर रहा हूं। जब केएस उपलब्‍ध होते हैं तो वह कीपर होते हैं, जब वह नहीं होते हैं तो मैं कीपिंग करता हूं। इससे हमें एक अतिरिक्‍त बल्‍लेबाज़ या अतिरिक्‍त गेंदबाज़ खिलाने का मौक़ा होता है। मैं सोचता हूं कि इस दूसरे कौशल से मुझे सफ़ेद गेंद क्रिकेट में भी फ़ायदा होता है। इन दिनों आप देख रहे हैं कि केएल राहुल भी कीपिंग कर रहे हैं और भी कई लोग कीपिंग करने लगे हैं। सफ़ेद गेंद क्रिकेट में आपके पास टीम की मदद करने के लिए दो कौशल होने चाहिए और मैं कीपिंग के लिए तैयार हूं।"
भुई ने अपने खेल में कुछ नए शॉट भी ईजाद किए हें, जो सैयद मुश्‍ताक अली टी20 ट्रॉफ़ी में देखने को मिले, जहां उन्‍होंने सात पारियों में 185 के स्‍ट्राइक रेट से 234 रन बनाए। इसके बाद उन्‍होंने कुछ IPL ट्रायल्‍स किए जिसमें दिल्‍ली कैपिटल्‍स भी शामिल थी। इससे बाद पिछले महीने हुई नीलामी में दिल्‍ली ने उन्‍हें उनके 20 लाख के बेस प्राइज़ में ख़रीद लिया।
भुई ने कहा, "मुझे लगता है कि IPL में वापस आने के बाद मुझे अपना कौशल दिखाने का अतिरिक्त मौक़ा मिला है। मैंने अपने सफे़द गेंद के खेल में सुधार किया है और कुछ नए स्ट्रोक जोड़े हैं। मैं निचले क्रम पर बल्लेबाज़ी कर रहा हूं, जिससे मेरे स्ट्राइक रेट में भी मदद मिली है। एक खिलाड़ी के रूप में मुझे इस प्रोत्साहन की आवश्यकता थी और मैंने छह-सात ट्रायल में भाग लिया। दिल्ली में ट्रायल बहुत अच्छा रहा और मैं भाग्यशाली था कि मुझे उनके द्वारा चुना गया। मैंने ऋषभ के साथ अंडर-19 विश्व कप भी खेला है और मैं दिल्ली कैपिटल्स के लिए प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हूं।"
भुई स्पिन के अच्छे खिलाड़ी हैं। उन्होंने चेन्नई लीग में नेल्सन क्लब के साथ काम किया है, जहां आपको अक्सर पहले सत्र से तेज़ी से टर्न लेने वाली पिचें मिलती हैं। उन्‍होंने कहा, "चेन्नई में विकेट या तो रैंक टर्नर हैं या बल्लेबाज़ी के लिए अच्छा है। मैंने वहां स्पिन के ख़ि‍लाफ़ अपने खेल में सुधार किया और लाल गेंद वाले क्रिकेट में लंबी पारी खेलने के लिए आवश्यक धैर्य बनाया। गेंदबाज़ चेन्नई में भी आसानी से रन नहीं देते हैं, इसलिए मैंने चेन्नई लीग से मेरे खेल में ये चीज़ सीखीं और जोड़ीं।"
बंगाल के उस मैच के बाद भुई ने आंध्रा के पूर्णकालिक कप्तान के रूप में पदभार संभाला और तब से टीम को तीन मैचों में दो जीत दिला चुके हैं। अक्सर मध्य सीज़न में कप्‍तानी में बदलाव टीम को बाधित कर सकता है, लेकिन आंध्रा में बदलाव सहज रहा है।
भुई ने कहा, "मूल रूप से विहारी अपनी बल्लेबाज़ी पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहते थे। कमोबेश यह वही टीम है, जो पिछले चार-पांच सीज़न से एक साथ खेल रहे हैं। इसलिए टीम के भीतर इसका हम पर ज्‍़यादा असर नहीं पड़ा और विहारी एक बल्लेबाज़ के रूप में फॉर्म में भी आ गए। इसकी टीम को ज्‍़यादा जरूरत थी और इससे टीम को मदद मिली। मैं कप्तानी को तनावपूर्ण काम के रूप में नहीं देखता क्योंकि मैं जानता हूं कि इन लड़कों ने एक साथ बहुत खेला है, इसलिए बताने के लिए ज्‍़यादा कुछ नहीं है। यह एक अच्छे टीम माहौल के बारे में है और मुझे पता है कि वे अपना काम करेंगे।"
आंध्रा अभी ग्रुप बी अंक तालिका में मुंबई से नीचे दूसरे स्थान पर है और बिहार के ख़‍िलाफ़ एक सीधी जीत नॉकआउट के लिए क्वालीफ़ाई करने की उनकी संभावनाओं को और मज़बूत करेगी। आंध्रा ने पिछले सीज़न में भी नॉकआउट में जगह बनाई थी, जहां उन्होंने इंदौर में क्वार्टर फ़ाइनल में मध्य प्रदेश के ख़ि‍लाफ़ पहली पारी में बढ़त हासिल की थी, लेकिन दूसरे में 93 रन पर ढेर हो गए और अंततः मैच हार गए। भुई को उम्मीद है कि आंध्रा इस सीज़न में नॉकआउट में और भी आगे जा सकता है।
"हमारा लक्ष्य जीतना है क्योंकि आंध्रा एक ऐसा राज्य है जहां हमारे पास अभी तक कोई ट्रॉफ़ी नहीं है। इस बार हम अच्छी तरह से तैयार हैं और अंत तक जाकर जीतना चाहते हैं। पिछली बार भी हम क्वार्टर फ़ाइनल में गए थे। हमारे पास ट्रॉफ़ी नहीं है लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों में हम लक्ष्‍य के नज़दीक पहुंच रहे हैं। अब हम एक क़दम या दो क़दम आगे बढ़ना चाहते हैं।"

देवारायन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।