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तनज़ीम हसन साकिब ने आपत्तिजनक फ़ेसबुक टिप्पणियों पर माफ़ी मांगी

बीसीबी के अधिकारी के अनुसार उन्होंने इन पोस्ट की "पूरी ज़िम्मेदारी" ली है और बोर्ड आगे उन पर नज़र रखेगी

Tanzim Hasan has played just one game for Bangladesh so far  •  Associated Press

Tanzim Hasan has played just one game for Bangladesh so far  •  Associated Press

15 सितंबर को एशिया कप में भारत के ख़िलाफ़ अपने वनडे डेब्यू पर प्रभावित करने वाले युवा तेज़ गेंदबाज़ तनज़ीम हसन साकिब ने फ़ेसबुक पर किए अपने आपत्तिजनक टिप्पणियों के चलते बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) से माफ़ी मांगी है। कुछ पोस्ट 2014 से हैं और बीसीबी क्रिकेट संचालन अध्यक्ष जलाल यूनुस ने कहा है कि तनज़ीम ने इन लिखित बयानों की पूरी ज़िम्मेदारी लेते हुए खेद प्रकट किया है।

यह पोस्ट अब हटा दिए गए हैं लेकिन तनज़ीम के दमदार डेब्यू के तुरंत बाद यह वायरल भी हो गए थे। सितंबर 2022 में तनज़ीम ने बांग्ला में लिखा था, "जो औरत काम करती है, वह अपने पति और बच्चों के क़ाबू से बाहर हो जाती है; वह अपने परिवार, परदा और समाज को बिगाड़ देती है।" इस साल अप्रैल में 20-वर्षीय तनज़ीम ने एक ऐसे चित्र को शेयर किया जो 1954 से कहा गया था। इसमें एक महिला बुर्क़े में रहते हुए रिक्श में सफ़र कर रहीं थीं और तनज़ीम ने इसे "सुनहरा इतिहास" बताया था।

एक अन्य पोस्ट में तनज़ीम ने लिखा था, "अगर आप विश्वविद्यालय में घुलने मिलने वाली लड़की से शादी करेंगे, तो वह कभी आपके बच्चे की सुशील मां नहीं बन सकती।" इसके अलावा 2014 में लगभग 11 साल की आयु में तनज़ीम ने 16 दिसंबर को बांग्लादेश के विजय दिवस पर जश्न ना मनाने का सवाल उठाया था।

यूनुस ने मंगलवार को बताया, "क्रिकेट संचालन कमेटी ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड की ओर से तनज़ीम साकिब से बात की। मीडिया कमेटी ने भी उनको समझाया। हमने उनके पोस्ट को लेकर उत्पन्न चर्चा के बारे में उन्हें बताया। उन्होंने कहा कि यह पोस्ट व्यक्तिगत थे और किसी और को संबोधित करते नहीं किए गए थे। उन्होंने माना कि अगर इनसे लोगों को ठेस पहुंची है तो उन्हें खेद है।

"उन्होंने इन पोस्ट में जो लिखा उसकी ज़िम्मेदारी ली है, हालांकि उनका कहना है कि वह स्त्री द्वेषी नहीं हैं। हमने उनको चेतावनी दी है कि बीसीबी अब से उनके फ़ेसबुक पर नज़र रखेगा। हमारे अलावा उनके परिवार को भी काफ़ी चिंता है। अभी आगे विश्व कप है और वह युवा खिलाड़ी हैं, तो हमने केवल चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया है। अगर लगता है कि [मानसिक] दिक़्क़त है, तो हम उनकी सहायता करेंगे।"

मोहम्मद इसाम ESPNcricinfo के बांग्लादेश संवाददाता हैं @isam84, अनुवाद सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन ने किया है