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रहाणे, शार्दुल और पाताल लोक से उनका मिलन

स्कॉट बोलंड को सुबह के सत्र में खेलना एक कठिन मैथ्स परीक्षा देने से कम नहीं, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों ने पर्याप्त काम किया

पाताल लोक का एक दृश्य  •  PA Images/Getty

पाताल लोक का एक दृश्य  •  PA Images/Getty

सुप्रभात।
यह हैं पाताल लोक में बिताए सुबह से कुछ पंक्तियां...
सुबह सवेरा शायद पाताल लोक का एक रूप है। किसी को सुबह पसंद नहीं होती। सुबह में शरीर और मन दोनों ठीक से काम करने में वक़्त लगाते हैं। शायद इसमें बच्चे अपवाद हैं, क्योंकि उनके शरीर और मन दोनों थके नहीं होते।

इस टेस्ट की पूर्वसंध्या पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को सुबह के 9:15 पर आना पड़ा था। आप रोहित से व्यक्तिगत तौर पर कितने भी अनजान हैं, आप को इतना पता होगा कि रोहित 'मॉर्निंग पर्सन' नहीं हैं। किसी से इतनी सुबह औपचारिक ज़िम्मेदारियों का पालन नहीं करवाया जाना चाहिए, पत्रकारों के तीख़े सवालों का सामना करना तो दूर की बात है।

इस टेस्ट में साधारण तौर पर 11 बजे के बजाय खेल सुबह 10:30 बजे शुरू होता आया है। लेकिन आप को पता है सुबह किस प्रजाति को भाती है? फ़ास्ट बोलर को।

अगर बच्चे पाताल लोक से जुड़े पंखे और लाइट हैं, तो फ़ास्ट बोलर इस ईमारत के चेयर और टेबल। जिस समय हम लोग अपनी सोच और दिमाग़ को सही से सजा रहे होते हैं, तब ये लोग 30 गज की दूरी से लहराते हुए आते हैं और गेंदों को 90 किमी प्रति घंटे पर फेंकते हैं। और स्कॉट बोलंड? उनको सुबह खेलना तो ऐसा हुआ, जैसे नींद से उठकर सीधा एक मैथ्स की परीक्षा में बैठना।

तीसरे दिन का दूसरा गेंद बोलंड ही करते हैं। यह एक ऐसा गेंदबाज़ है जो शायद कंप्यूटर द्वारा निर्धारित आदर्श तेज़ गेंदबाज़ी का प्रतिरूप कहलाएगा। भरत इस गेंद को खेलते हुए शायद सोच रहे होंगे, "अरे आप? यह क्या हुआ? आवाज़ कहां से आई? अच्छा, ये मेरे स्टंप्स थे?"

यह ऐसी गेंद है जो आप दोपहर के 2 बजे, शाम के 5 बजे या रात के 9 बजे भी खेलते हुए संघर्ष करते। सुबह के 10:32 बजे? नहीं भाई!

अगली गेंद सीधे शार्दुल ठाकुर के ग्लव्स पर लगती है। यह इशारा है कि आज की सुबह दर्द से रूबरू होना पड़ेगा। दो-तीन अंदर आती गेंदों के बाद बोलंड एक गेंद को बाहर निकलवाते हैं, शार्दुल का बाहरी किनारा स्लिप्स के ऊपर उड़ता हुआ निकल जाता है। शायद आज क़िस्मत उनका साथ दे?

अभी तो पाताल का खेल बस शुरू हुआ है। दूसरे छोर से गेंद थामते हैं पैट कमिंस। क्या इतना प्यारा दिखने वाला खिलाड़ी कभी पाताल का प्रायोजक हो सकता है? कोई इतनी सुबह इतना ताज़ा कैसे दिख सकता है? एक संवेदनशील व्यक्ति कैसे दिन में कम से कम 120 बार आपकी हड्डी-पसली को एक करने का ख़तरा पेश कर सकता है?

कमिंस ऐसे लेंथ पर गेंद डालते हैं, जिस पर अजिंक्य रहाणे ना तो ड्राइव लगा सकते हैं और ना ही उसे मार सकते हैं। गेंद सीम पर टप्पा खाकर बाहर निकलती है। उसी ओवर में शार्दुल को वह ललचाते हुए फ़ुल, वाइड गेंद डालते हैं और बाहरी किनारे को बीट करते हैं।

गुरुवार को बोलंड ने टेस्ट जीवन में पहला छक्का खाया। शुक्रवार को शायद उन्होंने अपना पहली ख़राब गेंद डाली। हालांकि उस गेंद के अलावा उनकी सारी गेंदें या तो सीम के ज़रिए अंदर आती हैं या बाहर निकलती हैं। एक गेंद शार्दुल के बाहरी किनारे से लगकर स्लिप्स के पास से चौके के लिए निकल जाती है।

अगले ओवर में कमिंस इतनी तीव्रता से गेंदबाज़ी करते हैं कि जल्द ही पिच किसी अस्पताल का वॉर्ड जैसा दिखने लगता है। शार्दुल को उनके दाएं हाथ की कोहनी के पास तीन गेंदों में दो बार गेंदें पड़ती हैं। ये गेंदें शॉर्ट नहीं थी लेकिन ज़बरदस्त तेज़ी से आई थीं। पाताल में कई लोगों का अनुभव शामिल है। नॉनस्ट्राइकर छोर पर रहाणे यही बात समझ लेते हैं।

पाताल अभी ख़त्म नहीं हुआ, भई। शार्दुल एक अतिरिक्त आर्म गार्ड दाएं हाथ पर पहनते हैं और एक दर्दनिवारक गोली भी खाते हैं। अगली गेंद बल्ले के हैंडल के ऊपर ग्लव्स पर लगती है। ओवर की आख़िरी गेंद एक पारंपरिक लेग ब्रेक है, लेकिन 90 किमी की गति पर!

इसके बाद रहाणे बोलंड का एक ओवर खेल लेते हैं जिस पर वह बल्ले का मुंह खोलते हुए छह रन बटोरते हैं। बावजूद इसके सीम से लगातार हरकत के चलते यह ओवर भी पाताल लोक का आभास लेकर आता है। इस बीच कमिंस की गेंद पर गली में कैमरन ग्रीन, शार्दुल के बल्ले से एक साधारण कैच ड्रॉप कर देते हैं। अगली दो गेंदें पैड और फिर उनके छाती से टकराती हैं। इनमें दूसरी गेंद नो-बॉल भी है। एक गेंद अंदर आती है और अंदरूनी किनारे से स्टंप्स के क़रीब जाकर गिरती है। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के अनुसार शार्दुल 40% के कंट्रोल प्रतिशत से बल्लेबाज़ी कर रहे हैं और यह बहुत अधिक लग रहा है।

बोलंड अभी भी चल रहे हैं। रहाणे डिफ़ेंड करते हुए सॉलिड दिख रहे हैं और एक आकर्षक कवर ड्राइव लगाते हैं। शायद उन्हें पाताल की आदत लगने लगी है? लेकिन तभी एक गेंद सीम पर पड़कर बाहर निकलती है और बाहरी किनारा गली के पास गिरती है।

अब सुबह के 11 बज चुके हैं। पाताल में एसी का प्रावधान हो या ना हो, गर्मी में गिरावट ज़रूर आई है। रहाणे थोड़े भाग्यशाली होते हैं जब कमिंस की एक लेंथ गेंद को बाहरी किनारे के सहारे चौके के लिए भेजते हैं। इसके बाद अगली गेंद को छक्के के लिए हुक कर देते हैं। बस बोलंड के पास एक और ओवर बचता है शार्दुल के साथ और खिलवाड़ करने के लिए। बैक ऑफ़ लेंथ, फ़ुलर लेंथ, अंदर, बाहर, एक गेंद अंगूठे पर...उपचार से ज़्यादा ऐसा लगता है शार्दुल को एक दोस्त की ज़रूरत पड़ेगी जो उन्हें दर्द, भय और अन्य जज़्बातों से उबरने की प्रेरणा दें।

चाहे कुछ भी हो, दोनों बल्लेबाज़ नाबाद हैं। अब समय 11:22 हो चुका है। एक घंटे से कम का खेल लेकिन कहीं ज़्यादा लगता हुआ। अब मिचेल स्टार्क आएंगे गेंदबाज़ी पर और पाताल लोक पर लगगे अल्पविराम।

उस्मान समिउद्दीन ESPNcricinfo में सीनियर एडिटर हैं