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मेहनत, अनुशासन और भाग्य : केरल के पहली बार रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल में पहुंचने का मंत्र

केरल के कप्तान सचिन बेबी ने बताया कि कैसे इस सीज़न उनकी टीम की क़िस्मत पलटी

Aditya Sarwate picked up five wickets, Kerala vs Punjab, Ranji Trophy, Elite Group C, Thumba, October 13, 2024

आदित्य सरवटे ने इस सीज़न बेहतरीन गेंदबाज़ी की है  •  Kerala Cricket Association

जम्मू कश्मीर के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी क्वार्टर फ़ाइनल मुक़ाबले के तीसरे दिन जब केरल की टीम पहली पारी के आधार पर पिछड़ती हुई दिख रही थी, तब केरल के मुख्य कोच अमेय खुरसिया अपने नंबर 11 बल्लेबाज़ बेसिल थंपी को जेसन गिलेस्पी से प्रेरणा लेने की सलाह दे रहे थे। उस समय केरल की टीम 80 रन से पिछड़ रही थी और आख़िरी विकेट के लिए थंपी के साथ सलमान निज़ार खड़े थे। जम्मू कश्मीर की पहली पारी की बढ़त का मतलब होता, केरल का प्रतियोगिता से लगभग बाहर होना क्योंकि यह एक नॉकआउट मुक़ाबला था।
खुरसिया ने उस शाम टीम मीटिंग में टीम को जेसन गिलेस्पी और ग्लेन मक्ग्रा की 114 रनों की साझेदारी वाला वीडियो दिखाया, जो कि 2004 में दोनों ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ ब्रिस्बेन टेस्ट में किया था।
टीम के कप्तान सचिन बेबी बताते हैं, "इससे पहले मैंने सलमान से बस इतना कहा था कि बढ़त को जितना हो सके, कम करो। इसके बाद अगर हम अच्छी गेंदबाज़ी करते हैं, तो कुछ भी हो सकता है। लेकिन इस मीटिंग के बाद सब कुछ बदल गया। इसके बाद हमने अपने आप से यही कहा कि छोड़ना नहीं है (never give up)।"
अगले दिन सलमान और थंपी ने 81 रनों की साझेदारी कर केरल को एक रन की महत्वपूर्ण और निर्णायक बढ़त दिला दी और केरल की टीम सिर्फ़ दूसरी बार रणजी ट्रॉफ़ी के सेमीफ़ाइनल में थी। इसके तुरंत बाद केरल की पारी सिमट गई। निज़ार 112 पर नाबाद रहें, जबकि थंपी ने 35 गेंदों पर 15 रनों का योगदान दिया। ड्रेसिंग रूम में लौटते वक़्त थंपी चिल्लाए, "कोच, मैंने कर दिखाया (Coach, I did it)।"

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अब बढ़ते हैं गुजरात के ख़िलाफ़ हुए सेमीफ़ाइनल मैच की तरफ़, जहां गुजरात को मैच के आख़िरी दिन पहली पारी की बढ़त लेने के लिए सिर्फ़ 28 रनों की ज़रूरत थी और उनके तीन विकेट हाथ में थे। इसी दौरान टीम के कप्तान बेबी ने एक आसान कैच टपकाया और पूरी टीम कह पड़ी- 'सचिन, ये तूने क्या किया?'
बेबी कहते हैं, "उस समय मुझे लगने लगा था कि शायद फ़ाइनल हमारे क़िस्मत में नहीं लिखी है। रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पहुंचने के लिए मुझे 99 प्रथम श्रेणी मैच लग गए और उस समय ऐसा लगा कि शायद यह मौक़ा भी हाथ से निकल गया। यह एक भयानक एहसास था।"
हालांकि दो गेंद बाद ही वह बल्लेबाज़ स्टंप आउट थे और पहली पारी की बढ़त लेने के लिए केरल अब बस दो विकेट दूर था। बेबी कहते हैं, "हमने मेहनत तो कर दी थी, अब हमें थोड़ी क़िस्मत की भी ज़रूरत थी।"
क़िस्मत इसलिए भी क्योंकि केरल के पास कोई रिव्यू नहीं बचा था। सिद्धार्थ देसाई का एक कैच सिली प्वाइंट पर लपका गया और केरल जश्न मनाने लगा। हालांकि रिव्यू में दिखा कि गेंद बल्ले पर नहीं बल्कि पैड पर लगकर गई थी। इसके बाद LBW का रिव्यू हुआ तो देखा गया कि गेंद स्टंप को लगती और देसाई आउट थे। शायद क़िस्मत इसी को ही कहते हैं।
अब फ़ाइनल में पहुंचने के लिए केरल को एक विकेट वहीं गुजरात को दो रनों की ज़रूरत थी। आदित्य सरवटे ने गेंद को अरज़न नागवासवाला की पैरों की ओर फ़्लाइट किया। अंदरूनी किनारा लगा, लेकिन शॉर्ट लेग पर खड़े निज़ार को रिऐक्ट करने के लिए मुश्किल से कोई समय मिला। गेंद उनके हेल्मेट पर लगकर स्लिप की ओर उछड़ गई और बेबी ने इसे कैच कर लिया।
फिर से शायद क़िस्मत इसी को ही कहते हैं।
बेबी बताते हैं, "पहले-पहल मुझे लगा कि यह नॉट आउट है, लेकिन चूंकि मेरे आस-पास सब जश्न मना रहे थे, तो मैं भी जश्न मनाने लगा।" केरल अब पहली बार रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में था।

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"आदी हम नागपुर जा रहे हैं, क्या तुम हमें घूमाओगे?"
केरल के टीम मैनेजर नाज़िर मचान, सरवटे से कहते हैं। सरवटे नागपुर से आते हैं। वह 2017-19 में विदर्भ को दो रणजी ट्रॉफ़ी जिताने वाले टीम के अहम सदस्य भी रह चुके हैं।
इस सीज़न से पहले सरवटे (35) का फ़िटनेस संदेह के घेरे में था और शायद ही वह केरल के शुरुआती एकादश में थे। लेकिन सीज़न से ठीक पहले श्रेयस गोपाल केरल से अपने गृहराज्य फिर से कर्नाटक की ओर चले गए, जिससे सरवटे को शुरुआती मैचों से ही मौक़ा मिल गया।
सेमीफ़ाइनल मैच सरवटे के लिए आसान नहीं था। पांचवें दिन के शुरू होने से पहले उनके आंकड़े 1/111 थे। इसके बाद उन्होंने तीन विकेट लिए और केरल को फ़ाइनल में पहुंचा दिया।
बेबी बताते हैं, "जब ग्रुप मुक़ाबले चल रहे थे, तभी मैंने एक बाद सरवटे से कहा था, 'कल्पना करो कि हम फ़ाइनल में विदर्भ के ख़िलाफ़ ही खेल रहे हैं और तुमने पंजा खोला है। तुम उनको गेंद दिखाते हुए मैदान से बाहर आओगे।' यह उनके लिए एक संदेश होगा।"
बेबी आगे कहते हैं, "सरवटे और जलज (सक्सेना) ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके बारे में मुझे अधिक सोचने की ज़रूरत नहीं है। अगर ज़रूरत हो तो वह पूरे दिन गेंदबाज़ी कर सकते हैं। वे बहुत मेहनत करने वाले खिलाड़ी हैं।"
सरवटे के तीन विकेट से पहले सक्सेना ने चौथे दिन ही गुजरात के चार ऊपरी क्रम के बल्लेबाज़ों को पवेलियन भेजा था। इन दोनों ने मिलकर इस सीज़न कुल 68 विकेट लिए हैं।
"जलज सक्सेना 38 साल के हैं और आप उनकी फ़िटनेस देखिए। क्या आप बिना फ़िटनेस के एक पारी में 70 ओवर डाल सकते हैं। वह एक उदाहरण हैं। जब नए लड़के उनको मेहनत करते देखते हैं, तो प्रेरित होते हैं। एक टीम कल्चर बनाना बहुत ज़रूरी होता है और अमेय सर ने यह काम बख़ूबी किया है। उनका संदेश साफ़ था : फ़िटनेस बहुत ज़रूरी है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता।"

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"बेबीचैन, चलो इसे केरल के लिए करते हैं।"
उंगली की सर्ज़री के बाद उबर रहे संजू सैमसन ने सेमीफ़ाइनल के बाद बेबी को मैसेज किया। वह दूर से ही टीम का समर्थन कर रहे थे। उनके साथ ही राल्फ़ी गोमेज़, वीए जगदीश, एस श्रीसंत, रोहन प्रेम और टीनू योहानन जैसे खिलाड़ी भी अपनी टीम का सपोर्ट कर रहे थे।
2018-19 में गोमेज, प्रेम और मोहम्मद अज़हरूद्दीन ने बेबी के कप्तानी के ख़िलाफ़ बगावत की थी और वॉकआउट किया था। इसके लिए उनपर ज़ुर्माना भी लगा था।
लेकिन यह अब बीती बात हो चुकी है।
सेमीफ़ाइनल में अज़हरूद्दीन ने अपना दूसरा प्रथम श्रेणी शतक लगाते हुए 177 रनों की पारी खेली और कप्तान बेबी के साथ एक अहम साझेदारी कर केरल को 457 के बड़े स्कोर तक पहुंचाया।
बेबी कहते हैं, "इस पारी की सबसे अच्छी बात यह रही कि जब तक अज़हर 150 के स्कोर तक नहीं पहुंचे, उन्होंने एक भी शॉट हवा में नहीं खेला। यह टीम के प्रति उनके समर्पण को दिखाता है।"
बेबी बताते हैं, "सीज़न से पहले अगस्त में अमेय सर के साथ हुई पहली मीटिंग में मैंने उनसे कहा था कि हमें बस दो चीज़ों की ज़रूरत है- अनुशासन और निचले क्रम की बल्लेबाज़ी। मुझे लगता है कि इन दोनों चीज़ों में हम बेहतर हुए हैं। अब टीम में यह बातचीत है कि इस सीज़न अभी हमें एक नहीं बल्कि दो मुक़ाबले खेलने हैं- फ़ाइनल और ईरानी कप। हमारा माइंडसेट अभी ऐसा है।"
सेमीफ़ाइनल के बाद केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने कहा था कि वह निज़ार के हेल्मेट को अपने ऑफ़िस में रखेंगे। रणजी ट्रॉफ़ी भी उसके साथ रखने का एक बुरा विकल्प नहीं होगा!

शशांक किशोर ESPNcricinfo में रिपोर्टर हैं