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राहुल : मैं बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर-नीचे जाने का आदी हो गया हूं

नंबर-6 पर जाने के बाद राहुल ने अपनी बाउंड्री हिटिंग पर काम किया है, जो सेमीफ़ाइनल में देखने को मिला

वनडे क्रिकेट में नंबर पांच पर नियमित रूप से भेजे जाने के बाद केएल राहुल ने मध्यक्रम के बल्लेबाज़ के रूप में अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है। 2020 से इस स्थान पर उनका औसत 61.52 है, जो कम से कम 20 पारियां खेलने वाले किसी भी बल्लेबाज़ से सबसे अधिक है। यहां तक कि हाइनरिक क्लासन का औसत भी राहुल के औसत से लगभग सात अंक कम है।
लेकिन चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले भारत अपने शीर्ष और मध्य क्रम में दाहिने हाथ के बल्लेबाज़ों के वर्चस्व को तोड़ना चाहता था और इसलिए अक्षर पटेल को नंबर 5 पर बढ़ावा देने का फैसला किया। इसके परिणामस्वरूप राहुल नंबर 6 पर आ गए, लेकिन उन्होंने उस स्थान पर भी ख़ुद को ढाल लिया है और अब वह बाउंड्री हिटिंग पर बहुत अधिक काम कर रहे हैं।
भारत के फ़ाइनल में जगह पक्की करने के बाद राहुल ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, "हां, मुझे शीर्ष क्रम में बल्लेबाज़ी करना पसंद है और मैं इस बाबत झूठ नहीं बोलूंगा। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैचों में ओपनिंग करने उस गेंदबाजी आक्रमण का सामना करने के बाद आप जानते हैं कि रेड-बॉल [क्रिकेट] कितना कठिन होता है। मैंने वहां ओपनिंग की और फिर यहां नीचे बल्लेबाज़ी करना थोड़ा अलग लगता है, लेकिन पिछले चार-पाँच वर्षों में मैंने इसी तरह सफ़ेद गेंद का क्रिकेट खेला है।
"इसलिए मैं बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर-नीचे जाने का आदी हूं। मुझे मध्यक्रम में खेलने का मौक़ा मिलने से ख़ुशी होती है और जो भी भूमिका दी जाती है, मुझे लगता है कि इसने मुझे अपने खेल को और अधिक समझने में मदद की है। मुझे पिछले एक साल में बाउंड्री हिटिंग पर बहुत अधिक काम करना पड़ा है क्योंकि श्रीलंका में हमने जो आख़िरी वनडे खेला था, उसमें मैंने नंबर 6 पर बल्लेबाजी की थी। इसलिए मुझे पता था कि इस टूर्नामेंट में मैं वहीं बल्लेबाज़ी करूंगा और हमें शीर्ष क्रम में एक बाएं हाथ के बल्लेबाज़ की ज़रूरत थी।"
चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले राहुल और ऋषभ पंत के बीच विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के स्थान के लिए मुक़ाबला था, लेकिन राहुल को अंततः मौक़ा मिला। मंगलवार को राहुल, अक्षर पटेल के विकेट गिरने के बाद बल्लेबाज़ी करने आए। उस समय भारत को दुबई की मुश्किल पिच पर 15 ओवरों में 86 रनों की ज़रूरत थी। जब विराट कोहली 84 रन बनाकर आउट हुए, तो ऐसा लगा कि ऑस्ट्रेलिया के पास एक मौक़ा है, लेकिन राहुल ने 34 गेंदों में नाबाद 42 रन बनाकर उस मौक़े को ख़त्म कर दिया। राहुल की इस पारी में दो चौके और दो छक्के शामिल थे।
भारत को फ़ाइनल में पहुंचाने के बाद राहुल से जब पूछा गया कि वह अपनी भूमिका के आसपास की अनिश्चितता से वह कैसे निपटते हैं, तो उन्होंने कहा, "सच कहूं तो मुझे लगता है कि 2020 से मैं नंबर 5 पर बल्लेबाज़ी कर रहा हूं और कई बार लोग भूल जाते हैं कि मैं वहीं बल्लेबाज़ी कर रहा हूँ। हर बार जब मैं किसी सीरीज़ में प्रदर्शन करता हूं और फिर वनडे से ब्रेक होता है तो फिर से सवाल उठता है कि 'क्या वह एकादश में खेलेगा, वह कहां फिट बैठता है'।
"कभी-कभी मैं बैठकर सोचता हूं कि मैं और क्या कर सकता हूं। मुझे जहां भी खेलने के लिए कहा गया है, मैंने खेला है और मुझे लगता है कि मैंने अपनी भूमिका निभाई है। रोहित [शर्मा] ने मुझे जो भी बताया है, मुझे लगता है कि मैंने अपनी पूरी क्षमता से वह किया है। मुझे पता है कि रोहित भी ऐसा ही महसूस करते हैं और उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया है, मेरा साथ दिया है। इसलिए मैच में जाते समय मुझे हमेशा यह आत्मविश्वास रहता है कि मेरा कप्तान मेरे साथ है।"
दुबई में सेमीफ़ाइनल के लिए एक नई पिच तैयार की गई थी, लेकिन यह अभी भी धीमी और स्पिन के अनुकूल थी। यह उन पिचों में से एक थी जहाँ स्ट्राइक रोटेट करना मुश्किल था, इसलिए राहुल ने महसूस किया कि हर ओवर में जोख़िम लेना उचित होगा, ख़ासकर जब कोहली दूसरे छोर पर पूरी तरह से नियंत्रण में थे। राहुल ने तनवीर सांघा, बेन ड्वारश्विस और एडम ज़ैम्पा को जल्दी-जल्दी चौके और छक्के मारे। इस बीच कोहली और हार्दिक पांड्या आउट हुए, लेकिन राहुल ने रवींद्र जाडेजा के साथ मिलकर काम पूरा किया।
राहुल ने कोहली के साथ अपनी बातचीत के बारे में कहा, "जब मैं अंदर आया और जब मैंने 10-12 गेंदें खेलीं तो मैंने उनसे कहा कि आप वह बल्लेबाज़, हैं जिन्हें अंत तक टिके रहना है। इसलिए मुझे कोशिश करने दो, हिट करने दो या मुझे हर ओवर में एक मौक़ा लेने दो। हमें केवल 6 रन प्रति ओवर की आवश्यकता थी, लेकिन इस विकेट पर 6 रन प्रति ओवर, 8-8.5 रन प्रति ओवर की तरह लग रहे थे। इसलिए आपको हर ओवर में एक मौक़ा लेना था- एक चौका या एक छक्का लगाने का प्रयास करना था।
"इसलिए, मैंने उनसे कहा कि मैं ऐसा करूंगा और आप स्ट्राइक रोटेट करिए और वहां टिके रहिए क्योंकि आप सेट बल्लेबाज़ हैं। यदि आप आउट होते हैं तो एक और नया बल्लेबाज़ आता है तो लक्ष्य कठिन भी हो सकता है।"

कुंबले : राहुल पर हमेशा बिना ज़रूरत का दबाव रहता है

पूर्व भारतीय कप्तान और कोच अनिल कुंबले का मानना है कि राहुल पर हमेशा बिना किसी ज़रूरत का दबाव रहता है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ इस पारी से उन्हें बहुत आत्मविश्वास मिलेगा।
कुंबले ने ESPNcricinfo मैच डे कार्यक्रम में कहा, "राहुल को अक्षर पटेल से ऊपर बल्लेबाज़ी के लिए आना चाहिए। मुझे पता है कि अक्षर ने विराट कोहली के साथ एक बढ़िया साझेदारी की, लेकिन राहुल भी ऐसा कर सकते हैं। उनमें निरंतरता है और वह लगातार ऐसा कर रहे हैं। हां, पिछले मैच में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने एक मौक़ा मिस किया था, लेकिन उसके अलावा वह बेहतरीन रहे हैं। इस पारी से निश्चित रूप से उन्हें बहुत आत्मविश्वास मिलेगा।
"उनके ऊपर हमेशा दबाव होता है। वह एक भी पारी में असफल रहते हैं, तो पूरी दुनिया उनके पीछे पड़ जाती है। पिछले मैच में कीपिंग के कारण उन पर दबाव था। लेकिन उन्होंने आज दिखाया कि वह क्या कर सकते हैं।"