मैच (23)
MLC (1)
ENG v WI (1)
IRE vs ZIM (1)
Men's Hundred (2)
एशिया कप (2)
विश्व कप लीग 2 (1)
Canada T20 (4)
Women's Hundred (2)
TNPL (3)
One-Day Cup (5)
SL vs IND (1)
फ़ीचर्स

मैच को फ़िनिश करने में अब भी माहिर हैं माही

धोनी के अनुभव और प्रिटोरियस के चालाकी भरे खेल ने कैसे मार ली बाज़ी

MS Dhoni and Dwaine Pretorius bump fists, Mumbai Indians v Chennai Super Kings, IPL 2022, DY Patil Stadium, April 21, 2022

एमएस धोनी और ड्वेन प्रिटोरियस ने दिलाई चेन्नई को दूसरी जीत  •  BCCI

डीवाई पाटिल स्टेडियम में मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेले जाने वाले हाई प्रोफ़ाइल मुक़ाबले को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जा सकता था। यह मैच बेहद ही ख़ास था। दोनों टीमों के झंडों के अलावा रोहित शर्मा और एमएस धोनी के नामों वाली जर्सी की सबसे अधिक बिक्री हुई थी। प्रशंसकों को कम ही पता था कि 22 खिलाड़ियों के बीच की लड़ाई का फ़ैसला उस जर्सी वाले खिलाड़ी के खेल से तय होगा, जिसकी जर्सी खेल से पहले और उसके दौरान पीले रंग के समुद्र में डुबी हुई थी। शायद वह जर्सी सबसे ज़्यादा बेची भी गई थी।
धोनी और लक्ष्य को फ़िनिश करने के बीच कोई न कोई नाता ज़रूर है। इसके परे कि वह उस फ़िनिश में मुख्य क़िरदार या मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं (2017 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ पल्लेकल में खेले गए वनडे को याद कीजिए)। गुरुवार रात का उनका सबसे ताज़ा फ़िनिश इन दोनों का मिश्रण था।
जब धोनी मैदान में आए, तब चेन्नई को जीत के लिए 31 गेंदों में 54 रनों की दरकार थी। ड्वेन प्रिटोरियस ने जब धोनी को ज्वाइन किया तब चेन्नई को 50 रनों की ज़रूरत थी और पारी की 26 गेंदें शेष थीं। अंतिम चार ओवरों में चेन्नई को 48 रन बनाने थे और इन चार ओवरों में जसप्रीत बुमराह और जयदेव उनादकट के दो-दो ओवर बचे हुए थे। उनादकट के ख़िलाफ़ टी20 में धोनी का रिकॉर्ड शानदार था। उनादकट की 36 गेंदों में धोनी ने ताबड़तोड़ 83 रन बनाए थे। जबकि उनादकट ने सिर्फ़ एक बार ही धोनी को आउट किया था। लेकिन धोनी से पहले प्रिटोरियस की बात कर ली जाए।
आईपीएल के इस सीज़न का अपना तीसरा मैच खेल रहे साउथ अफ़्रीकी ऑलराउंडर ने बुमराह की गेंद पर स्कूप करने का प्रयास किया क्योंकि वह आश्वस्त थे कि बुमराह ज़ाहिर तौर पर यॉर्कर गेंदें ही डालेंगे। प्रिटोरियस के इस असफ़ल प्रयास के तत्काल बाद ही धोनी ने उन्हें थोड़ा संयम बरतने के लिए कहा। प्रिटोरियस ने बुमराह द्वारा डाले गए तीन यॉर्कर पर दो सिंगल चुराए और उस ओवर में कुल छह रन गए।
उनादकट के आते ही गियर बदल लिया गया था। प्रिटोरियस ने उनादकट की एक गेंद को फ़ाइन लेग के ऊपर से स्टैंड्स में दाख़िल कर दिया। वहीं कुछ चौके भी उन्होंने जड़े, इनमें से एक प्रिटोरियस के स्कूप के ज़रिए आया था। बुमराह के 17वें ओवर के बाद एक वक़्त जब चेन्नई को जीत के लिए तीन ओवर में 42 रन चाहिए थे, जबकि पारी का 19वां ओवर करने आए बुमराह के ओवर से पहले अब चेन्नई को 12 गेंदों में अब 28 रन चाहिए थे। मुंबई के शीर्ष गेंदबाज़ पर प्रिटोरियस के आक्रमण के कारण अब चेन्नई को अंतिम ओवर में जीत के लिए 17 रन चाहिए थे।
मैच के बाद प्रिटोरियस ने बताया कि वह बुमराह के ओवर में पहले स्कूप के लिए जाना चाहते थे, लेकिन धोनी ने इंतज़ार करने क लिए कहा और उन्होंने वैसा ही किया। प्रिटोरियस ने कहा, "अगली बार जब मैंने धोनी से कहा कि मैं अब स्कूप के लिए जा रहा हूं तब धोनी ने भी हामी भर दी।"
मैच के अहम पड़ाव पर प्रिटोरियस रन आउट होने से बाल-बाल बचे थे। रोहित शर्मा ने नॉन स्ट्राइकर एंड पर उन्हें रन आउट करने का मौक़ा गंवा दिया था। लेकिन उनादकट ने अंतिम ओवर की पहली गेंद पर उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया। अब धोनी और उनादकट का आमना-सामना होना था। उस समय धोनी सात गेंदों पर दस रन बनाकर खेल रहे थे और चेन्नई को जीत के लिए चार गेंदों में 16 रनों की दरकार थी।
पहली गेंद पर धोनी ने छक्का जड़ा और अगली स्लोअर गेंद पर शॉर्ट फ़ाइन लेग की दिशा में पुल कर चार रन बटोर लिए। अब जीत के लिए दो गेंदों में छह रनों की ज़रूरत थी। रोहित बेबस नज़र आ रहे थे। उन्होंने टोपी भी अपनी आंखों के ऊपर रख ली थी। अगली गेंद धोनी ने मिडविकेट की दिशा में खेली और फ़ुर्ती से दो रन चुरा लिए। आख़िरी गेंद पर धोनी को जैसे ही पैरों में फुल टॉस मिला, उन्होंने गेंद को शॉर्ट फ़ाइन लेग के बगल से गेंद को बाउंड्री की शरण में भेज दिया।
उनादकट खड़े रहे, रोहित की झुकी आंखों ने सबकुछ बयां कर दिया। बुमराह और कायरन पोलार्ड ने निराशा और विस्मय में खुद को घसीटा, उस हिममानव से हाथ मिलाने के लिए। मैच के बाद प्रिटोरियस ने धोनी को लेकर कहा, "वह खेल को फ़िनिश करने में माहिर हैं और आज उन्होंने एक बार फ़िर कर दिखाया है।" टीम के कप्तान रवींद्र जाडेजा ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "मुझे लगता है कि दोनों डगआउट दबाव में थे। दुनिया का सबसे अच्छा फ़िनिशर मैदान में था और हम जानते थे कि अगर वह अंत तक बने रहे, तो वह निश्चित रूप से हमें जिता देंगे। मैंने कई मैच देखे हैं, जब माही भाई ने भारत को और आईपीएल में कई मैच जिताए हैं। उन्हें लय में और भूखा देखना काफ़ी अच्छा लगता है। जब भी वह रहते हैं तो ड्रेसिंग रूम में शांति का वातावरण रहता है।"
इस मुक़ाबले के बाद अब धोनी ने उनादकट की 43 गेंदों पर 244.18 के स्ट्राइक रेट से 105 रन बनाए हैं। यह किसी भी बल्लेबाज़ का आईपीएल में किसी एक विशेष गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ सबसे उम्दा रिकॉर्ड है।

एस सुदर्शनन ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के ए़डिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा (@imnot_nav) ने किया है।