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विदेश में शतक बनाकर मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला है : जाडेजा

जाडेजा ने ऋषभ पंत के साथ 222 रन की बड़ी साझेदारी की और भारत को संकट से उबारा

शतक बनाने के बाद दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते जाडेजा  •  Getty Images

शतक बनाने के बाद दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते जाडेजा  •  Getty Images

अगर आपको लगता है कि किसी ऑलराउंडर का बल्लेबाज़ी औसत 35 से अधिक और गेंदबाज़ी औसत 25 से कम है तो उसे अब कुछ भी साबित करने की ज़रूरत नहीं है, तो आप ग़लत हैं। अगर आपको लगता है कि 60 टेस्ट खेलने वाले रवींद्र जाडेजा को भी आत्मविश्वास बढ़ाने की ज़रूरत है, तो आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं।
वह विदेश में अपना पहला टेस्ट शतक बनाने के बाद संतुष्ट दिखाई दिए। दूसरे दिन के खेल के बाद उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा, "विदेश ख़ासकर इंग्लैंड के स्विंगिंग परिस्थितियों में शतक बनाकर मैं बहुत ख़ुश हूं। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। इस पारी से मुझे बहुत आत्मविश्वास मिलेगा।"
उन्होंने कहा, "इंग्लैंड में आपको शरीर के नज़दीक खेलना होता है। यहां पर गेंद स्विंग होती है, इसलिए अगर आप कवर या स्क्वेयर ड्राइव खेलना चाहते हैं तो बाहरी किनारा लगने का ख़तरा अधिक होता है। इसलिए मेरा लक्ष्य यही था कि मैं ऑफ़ स्टंप से बाहर की अधिकतर गेंदों का ना छेड़ूं। जब भी कवर या प्वाइंट की दिशा में फ़ील्डर नहीं होता है तब आप वहां पर रन बनाने की सोचते हैं, लेकिन इसी चक्कर में आप स्लिप में कैच दे बैठते हैं। इसलिए मेरी कोशिश थी कि मैं उसी गेंद को खेलूं जो मेरे शरीर के बिल्कुल क़रीब आ रही हो। अगर आपको पता है कि आपका ऑफ़ स्टंप कहां है तो आप आसानी से गेंदों को छोड़ने का निर्णय ले सकते हैं।"
जाडेजा की इस पारी के बाद जेम्स एंडरसन ने कहा कि वह अब एक पूर्ण और विशेषज्ञ बल्लेबाज़ बन गए हैं। इस पर जाडेजा ने कहा, "जब भी आप अच्छा खेलते हैं, रन बनाते हैं तब आपको भी लगता है कि आप एक विशेषज्ञ बल्लेबाज़ हैं। मैं जब भी बल्लेबाज़ी करने क्रीज़ पर आता हूं, हमेशा क्रीज़ पर समय बिताने और साझेदारी करने के बारे में सोचता हूं। अच्छा लगा कि एंडरसन को 2014 के बाद अब यह समझ में आया है।"
जाडेजा ने ऋषभ पंत के साथ 222 रन की बड़ी साझेदारी की और भारत को संकट से उबारा। इस साझेदारी में जहां पंत आक्रामक रहें, वहीं जाडेजा अपना स्वाभाविक खेल खेलते रहे। इस पर जाडेजा ने कहा, "हां, थोड़ा दबाव तो हट जाता है, जब आपके सामने वाला बल्लेबाज़ आक्रमण करता है। वह किसी भी गेंदबाज़ को नहीं छोड़ रहा था और सबको मार रहा था। दूसरे छोर पर यह सब देखना सुखद होता है और गेंदबाज़ का भी ध्यान आपके ऊपर नहीं रहता। वे पंत को ही आउट करने की सोच रहे थे। लेकिन एक बल्लेबाज़ के रूप में इंग्लैंड में आपको कभी भी अपना ध्यान नहीं खोना होता है। आप 50 पर खेल रहे हो या 70 पर, कोई भी एक अच्छी गेंद आएगी और आप पवेलियन में होंगे। मैं और ऋषभ यही बात कर रहे थे कि हमें एक लंबी साझेदारी बनानी है और टीम को अच्छी स्थिति तक ले जाना है। शायद हम वैसा करने में सफल रहे!"
भारतीय टीम एक समय 98 रन पर 5 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी, लेकिन अब उनके पास 416 रन हैं। इसके बाद उन्होंने 100 रन के भीतर ही इंग्लैंड की आधी टीम को पवेलियन भेज दिया है। हालांकि अभी भी क्रीज़ पर जॉनी बेयरस्टो और बेन स्टोक्स बने हुए हैं, जो किसी भी परिस्थिति में कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे में तीसरे दिन जाडेजा की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
जाडेजा ने कहा, "ऐसा हो सकता है कि अभी तक दूसरी पारी के दौरान खेल में कोई भूमिका नहीं रही है और यह अच्छा भी है। मैं चाहता हूं कि हमारे चार तेज़ गेंदबाज़ ही इंग्लैंड को पहली पारी में समेट दे। यही ही टीम के लिए बढ़िया होगा। मेरे काम है जब भी टीम को ज़रूरत हो, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूं। एक ऑलराउंडर के रूप में आपको रन बनाने और विकेट लेने की ज़रूरत होती है, मैं वही कर रहा हूं।"

उस्मान समिउद्दीन ESPNcricinfo में सीनियर एडिटर हैं